मध्यरात्रि जन्मे कृष्ण कन्हैया, झूम उठी राजधानी; भक्तों ने भजन-कीर्तन किए और लड्डू गोपाल को लगाया भोग
नई दिल्ली में भाद्रपद अष्टमी की मध्य रात्रि को जन्माष्टमी का उल्लास छाया रहा। मंदिरों और घरों में भगवान कृष्ण के जन्म की खुशी मनाई गई। मंदिरों को सजाया गया भक्तों ने भजन-कीर्तन किए और लड्डू गोपाल को भोग लगाया। बच्चों ने कृष्ण-राधा बनकर रासलीला की और इंटरनेट मीडिया पर भी भक्तिमय माहौल रहा। गोल मार्केट स्थित बिड़ला मंदिर में विशेष आयोजन किया गया।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। भाद्रपद अष्टमी की मध्य रात्रि में दिल्ली पूरी तरह कृष्णमय हो उठी। जैसे ही घड़ी की सुइयां 12 पर पहुंचीं, कान्हा के जन्म की गूंज से मंदिरों से लेकर घर- आंगन तक आनंद की लहर दौड़ पड़ी।
आकर्षक विद्युत सज्जा, रंग-बिरंगी झालरों और फूल-मालाओं से सजे मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। हर ओर ‘नंद के घर आनंद भयो, जय कन्हैया लाल के जयकारे गूंज उठा। ढोल- नगाड़ों और मंगलगीतों की गूंज के बीच भक्तों ने लड्डू गोपाल को झूले में झुलाया और माखन- मिश्री का भोग लगाया।
दिनभर उपवास रखने वाले श्रद्धालुओं ने रात को श्रीकृष्ण जन्म के साथ उल्लास मनाया। मंदिरों और घरों में जगह- जगह झांकियां सजाई गईं। कहीं भगवान राक्षस का वध करते दिखाई दिए तो कहीं गोपियों संग रास रचाते दिखे। बच्चों को कृष्ण और राधा का रूप धारण कराकर झांकियों में सजाया गया।
छोटे-छोटे कान्हा बने बच्चों ने जब मंच पर रासलीला प्रस्तुत की तो दर्शक भाव-विभोर हो उठे। महिलाएं घरों में मंगलगीत गाती रहीं और मंदिर परिसरों में देर रात तक भजन-कीर्तन और नृत्य का सिलसिला चलता रहा। पूरा वातावरण भक्तिरस में डूबा रहा।
जन्माष्टमी की रात इंटरनेट मीडिया भी भक्ति उल्लास से सराबोर रहा। भक्तों ने सोशल मीडिया पर मंदिरों की झलकियां और भजनों के वीडियो साझा किए। दिल्ली के प्रमुख मंदिर बिड़ला मंदिर सहित कई स्थानों पर देर रात तक श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती रही। इस दौरान मंदिरों में जगह- जगह पुलिसकर्मी तैनात रहें।
गोल मार्केट स्थित बिड़ला मंदिर में लीलाधर का जन्म उत्सव आकर्षण का केंद्र रहा। यहां पंचामृत से भगवान का अभिषेक किया गया। इसके बाद नृत्य कलाकारों ने कृष्ण भजनों पर मनमोहक प्रस्तुतियां दीं।
मंदिर में विशेष श्रृंगार आरती हुई और फिर भक्तों की उपस्थिति में एक हजार किलो का विशाल केक काटा गया। इसके बाद मंदिर के मुख्य प्रबंधक विनोद मिश्रा ने भक्तों को प्रसाद वितरित किया गया। मंदिरों में भक्ति भजनों के बीच श्रद्धालु देर रात तक पंक्तिबद्ध होकर दर्शन करते रहे। छोटे बच्चों की झांकियों ने सभी का मन मोह लिया।
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