भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग में फंसे कांग्रेस नेता कार्ति चिदंबरम को मिली तीन देशों की यात्रा की मंजूरी
दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने कार्ति चिदंबरम को यूरोप जाने की इजाजत दे दी है। अदालत ने कहा कि विदेश यात्रा संविधान के अनुच्छेद 21 के अंतर्गत जीवन और स्वतंत्रता का अधिकार है। उन्हें सितंबर अक्टूबर और नवंबर में फ्रांस स्पेन और ब्रिटेन जाने की अनुमति दी गई है। अदालत ने शर्तें भी लगाईं हैं जिनका उन्हें पालन करना होगा। कार्ति पर भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप हैं।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राउज एवेन्यू स्थित विशेष न्यायाधीश की अदालत ने भ्रष्टाचार और मनी लान्ड्रिंग मामलों में आरोपित कांग्रेस नेता कार्ति चिदंबरम को यूरोप जाने की अनुमति दे दी है।
अदालत ने कहा कि विदेश यात्रा करना संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन और स्वतंत्रता के अधिकार का एक अहम पहलू है।
विशेष न्यायाधीश दिग्विनय सिंह ने कार्ति को सितंबर, अक्टूबर और नवंबर में फ्रांस, स्पेन और ब्रिटेन जाने की अनुमति दी है। अदालत ने कहा कि इससे पहले भी उन्हें विदेश यात्रा की अनुमति दी गई थी और उन्होंने कभी उस स्वतंत्रता का दुरुपयोग नहीं किया।
कोर्ट ने यह भी उल्लेख किया कि कार्ति पहले ही एक करोड़ रुपये की एफडीआर अदालत में सुरक्षा राशि के रूप में जमा कर चुके हैं, जो रिकार्ड पर बनी रहेगी।
अदालत ने यात्रा की अनुमति के साथ कुछ शर्तें भी लगाई। अदालत ने कहा कि कार्ति विदेश में कोई नया बैंक खाता नहीं खोलेंगे और न ही कोई बंद करेंगे।
साथ ही कोई संपत्ति संबंधित लेन-देन नहीं करेंगे, न तो सुबूतों से छेड़छाड़ करेंगे और न ही गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश करेंगे। कार्ति चिदंबरम पर एयरसेल-मैक्सिस और आइएनएक्स मीडिया मामलों में भ्रष्टाचार व मनी लांड्रिंग के आरोप हैं।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उनके खिलाफ वर्ष 2011 में 263 चीनी नागरिकों को वीजा देने से जुड़े एक मामले में मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया था। उस वक्त उनके पिता पी. चिदंबरम देश के गृहमंत्री थे।
यह भी पढ़ें- मनीष सिसोदिया ने कहा- शिक्षा के प्रति करना है जागरूक, शुरू की “दुनिया की शिक्षा व्यवस्था और भारत” वीडियो सीरीज
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।