DDA ने कठपुतली कॉलोनी को दिया प्रगति अपार्टमेंट का नाम, दिसंबर 2025 की नई डेडलाइन जारी
दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने कठपुतली कॉलोनी प्रोजेक्ट का नाम बदलकर प्रगति अपार्टमेंट किया है जिसकी डेडलाइन बार-बार मिस हो रही थी। दिसंबर 2025 की नई डेडलाइन जारी की गई है। पहले चरण में 700 फ्लैट इस साल के अंत तक मिलने की संभावना है और पूरा प्रोजेक्ट जून 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है। यह इन सीटू पुनर्वास का पहला प्रोजेक्ट है।

संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। एक के बाद एक डेडलाइन मिस करने वाले महत्वाकांक्षी कठपुतली कॉलोनी प्रोजेक्ट का नाम ही दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने अब प्रगति अपार्टमेंट रख दिया है। शायद नाम बदल देने से प्रोजेक्ट में भी प्रगति आ जाए। इसके साथ ही दिसंबर 2025 की नई डेडलाइन भी जारी कर दी गई है।
संभावना जताई जा रही है पहले चरण के 700 फ्लैट तो इस साल के आखिर तक मिल ही जाएंगे। प्रोजेक्ट के पूर्णतया कंप्लीट होने की नई डेडलाइन जून 2026 कर दी गई है। याद रहे कि इससे पहले कालकाजी एवं जेलरवाला बाग जहां झुग्गी, वहां मकान प्रोजेक्ट का नाम भी डीडीए बदलकर क्रमश: आशा किरण अपार्टमेंट और स्वाभिमान अपार्टमेंट रख चुका है।
50 साल से अधिक पुरानी है कठपुतली कॉलोनी
यह स्लम कालोनी 1960-70 के दौरान बसी थी। इसमें राजस्थान से आए कठपुतली कलाकार, नृतक, गीतकार, जादूगर आदि बसे थे। इसके बाद यहां अन्य राज्यों से भी लोक कलाकार आकर बस गए। 1980 में कठपुतली कालोनी के कलाकारों को यूके में आयोजित फेस्टिवल आफ इंडिया की वजह से अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली। डीडीए ने इस जगह को खाली करवाने के प्रयास 1985 में शुरू किए और इन कलाकारों को वसंत कुंज, महरौली एवं द्वारका में पुनर्स्थापित करने की प्लानिंग की। लेकिन लोग इसके लिए तैयार नहीं हुए।
2018 में शुरू हुआ था निर्माण कार्य
जहां झुग्गी, वहां मकान योजना के तहत इस प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य अप्रैल 2018 में शुरू हुआ। तत्कालीन केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इसका शिलान्यास किया था। इसकी पहली डेडलाइन मार्च 2019 थी। इसके बाद कोविड की वजह से काम प्रभावित हुआ। बाद में भी इसकी डेडलाइन बढ़ती ही गई। इस बारे में डीडीए कभी कोई संतोषजनक जवाब ना मिला। पिछले माह केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खटटर ने भी यहां का दौरा किया था।
इन सीटू पुनर्वास का पहला प्रोजेक्ट है यह
डीडीए का यह पहला इन सीटू प्रोजेक्ट प्रोजक्ट है, जिसे रहेजा ग्रुप तैयार कर रहा है। 2008-09 में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप वाले इस प्रोजेक्ट को लांच किया गया था, लेकिन उस समय कठपुतली कालोनी के लोगों के विरोध को वजह से यह शुरू नहीं हो पाया। यहां रहने वालों में कठपुतली बनाने वाले, लोक गीत गायक, नर्तक आदि हैं। डीडीए ने यहां रहने वाले इन लोगों को 2014, 2015-16 और 2017 में आनंद पर्वत ट्रांजिट कैंप व नरेला के फ्लैटों में शिफ्ट किया था।
एक नजर में जानें कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
-यहां झुग्गियों में रहने वालों के लिए 2800 फ्लैट बनाए जा रहे हैं।
-कठपुतली कालोनी की 5.2 एकड़ जमीन पर फ्लैट बनाए जा रहे हैं।
-एक फ्लैट बनाने पर करीब 15 लाख रुपये खर्च।
-एक परिवार से सिर्फ 1.42 लाख रुपये लेकर फ्लैट दिया जाएगा। इसमें 30 हजार की राशि मरम्मत के लिए है।
-यहां दो ओपन एयर थियेटर और स्कूल का निर्माण किया जाना है।
-5.2 हेक्टेयर जमीन का 3.4 हेक्टेयर भाग कालोनी के पुनर्वास में इस्तेमाल होगा।
-सभी फ्लैट 37 स्क्वायर फीट के होंगे।
-फ्लैट में एक बेडरूम, हाल, किचेन, टायलेट, बाथरूम और बालकनी होगी।
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