'मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड समान नागरिक संहिता पर मुस्लिमों को भड़का रहा है', पत्र जारी होने के बाद VHP की आपत्ति
विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने ट्वीट कर कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड मुस्लिमों को समान नागरिक संहिता पर भड़काने में जुटा हुआ है। वह विधि आयोग द्वारा जनता से मांगे गए सुझावों को प्रभावित कर अपनी महिला व बाल विरोधी मानसिकता को सभी मुसलमानों के साथ विधि आयोग पर थोपना चाह रहा है। उन्होंने इससे देशवासियों को सावधान रहने को कहा है।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। समान नागरिक संहिता पर आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड (एआइएमपीएलबी) द्वारा चलाए जा रहे इंटरनेट आधारित अभियान पर विहिप ने आपत्ति जताई है तथा इसे मुस्लिमों को बरगलाने का हथकंडा बताया है। एआइएमपीएलबी द्वारा हाल ही में एक पत्र जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि समान नागरिक संहिता के माध्यम से धार्मिक सांस्कृतिक स्वतंत्रता पर पहुंचाई जा रही है।
इस संबंध में भारत की विधि आयोग ने देश के शहरों से समान नागरिक संहिता के बारे में राय मांगी है। हमें इस संबंध में बड़े पैमाने पर उत्तर देना चाहिए और समान नागरिक संहिता का विरोध करना चाहिए।
इस पत्र में एक क्यूआर कोड आधारित एक लिंक भी साझा किया गया है, जिसको स्कैन करते ही जीमेल पर समान नागरिक संहिता के विरोध में लिखे शब्द आ जाते हैं, जिसे केवल अपना नाम लिखकर भेज देना है। यह पत्र पर्सनल ला बोर्ड के महासचिव मोहम्मद फजलु रहमानी मुजद्दीदी के नाम से जारी है। जो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो रहा है।
इस संबंध में विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने ट्वीट कर कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड मुस्लिमों को समान नागरिक संहिता पर भड़काने में जुटा हुआ है। वह विधि आयोग द्वारा जनता से मांगे गए सुझावों को प्रभावित कर, अपनी महिला व बाल विरोधी मानसिकता को सभी मुसलमानों के साथ विधि आयोग पर थोपना चाह रहा है। उन्होंने इससे देशवासियों को सावधान रहने को कहा है।
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