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    जागरण संवादी: राजस्थान के निर्दलीय युवा विधायक ने युवाओं को राजनीति में आने के लिए किया प्रेरित, कहा- पॉलिटिक्स गंदी नहीं

    Updated: Sat, 13 Sep 2025 01:13 AM (IST)

    ‘जागरण संवाद’ में राजस्थान के युवा विधायक रवीन्द्र सिंह भाटी ने युवाओं को राजनीति में आने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने वंशवाद की राजनीति से दूर रहने और जनसेवा को समर्पित होने का आह्वान किया। भाटी ने अपनी सफलता का श्रेय युवाओं को दिया जिन्होंने छात्र जीवन में उनका साथ दिया। उन्होंने टाफी पालिटिक्स नामक अनूठी चुनावी रणनीति का भी उल्लेख किया।

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    जागरण संवादी: राजनीति गंदी नहीं, ये वंशवादियों का गढ़ा नैरेटिव: रवीन्द्र भाटी

    आशीष गुप्ता, नई दिल्ली। संघर्षों के साये में इतिहास हमारा पलता है, जिस ओर जवानी चलती है, उस ओर जमाना चलता है। युवा ताकतवर हैं। वह जो चाह लेंगे, वैसा करके रहेंगे। रजवाड़ों की माटी राजस्थान से आए निर्दलीय युवा विधायक रवीन्द्र सिंह भाटी ने ‘जागरण संवादी’ में यह बात रखते हुए अपनी सफलता का श्रेय अपने क्षेत्र के युवाओं को दिया।

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    भाटी ने युवाओं को बेहिचक राजनीति में आने और देश के विकास की नई गाथा लिखने का मार्ग प्रशस्त किया। उन्होंने कहा कि कुछ लोग राजनीति को गंदा मानते हैं, जोकि वंशवादियों का गढ़ा गया नैरेटिव है।

    राजनीति में वंश चलाने वाले नहीं चाहते की ‘बाहरी’ इस क्षेत्र में आएं औ देश की तस्वीर बदलें। इस नैरेटिव की उलझन में युवा न फंसे। राजनीति में भाग्य आजमाएं। धरातल पर जन मानस के लिए काम करें। ऐसे करने वालों को समाज बिना किसी दल के अपनाता है।

    राजस्थान के बाड़मेर जिले की शिव विधानसभा सीट से विधायक रवीन्द्र सिंह भाटी ने बताया कि वह तीन वर्ष तक जोधपुर के जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष रहे। उस दौर में छात्रों के लिए संघर्षरत रहे।

    जेल तक गए। वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में किसी ने टिकट नहीं दिया तो निर्दलीय मैदान में उतरे। उस वक्त चुनाव में वही युवा ताकत बनकर साथ चले, जिनके लिए छात्र जीवन में संघर्ष किया था। उन्हीं ने बूथ स्तर तक चुनाव की कमान संभाली। उसका नतीजा रहा कि वह राज्य की सबसे बड़ी पंचायत के सदस्य बने।

    रवीन्द्र भाटी ने कहा कि जो युवा राजनीति को भविष्य चुनना चाहते हैं, उन्हें पर्सनल लाइफ छोड़ कर जन मानस के लिए जीवन समर्पित करना होगा। सिर्फ फोन चलाकर राजनीति में आना संभव नहीं। भाटी ने बताया कि वह राजस्थान की भाषा को मान्यता दिलाने, खेजड़ी मूवमेंट के जरिये ट्री प्रोटेक्शन एक्ट लागू कराने, पानी बचाने की दिशा में काम कर रहे हैं।

    बच्चे बने मेरे स्टार प्रचारक

    टाफी पालिटिक्स...यह अनोखा प्रयोग रवीन्द्र सिंह भाटी की चुनावी राणनीति का हिस्सा रहा। भाटी ने बताया कि जब वह विधानसभा चुनाव लड़ रहे तो यही सोचा कि हर घर तक कैसे पहुंचा जाए। तब ख्याल आया कि हर घर में बच्चे होते हैं, उनके जरिये घरों में मौखिक प्रचार किया जाए।

    उनको टाफी बांटी जाए, जब स्वजन पूछेंगे कि यह कहां से आई तो वह बताएंगे कि रवीन्द्र ने दी। उन्होंने कहा कि इस टाफी पालिटिक्स पर अमल किया तो बच्चे उनके लिए स्टार प्रचारक बन गए। रणनीति सफल साबित हुई, जिसका नतीजा जीत के रूप में निकला। महिलाओं के वोट सर्वाधिक मिले।

    छात्र राजनीति मेन स्ट्रीम में आने का रास्ता

    रवीन्द्र सिंह भाटी ने छात्रसंघ चुनाव कराए जाने की वकालत की। उन्होंने कहा राजस्थान में भी छात्रसंघ चुनाव होने चाहिए। छात्रसंघ एक नर्सरी की तरह है। मेन स्ट्रीम राजनीति के लिए यह जरूरी। इससे ही नए नेता निकलते हैं।