जेएनयू में पहली बार दिखा तेंदुआ, विश्वविद्यालय ने जारी किया अलर्ट; खिड़की-दरवाजे बंद रखने का निर्देश
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में पहली बार तेंदुआ दिखाई देने से हड़कंप मच गया। वन विभाग ने पैरों के निशान से इसकी पुष्टि की है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों को छात्रावास में रहने और जंगलों से दूर रहने की सलाह दी है। सुरक्षा परामर्श जारी किया गया है और वन विभाग की टीम रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है। छात्रों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में पहली बार तेंदुआ दिखाई दिया है। फुट प्रिंट से वन विभाग की ओर से इसकी पुष्टि की गई है।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने सभी छात्रों को छात्रावास में रहने की सलाह दी है। जंगलों से दूर रहने को कहा है। वन विभाग की टीम देर रात विश्वविद्यालय पहुंची। उन्होंने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया है।
तेंदुए को अरावली गेस्ट हाउस के पहाड़ों में एक छात्र ने सबसे पहले देखा। छात्र यहां कुत्तों और बिल्लियों को फीडिंग कराता है। इसी के लिए वह इलाके में घूम रहा था। जहां उसे तेंदुआ दिखाई दिया।
उसने विश्वविद्यालय प्रशासन को इसकी सूचना दी। विश्वविद्यालय के सुरक्षा अधिकारियों ने मौके पर जाकर हाल देखा। इसके बाद सूचना वन विभाग को दी गई।
वन विभाग के एक छोटे दल ने फुट प्रिंट के आधार पर जानवर के तेंदुआ होने की पुष्टि कर दी। इसके बाद विश्वविद्यालय ने अनौपचारिक रूप से एक सुरक्षा संबंधी एडवाइजरी जारी कर दी।
विश्वविद्यालय को अलर्ट कर दिया गया है। सभी से छात्रावासों में रहने को कहा गया है। विश्वविद्यालय ने एडवाइजरी में कहा है कि दरवाजे और खिड़कियां बंद रखें।
समूहों में घूमें, सार्वजनिक क्षेत्रों की लाइटें जलाए रखें, बाथरूम आदि के दरवाजे बंद रखें, कावेरी, पेरियार और गोदावरी छात्रावासों में गश्त करें जहां दिव्यांग छात्र रहते हैं, स्टेडियम और यमुना किनारे अतिरिक्त सतर्कता बरतें।
जेएनयू की अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. मनुराधा चौधरी ने कहा, सुरक्षा अधिकारी वन विभाग के साथ समन्वय बना रहे हैं। रात में टीम आएगी और सर्च अभियान चलाया जाएगा।
अवकाश होने की वजह से छात्रों के लिए आधिकारिक अधिसूचना जारी नहीं की जा सकी है। लेकिन, अनौपचारिक रूप से छात्रों और वार्डन तक संदेश दिया गया है कि वह सर्तकता बरतें।
उन्होंने कहा कि इससे पहले तेंदुआ कभी परिसर में दिखाई नहीं दिया है। लेकिन, अरावली क्षेत्र वाला जोन तेंदुओं की उपस्थिति के लिए जाना जाता है।
इसलिए यहां इसका आना कोई अचरज की बात नहीं हैं। सभी शिक्षकों और छात्रों को एहतियात बरतने की सलाह दी गई है।
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