मानसून में भी गर्मी का प्रकोप, 40 प्रतिशत तक बढ़ी बिजली की खपत; अधिकतम भार रिकॉर्ड स्तर पर
सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायरमेंट की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में हीट इंडेक्स बढ़ने से बिजली की खपत बढ़ गई है। मानसून में भी एसी-कूलर चलाने की जरूरत पड़ रही है जिससे बिजली का भार रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गया है। सीएसई ने ऊर्जा ऑडिट और निष्क्रिय शीतलन रणनीतियों को अपनाने जैसे सुझाव दिए हैं ताकि बिजली की मांग को कम किया जा सके।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायरमेंट (सीएसई) की एक नई रिपोर्ट ने पर्यावरणविदों की चिंता बढ़ा दी है। इस गर्मी में हीट इंडेक्स (गर्मी और आर्द्रता का संयुक्त स्तर) में वृद्धि के कारण मानसून के दौरान भी लोगों को रात में एसी कूलर चलाने की जरूरत पड़ रही है। इसके चलते राजधानी में बिजली की खपत भी मई-जून के लगभग बराबर हो रही है।
बिजली की खपत में भारी वृद्धि होने के साथ ही बिजली का अधिकतम भार रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। मार्च और अप्रैल 2025 के मुकाबले दिल्ली की बिजली की खपत लगभग 40 प्रतिशत बढ़ गईं। वहीं अधिकतम मांग 567 मेगावाट बढ़ गई है।
रिपोर्ट के मुताबिक उच्च ताप सीधे तौर पर बिजली की मांग में वृद्धि का कारण नहीं बनता, पर मानसून के पैटर्न में बदलाव ने आर्द्रता में वृद्धि कर दी है। इससे शहर के तापमान में कोई महत्वपूर्ण बदलाव न होने पर भी गर्मी का तनाव बढ़ गया है। लोग लगातार गर्मी और उमस से निपटने के लिए एयर कंडीशनिंग पर निर्भर हो रहे हैं। इस स्थिति के मद्देनजर शीतलन प्रणालियों को चलाने के लिए बिजली की मांग में भी अप्रत्याशित बढ़ोतरी हुई है।
इसका परिणाम यह कि इस वर्ष उच्च सापेक्ष आर्द्रता और तापमान के कारण बढ़ा हुआ ताप सूचकांक शहर के पावर ग्रिड पर दबाव डाल रहा है। अगस्त 2021 में जहां पीक पावर डिमांड 6600 मेगावाट थी, वहीं इस अगस्त यह बढ़कर 7050 मेगावाट हो गया है। वहीं विद्युत खपत अगस्त 2021 में 3600 मेगा यूनिट थी, जो अगस्त 2025 में बढ़कर 3982 मेगा यूनिट हो गई है। बढ़ती मांग के चलते बिजली के बुनियादी ढांचे पर भी दबाव पड़ रहा है।
इस स्थिति से निपटने को सीएसई ने दिए ये सुझाव
-अनिवार्य ऊर्जा आडिट और ऊर्जा उपयोग के आंकड़ों का सार्वजनिक प्रकटीकरण शुरू करने से भवन की दक्षता में सुधार हो सकता है।
-निष्क्रिय शीतलन रणनीतियों के उपयोग को प्रोत्साहित करना।
-नई और मौजूदा इमारतों में इन डिजाइनों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना एसी पर निर्भरता को कम कर सकता है।
-शहरी ताप द्वीप प्रभाव को नियंत्रित करने और यांत्रिक प्रणालियों से निकलने वाली अपशिष्ट ऊष्मा का प्रबंधन करने के लिए शहरी ताप कार्य योजनाओं का विकास और कार्यान्वयन महत्वपूर्ण है।
-मौजूदा इमारतों का नवीनीकरण उनके तापीय आराम को बेहतर बनाने एवं शीतलन के लिए ऊर्जा की खपत को कम करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
विगत पांच वर्षों में पीक पावर डिमांड (मेगावाट में)
महीना | 2021 | 2022 | 2023 | 2024 | 2025 |
---|---|---|---|---|---|
मार्च | 3600 | 4800 | 3900 | 4482 | 4361 |
अप्रैल | 4300 | 6200 | 5300 | 5447 | 6014 |
मई | 5000 | 7100 | 6800 | 8302 | 7748 |
जून | 6800 | 7600 | 7200 | 8656 | 8442 |
जुलाई | 7200 | 7300 | 7200 | 8175 | 7568 |
अगस्त | 6600 | 6500 | 7500 | 6890 | 7050 |
(स्त्रोत- सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथारिटी की लोड जेनरेशन रिपोर्ट।)
विगत पांच वर्षों में विद्युत खपत (मेगा यूनिट में)
महीना | 2021 | 2022 | 2023 | 2024 | 2025 |
---|---|---|---|---|---|
मार्च | 2100 | 2200 | 2100 | 2217 | 2319 |
अप्रैल | 2200 | 3200 | 2600 | 2860 | 3180 |
मई | 2300 | 3700 | 3100 | 4205 | 3878 |
जून | 3300 | 3900 | 3600 | 4541 | 4241 |
जुलाई | 3700 | 3800 | 3900 | 4360 | 4227 |
अगस्त | 3600 | 3700 | 4100 | 3939 | 3982 |
(स्त्रोत- सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथारिटी की लोड जेनरेशन बैलेंस रिपोर्ट।)
मानसून के दौरान भूमि सतह का तापमान (लैंड सरफेस टेंप्रेचर):-\B
वर्ष | दिन (°C) | रात (°C) | अंतर (°C) |
---|---|---|---|
2021 | 33.4 | 26.2 | 7.2 |
2022 | 33.9 | 26.9 | 7.0 |
2023 | 33.1 | 26.0 | 7.1 |
2024 | 34.1 | 27.6 | 6.5 |
2025 | 36.2 | 30.6 | 5.6 |
2001-10 (माध्य) | 34.5 | 24.9 | 9.6 |
प्री-मानसून भूमि सतह का तापमान (लैंड सरफेस टेंप्रेचर)
वर्ष | दिन (°C) | रात (°C) | अंतर (°C) |
---|---|---|---|
2021 | 35.1 | 21.5 | 13.6 |
2022 | 35.4 | 23.1 | 12.3 |
2023 | 33.4 | 24.0 | 11.3 |
2024 | 34.4 | 22.8 | 10.4 |
2025 | 31.4 | 20.4 | 8.6 |
2001-10 (माध्य) | 35.4 | 20.4 | 15.0 |
(स्त्रोत- सीएसई)
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