मानसून से दिल्लीवालों को मिली प्रदूषण से राहत, 10 वर्ष में इस बार सबसे ज्यादा 53 दिन हवा साफ
मानसून की मेहरबानी और प्रदूषण नियंत्रण के प्रयासों से दिल्ली की हवा में सुधार हुआ है। इस साल 1 जनवरी से 17 अगस्त तक 53 दिन हवा संतोषजनक रही जो पिछले 10 सालों में दूसरी बार सबसे अधिक है। विशेषज्ञों का कहना है कि वर्षा ईंधन मानकों में सुधार और ई-वाहनों के बढ़ते उपयोग से प्रदूषण कम हुआ है।

संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। मानसून की मेहरबानी से राष्ट्रीय राजधानी की आबोहवा में भी सुधार दिख रहा है। वर्षा का आंकड़ा तो सरप्लस चल ही रहा है, साफ हवा वाले दिन भी 10 सालों में दूसरी बार इतने मिले हैं।
पर्यावरणविदों के मुताबिक, वर्षा और हवा का सिलसिला जारी रहने से इस वर्ष दिल्ली की हवा काफी हद तक ‘संतोषजनक’ श्रेणी में रही है।
यह 17 अगस्त तक की अवधि में 2016 से लेकर 2025 तक (कोरोनाकाल यानी 2020 को छोड़कर) सबसे अधिक है। साफ हवा के चलते दिल्ली वासी भी इन दिनों खुल कर सांस ले पा रहे हैं।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) से मिले आंकड़ों के अनुसार इस साल एक जनवरी से लेकर 17 अगस्त के दौरान 53 दिन रहे हैं, जब हवा साफ यानी संतोषजनक रही है। 2020 में इसी समयावधि में ऐसे दिनों की संख्या 76 रही थी।
थिंक-टैंक एनवायरोकैटालिस्ट्स के संस्थापक और मुख्य शोधकर्ता सुनील दहिया कहते हैं, पिछले सालों की तुलना में इस साल साफ हवा का मुख्य कारण मई में जल्दी हुई वर्षा है। इसने प्रदूषणकारी तत्वों को कम करने में मदद की।
हालांकि मौसम संबंधी कारक बेहतर वायु गुणवत्ता के ज्यादा दिनों के लिए मुख्य कारण रहे हैं, लेकिन इसमें कुछ हद तक ईंधन मानकों में सुधार, बीएस चार और ई- वाहनों के बढ़ते बेड़े एवं संभवतः निर्माण गतिविधियों में कमी का भी योगदान हो सकता है।
दहिया ने यह भी कहा सरकार और सरकारी एजेंसियों के प्रयासों की असली परीक्षा तो सर्दियों में होगी। दहिया ने कहा कि स्रोत पर उत्सर्जन में कटौती के लिए लक्ष्यबद्ध उपाय लागू कर हम पिछले वर्षों की तुलना में इस बार सर्दियों में बेहतर वायु गुणवत्ता सुनिश्चित कर सकते हैं।
स्काईमेट वेदर के उपाध्यक्ष (मौसम विज्ञान एवं जलवायु परिवर्तन) महेश पलावत ने कहा कि इस साल हमारे यहां भरपूर वर्षा हुई है और लगातार हो रही है। मई में ज्यादा वर्षा हुई और उसके बाद से, हर माह ज्यादा वर्षा दर्ज की जा रही है।
यह सक्रिय मौसमी परिस्थितियों और अच्छे मानसून का नतीजा है। उन्होंने कहा कि नियमित वर्षा के कारण धूल सहित प्रदूषक तत्व लगातार बहते रहते हैं।
2016 से 2025 तक 17 अगस्त तक कितने दिन हवा रही साफ
- 2016 में 14 दिन
- 2017 में 27 दिन
- 2018 में 28 दिन
- 2019 में 28 दिन
- 2020 में 76 दिन
- 2021 में 36 दिन
- 2022 में 44 दिन
- 2023 में 46 दिन
- 2024 में 37 दिन
- 2025 में 53 दिन
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