अंडमान व निकोबार द्वीप समूह को विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल बनाने में मदद करेगा DDA, एमओयू पर हुए हस्ताक्षर
दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) अंडमान और निकोबार द्वीप समूह को विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल बनाने में सहयोग करेगा। इसके लिए डीडीए ने अंडमान एवं निकोबार प्रशासन के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस पहल का उद्देश्य स्वराज द्वीप आइलैंड जेट्टी एरिया का पुनरुद्धार पोर्ट ब्लेयर में सेल्युलर जेल और मरीना के आसपास एक परिसर का विकास करना है।

जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली। दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह (Andaman and Nicobar Islands) को विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल बनाने में सहयोग करेगा। इसके लिए शुक्रवार को डीडीए ने अंडमान एवं निकोबार प्रशासन के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।
इसके तहत स्वराज द्वीप आईलैंड, जेट्टी एरिया का पुनरुद्धार, पोर्ट ब्लेयर में सेल्युलर जेल और मरीना के आसपास एक परिसर का विकास शामिल है। इसका उद्देश्य इन स्थलों को विश्व स्तरीय पर्यटन स्थलों में बदलना है। डीडीए (DDA News) द्वीप समूह में विभिन्न प्रमुख परियोजनाओं के विकास के लिए नॉलेज पार्टनर के रूप में काम करने के साथ तकनीकी विशेषज्ञता साझा करेगी।
दोनों राज्यों के राज्यपाल ने किए हस्ताक्षर
यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) द्वारा व्यक्त कॉपरेटिव और प्रतिस्पर्धी फेडरलिज्म के विजन के अनुरूप है।असिता पार्क में शुक्रवार को द्विपक्षीय बैठक हुई, जिसमें समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए। इसमें दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना और अंडमान एवं निकोबार दीप समूह के उपराज्यपाल एडमिरल डीके जोशी, डीडीए और अंडमान एवं निकोबार प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
असीता पार्क में एलजी विनय कुमार सक्सेना और अंडमान निकोबार के एलजी डीके जोशी एमओयू पर हस्ताक्षर करते हुए
उपराज्यपाल वीके सक्सेना (VK Saxena) ने द्वीपों की पर्यावरणीय और आर्थिक संभावनाओं को बढ़ाने पर केंद्रित एक विजन को साझा किया। उन्होंने क्षेत्र के विकास को आगे बढ़ाने में नॉलेज एक्सचेंज और आपसी सहयोग के महत्व पर जोर दिया। डीडीए और अंडमान एवं निकाबार के अधिकारियों ने पहले ही द्वीप समूह में विभिन्न स्टेक होल्डरों के साथ विचार-विमर्श, साइट दौरे और परामर्श कर ली थी।
डीडीए ने अपनी परियोजनाओं के बारे में दी जानकारी
इसके लिए लैंडस्केप आर्किटेक्ट, योजनाकारों और इंजीनियरों सहित डीडीए की एक बहु-विषयक टीम इन विकास परियोजनाओं के लिए अंडमान प्रशासन के साथ मिलकर काम करेगी। डीडीए ने अपनी परियोजनाओं पर प्रकाश डाला।
इसके तहत बताया गया कि यमुना नदी के पुनरुद्धार के लिए बड़े पैमाने पर तट पर सुंदरीकरण किया जा रहा है, जिनमें असिता भी शामिल है, जो कभी अतिक्रमित भूमि थी और अब यह हरे-भरे पार्क में बदल गई है।
इसके अलावा, बांसेरा-बेंबू पार्क विकसित किया है, जो कभी सी एंड डी अपशिष्ट क्षेत्र था। यमुना के पश्चिमी तट पर वासुदेव घाट विकसित हुआ,जहां हर सप्ताह दो बार यमुना आरती होती है।
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