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    बेहतर स्पोर्ट्स मैनेजमेंट के लिए सरकार लाने जा रही है बिल, जानिए इससे खेल जगत को होगा क्या फायदा

    Updated: Thu, 17 Jul 2025 06:12 PM (IST)

    केंद्र सरकार खेल प्रशासन में पारदर्शिता लाने के लिए मानसून सत्र में राष्ट्रीय खेल संचालन विधेयक पेश करेगी। खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने बताया कि विधेयक का मसौदा अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक समिति और फीफा से परामर्श लेकर तैयार किया गया है। विधेयक में खेल प्रशासकों के लिए नियामक बोर्ड और विवाद समाधान आयोग की स्थापना का प्रावधान है जिसका आइओसी विरोध कर रहा है।

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    राष्ट्रीय खेल विधेयक के मसौदे को तैयार करने में आईओसी से किया गया परामर्श : मांडविया

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। देश में खेल प्रशासन को अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए केंद्र सरकार आगामी मानसून सत्र में राष्ट्रीय खेल संचालन विधेयक संसद में पेश करने जा रही है।

    खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने गुरुवार को बताया कि इस विधेयक का मसौदा केवल देश के हितधारकों से ही नहीं, बल्कि वैश्विक संस्थाओं से परामर्श लेकर तैयार किया गया है।

    मांडविया ने यह जानकारी खेलो भारत कान्क्लेव के दौरान दी, जिसमें भारतीय ओलिंपिक, राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएसएफएस), कार्पोरेट जगत और खिलाड़ियों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

    उन्होंने कहा मैंने वरिष्ठ कांग्रेस नेता अजय माकन से भी बात की। उन्होंने इस विधेयक को पारित करवाने के लिए अच्छे प्रयास किए हैं

    उन्होंने बताया कि विधेयक का ड्राफ्ट ऑनलाइन सुझाव के लिए सार्वजनिक किया गया था, जिसमें जनता से 600 सुझाव प्राप्त हुए।

    इसके अतिरिक्त उन्होंने खिलाड़ियों, कोचों, एनएसएफएस और खेल कानून विशेषज्ञों के साथ कई दौर की बैठकें कीं।

    उन्होंने कहा मैंने खेल कानून के विशेषज्ञों के साथ तीन घंटे तक विस्तार से चर्चा की, ताकि सभी पक्षों का दृष्टिकोण समझा जा सके।

    खास बात यह रही कि फीफा की एक आपत्ति के समाधान के लिए सरकार ने एक अधिकारी को उनके मुख्यालय भेजा, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि प्रस्तावित विधेयक वैश्विक खेल नियमों के अनुरूप हो।

    विधेयक के मुख्य प्रावधानों में देश में खेल प्रशासकों के लिए नियामक बोर्ड का गठन, नैतिकता आयोग और विवाद समाधान आयोग की स्थापना शामिल है।

    यह सभी प्रविधान खेल शासन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लाए जा रहे हैं।हालांकि, आईओसी ने इस विधेयक का विरोध किया है।

    उनका मानना है कि नियामक बोर्ड का गठन उसकी केंद्रीय भूमिका को कमजोर कर सकता है, जो अभी तक सभी एनएसएफएस के लिए नोडल संस्था के रूप में कार्य करता है।

    सरकार का यह कदम देश में खेल संरचना और प्रशासनिक प्रणाली में लंबे समय से आवश्यक सुधार की दिशा में निर्णायक प्रयास माना जा रहा है।

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