नेशनल हेराल्ड मामले में अदालत ने कहा- 26 सितंबर तक फाइलें पेश करें और गहराई से करें जांच
दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने नेशनल हेराल्ड मामले में जांच तेज करने का आदेश दिया है। अदालत ने ईडी को 26 सितंबर तक फाइलें पेश करने को कहा है। सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर मनी लांड्रिंग का आरोप है जिसमें 2000 करोड़ रुपये की संपत्ति के अवैध अधिग्रहण का मामला है। ईडी का दावा है कि गांधी परिवार की यंग इंडियन में बड़ी हिस्सेदारी है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राउज एवेन्यू स्थित विशेष न्यायाधीश की अदालत ने नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में फाइलों की जांच को जल्द आगे बढ़ाने का निर्देश दिया है। विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने जांच अधिकारी (आईओ) को मामले से जुड़ी सभी फाइलें 26 सितंबर को अदालत में पेश करने का निर्देश दिया।
फाइलों की गहराई से जांच आवश्यक
अदालत ने बताया कि उसके आदेश पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ईसीआईआर और भाजपा नेता सुब्रमणियन स्वामी द्वारा दर्ज शिकायत की काॅपी जमा की है। इससे पहले भी अदालत ने मामले की अन्य फाइलों की जांच की थी। अदालत ने ईडी के आरोपपत्र पर संज्ञान लेने के आदेश को भी टाल दिया था, यह कहते हुए कि मामले की फाइलों की और गहराई से जांच आवश्यक है।
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संपत्तियों का धोखाधड़ी से अधिग्रहण
ईडी ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी, दिवंगत नेता मोतीलाल वोरा व आस्कर फर्नांडिस, सुमन दुबे, सैम पित्रोदा और एक निजी कंपनी यंग इंडियन पर षड्यंत्र रचना और मनी लांड्रिंग का आरोप लगाया है।
आरोप है कि 2000 करोड़ रुपये मूल्य की एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की संपत्तियों का धोखाधड़ी से अधिग्रहण किया गया, जो नेशनल हेराल्ड अखबार प्रकाशित करती है।
ईडी का दावा है कि गांधी परिवार यंग इंडियन में 76 प्रतिशत हिस्सेदारी रखता था और एजेएल की संपत्तियां मात्र 90 करोड़ रुपये के ऋण के बदले अधिग्रहित की गई।
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