अमेरिका से प्रत्यर्पित आरोपित मोनिका कपूर को कोर्ट ने दी जमानत, बिना अनुमति देश नहीं छोड़ने के आदेश
राउज एवेन्यू कोर्ट ने मोनिका कपूर को जमानत दी जो अमेरिका से प्रत्यर्पित की गई थीं। अदालत ने उनकी सीमित भूमिका और लंबी कानूनी प्रक्रिया को ध्यान में रखा। CBI के अनुसार उन्होंने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर ड्यूटी फ्री गोल्ड का दुरुपयोग किया जिससे सरकार को 2.84 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। मोनिका के अधिवक्ता ने कहा कि वह व्यापार में सक्रिय नहीं थीं।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राउज एवेन्यू स्थित विशेष न्यायाधीश की अदालत ने मेरिका से प्रत्यर्पण कर भारत लाई गई आरोपित मोनिका कपूर को जमानत दे दी। विशेष न्यायाधीश संजय खानागवाल ने माना कि मोनिका कपूर की भूमिका सीमित थी और 56 वर्ष की उम्र में लंबे समय से कानूनी प्रक्रिया का सामना कर रही हैं।
इसके साथ ही उन्होंने अमेरिका में लंबी प्रत्यर्पण प्रक्रिया भी झेली। इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए उन्हें अदालत ने एक लाख के निजी मुचलके पर जमानत दे दी। कोर्ट ने शर्त रखी है कि वह बिना अनुमति देश नहीं छोड़ेंगी और पासपोर्ट अदालत में जमा करेंगी। वह 10 जुलाई 2025 से न्यायिक हिरासत में थीं।
सरकार को 2.84 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ
सीबीआइ द्वारा दर्ज मामले में आरोप है कि मोनिका कपूर, राजन खन्ना और राजीव खन्ना के साथ मिलकर फर्जी शिपिंग बिल, इनवाइस और बैंक दस्तावेजों के जरिए विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) को गुमराह करते हुए ड्यूटी फ्री गोल्ड का दुरुपयोग किया गया, जिससे सरकार को 2.84 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ।
मोनिका कपूर की ओर से पेश अधिवक्ता ने दलील दी कि उनकी मुवक्किल व्यापार में सक्रिय नहीं थीं और मात्र हस्ताक्षरकर्ता थीं। उन्होंने बताया कि वह 19 वर्ष की उम्र में विवाह के बाद अमेरिका चली गई थीं और उनके भाई व्यापार का संचालन करते थे। दोनों सह-आरोपितों को पहले ही सजा सुनाई जा चुकी है और उन्होंने दोष स्वीकार कर मुआवजा जमा कर दिया था।
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