दिल्ली में लापता डेंगू मरीजों से MCD परेशान, बढ़ रहा संक्रमण का खतरा
दिल्ली में एमसीडी के लिए 500 से ज्यादा डेंगू के ऐसे मरीज चुनौती बन गए हैं जिनका पता नहीं चल पा रहा। इन मरीजों के न मिलने से डेंगू मलेरिया और चिकनगुनिया फैलने का खतरा बढ़ गया है। एमसीडी के कर्मचारी मरीजों को ढूंढने में लगे हैं पर कई पते गलत हैं। अस्पतालों में गलत पते लिखवाने से परेशानी बढ़ रही है।

निहाल सिंह, नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में एमसीडी के लिए 500 से ज़्यादा ऐसे मरीज़ चुनौती बन गए हैं जिनमें डेंगू की पुष्टि तो हो गई है, लेकिन वो मिल नहीं रहे हैं। ऐसे में इन मरीजों ने निगम की परेशानी बढ़ा दी है क्योंकि मरीज़ों के न मिलने से डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया फैलने का ख़तरा बढ़ गया है।
हालांकि, इन मरीज़ों को ढूँढने के लिए एमसीडी के डोमेस्टिक ब्रीडिंग चेकर्स (डीबीसी) कर्मचारी तलाशी अभियान में लगे हुए हैं। जिसमें लगभग 215 मरीज़ों का पता तो मिल गया है, लेकिन उन पतों पर बताए गए नाम वाले मरीज़ नहीं मिले हैं। जिससे दूसरे लोगों में भी डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया फैलने की आशंका बढ़ रही है।
गौरतलब है कि डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया मच्छरों के काटने से होता है। डेंगू की बात करें तो यह एडीज़ मादा मच्छर के काटने से होता है। यह मच्छर डेंगू से संक्रमित मरीज़ को काटने पर डेंगू से संक्रमित हो जाता है।
ऐसे में अगर मच्छर डेंगू से संक्रमित होने के बाद किसी और सामान्य व्यक्ति को काटता है, तो उसे भी डेंगू हो जाता है। मलेरिया और चिकनगुनिया में भी यही स्थिति है।
निगम की रिपोर्ट के अनुसार, 1 जनवरी से 13 सितंबर तक निगम को डेंगू के 360 मरीज़ ऐसे मिले जिनके पते गलत या अधूरे थे, जबकि निगम को 150 मरीज़ों के पते तो मिले, लेकिन मरीज़ बताए गए पतों पर नहीं मिले। मलेरिया के मामले में भी यही स्थिति है।
एमसीडी को 59 मरीज़ ऐसे मिले जिनके पते अधूरे या गलत थे, जबकि 54 मरीज़ ऐसे मिले जिनके पते तो मिले, लेकिन मरीज़ बताए गए पतों पर नहीं मिले। चिकनगुनिया के 17 मरीज़ों के पते भी गलत और अधूरे पाए गए, जबकि 13 मरीज़ों के पते तो मिले, लेकिन मरीज़ नहीं मिले।
अस्पतालों की गलतियों से बढ़ती है लापरवाही
एमसीडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अधूरे या गलत पते वाले मरीज़ों के लिए अस्पताल की ओपीडी या आपातकालीन खिड़की पर कर्मचारी बैठे रहते हैं। वे मरीज़ की जाँच करवाने या अस्पताल या डिस्पेंसरी में दिखाने के लिए उसके पंजीकरण के दौरान गलत या अधूरा पता लिखवा रहे हैं। ऐसे में इन मरीज़ों को ढूँढना हमारे लिए एक चुनौती है। क्योंकि हमारा मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) यह है कि हम किसी भी मरीज़ के घर के आसपास मच्छरों के स्रोत की जाँच करते हैं।
इसके साथ ही, ज़रूरत पड़ने पर मच्छर-रोधी दवाओं का छिड़काव और फॉगिंग भी करते हैं। अगर मरीज़ नहीं मिलता, तो दूसरों में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया फैलने का ख़तरा बढ़ जाता है। क्योंकि हमारी सलाह है कि डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया से पीड़ित मरीज़ मच्छरदानी में सोएँ ताकि उन्हें किसी और मच्छर के काटने से संक्रमण न हो।
बढ़ रहे मलेरिया और चिकनगुनिया के मरीज
इस साल राजधानी दिल्ली में मलेरिया और चिकनगुनिया के मरीज़ों की संख्या डेंगू के मरीज़ों से ज़्यादा बढ़ रही है। पिछले एक सप्ताह में मलेरिया के 33 नए मरीज़ों के साथ कुल मरीज़ों की संख्या 297 हो गई है। जो वर्ष 2024 की तुलना में 271 मरीज़ों से ज़्यादा है।
इसी प्रकार, चिकनगुनिया के चार नए मरीज़ों के साथ कुल मरीज़ों की संख्या 46 हो गई है, जो वर्ष 2024 की तुलना में 33 मरीज़ों से ज़्यादा है। पिछले एक सप्ताह में डेंगू के 62 मरीज़ों की पुष्टि हुई है, जिससे कुल मरीज़ों की संख्या 619 हो गई है, जो वर्ष 2024 की तुलना में 709 मरीज़ कम है।
डेंगू मलेरिया के मरीज़ों के आंकड़े
वर्ष | मलेरिया | डेंगू | चिकनगुनिया |
---|---|---|---|
2021 | 68 | 158 | 40 |
2022 | 63 | 295 | 14 |
2023 | 210 | 2097 | 20 |
2024 | 271 | 709 | 33 |
2025 | 297 | 619 | 46 |
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