Delhi BMW Accident: 'समझ नहीं आ रहा कि दुर्घटना कैसे हुई', गगनप्रीत ने दी सफाई तो पुलिस ने पूछताछ में खोले कई राज
दिल्ली के धौला कुआं में हुई बीएमडब्ल्यू कार दुर्घटना में वित्त मंत्रालय के अधिकारी की मौत के मामले में आरोपी महिला की जमानत याचिका पर बुधवार को पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई होगी। महिला के वकील ने इसे दुर्घटना बताया है जबकि पुलिस ने लापरवाही का आरोप लगाया है। अदालत ने पुलिस और पीड़ित परिवार से जवाब मांगा है। महिला पर लापरवाही से मौत का आरोप है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। पटियाला हाउस स्थित मजिस्ट्रेट अदालत धौला कुआं इलाके में बीएमडब्ल्यू कार से हुई दुर्घटना में वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी नवजोत सिंह की मौत और उनकी पत्नी की गंभीर चोटों के मामले में आरोपी महिला ने जमानत याचिका दाखिल की है। अदालत महिला की याचिका पर 17 सितंबर को सुनवाई करेगी।
जमानत याचिका में आरोपी महिला गगनप्रीत कौर की ओर से पेश वरिष्ठ वकील विकास पाहवा ने दलील दी कि यह हादसा पूरी तरह से आकस्मिक था और इसमें कोई लापरवाही या जानबूझकर की गई गलती नहीं थी।
उन्होंने दलील दी कि 14 सितंबर को दोपहर करीब एक बजे गगनप्रीत कार चला रही थीं। उनकी बड़ी बेटी सामने सीट पर, जबकि छोटी बेटी, पति और घरेलू सहायिका पीछे की सीट पर बैठे थे।
धौला कुआं मेट्रो स्टेशन के पास कार अचानक से अनियंत्रित होकर डिवाइडर से टकराई और हवा में पलटी खा गई। इसी दौरान सामने से आ रही मोटरसाइकिल, जिसमें दो लोग (घायल महिला व उसका मृतक पति) सवार थे, डीटीसी बस से टकरा गई।
इस दौरान गगनप्रीत और उनके साथ कार में बैठे अन्य लोग भी घायल हो गए। पाहवा ने दलील दी कि उनकी मुवक्किल ने पूरी प्रक्रिया में पुलिस का सहयोग किया है और हादसे में उन्हें सिर पर चोट लगी है, इसलिए उनकी पुलिस हिरासत में पूछताछ की कोई आवश्यकता नहीं।
पाहवा ने दलील दी कि महिला के दो नाबालिग बच्चे हैं और समाज में उनका गहरा जुड़ाव है, इसलिए भागने या सुबूतों में छेड़छाड़ करने का कोई खतरा नहीं है।
गगनप्रीत कौर को 15 सितंबर को हत्या के इरादे के बिना गंभीर परिणाम पहुंचाने और अन्य आरोपों में गिरफ्तार कर दो दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया था।
ड्यूटी मजिस्ट्रेट आकांक्षा सिंह ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजते हुए कहा कि उनकी हिरासत में पूछताछ की कोई आवश्यकता नहीं है। अदालत ने दिल्ली पुलिस और पीड़ित परिवार को गगनप्रीत की जमानत याचिका पर जवाब दाखिल करने का निर्देश भी दिया है।
पुलिस ने प्राथमिकी में आरोप लगाया गया था कि गगनप्रीत ने मृतक नवजोत और उनकी पत्नी को पास के अस्पताल के बजाय 19 किलोमीटर दूर किसी अन्य अस्पताल में ले जाया गया।
पीड़ित परिवार का कहना था कि गगनप्रीत और उनके पति को प्राथमिक चिकित्सा नवजोत और उनकी पत्नी से पहले दी गई, जबकि उनकी चोटें अधिक गंभीर थीं।
उधर, दिल्ली पुलिस ने गगनप्रीत के पति परीक्षित कक्कर से भी पूछताछ की। उन्होंने पुलिस को बताया कि उन्हें नहीं पता की हादसा कैसे हुआ।
उन्हाेंने कहा कि गगनप्रीत घायलों को अस्पताल ले गई थी, जबकि वह टैक्सी लेकर अपने ससुर को देखने अस्पताल गए थे। दिल्ली पुलिस अब आगे की जांच करेगी।
(समाचार एजेंसी एएनआई के इनपुट के साथ)
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