Delhi Crime: बिहार के रेत खनन माफिया को कारतूस सप्लाई करने वाले गिरोह का सरगना यूपी से गिरफ्तार
पूर्वी जिला पुलिस उपायुक्त प्रियंका कश्यप ने बताया कि छह अगस्त को आनंद विहार बस अड्डे के पास से दो व्यक्तियों के ट्राली बैग से 2251 कारतूस बरामद किए थे। इस मामले में छह आरोपितों को गिरफ्तार किया गया था। इसी मामले में सरगना की गिरफ्तारी हुई है।

नई दिल्ली [आशीष गुप्ता]। कारतूसों की तस्करी करने वाले गिरोह के सरगना को पटपड़गंज औद्योगिक क्षेत्र थाना पुलिस ने उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले से गिरफ्तार किया है। आरोपित शुभम सिंह उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के सुइथाकला का रहने वाला है। वह मेरठ में शस्त्र अधिनियम के एक मामले में पहले भी गिरफ्तार हो चुका है। उसने पूछताछ में पुलिस को बताया कि वह देहरादून से कारतूस लेकर दिल्ली होते हुए बिहार के आरा जिले के भोजपुर क्षेत्र में सक्रिय रेत खनन माफिया तक पहुंचाता है। इसके गिरोह के तीन गुर्गे, देहरादून के गन हाउस का मालिक व उसके दो साथी पहले ही दबोचे जा चुके हैं।
2251 कारतूस हुए थे बरामद
पूर्वी जिला पुलिस उपायुक्त प्रियंका कश्यप ने बताया कि छह अगस्त को आनंद विहार बस अड्डे के पास से दो व्यक्तियों के ट्राली बैग से 2251 कारतूस बरामद किए थे। इस मामले में छह आरोपितों को गिरफ्तार किया गया था। उस वक्त तस्कर गिरोह का सरगना हत्थे नहीं चढ़ा था। तब से उसे दबोचने का प्रयास किया जा रहा था। इसके लिए उनकी देखरेख में एसीपी मधु विहार नीरव पटेल और पटपड़गंज औद्योगिक क्षेत्र थाने के एसएचओ सुरेंद्र कुमार के नेतृत्व में कई गठित की गई थीं। इलेक्ट्रानिक सर्विलांस की मदद से कारतूस तस्कर गिरोह के सरगना शुभम सिंह की लोकेशन उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले में पता की गई।
लोकेशन का पता लगने पर टीम को मिली सफलता
इतना मालूम होने पर इंस्पेक्टर नरेंद्र, एएसआइ नीरज, हेड कांस्टेबल जगसोरन, करनाल और लोकेंद्र की टीम को सुल्तानपुर भेजा गया। इधर, दिल्ली बैठ कर एक टीम तकनीकी सर्विलांस व काल डिटेल रिकार्ड (सीडीआर) के जरिये शुभम सिंह की बदलती लोकेशन पर निगाह रख कर सुल्तानपुर गए पुलिसकर्मियों को उसके बारे में अपडेट करती रही। वह केवल वाई-फाई नेटवर्क का उपयोग कर रहा था, ताकि पुलिस उस तक न पहुंच सके। उसके बावजूद टीम ने उसकी सटीक लोकेशन का पता कर उसे दबोच कर दिल्ली ले आई।
बिहार में रेत माफिया को करता था सप्लाई
आरोपित शुभम ने पूछताछ में बताया कि वह 17 साल की उम्र में हत्या का प्रयास करने के आरोप में जौनपुर में जेल गया था। वहां से बाहर आने के बाद एक हथियार तस्कर से उसकी मुलाकात हुई। फिर वह तमंचा और कारतूस की तस्करी के धंधे में उतर गया। बिहार के आरा जिले के भोजपुर क्षेत्र में सोन नदी से रेत खनन करने वाले माफिया को तमंचे व कारतूस पहुंचाने लगा। यह काम करते हुए वह मेरठ के कारतूस तस्कर अनिल बालियान के संपर्क में आया और उसके माध्यम से वह देहरादून के गन हाउस मालिक परीक्षित नेगी के नेटवर्क से जुड़ गया। पूछताछ में बताया कि खनन माफिया को छह राइफल भी पहुंचा चुका है।

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