'दिल्ली के विकास में महिलाओं की भूमिका अहम', पढ़ें PWD मंत्री ने महिला सशक्तिकरण को लेकर और क्या कहा?
दिल्ली के कैबिनेट मंत्री प्रवेश वर्मा ने नारेडको माही सम्मेलन में कहा कि यमुना रिवरफ्रंट से स्मार्ट सिटी तक दिल्ली का विकास महिलाओं के बिना अधूरा है। उन्होंने यमुना रिवरफ्रंट परियोजना में योगदान करने की बात कही। डी थारा ने टिकाऊ आवासीय वातावरण पर जोर दिया। स्मिता पाटिल ने कहा कि आवासीय भविष्य को समावेशी मूल्यों से बनाना होगा। निरंजन हीरानंदानी ने रियल एस्टेट में कुशल महिलाओं की आवश्यकता बताई।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री प्रवेश वर्मा ने शुक्रवार को चौथे नारेडको माही सम्मेलन में कहा कि ''यमुना रिवरफ्रंट से लेकर स्मार्ट सिटी तक, महिलाओं के बिना दिल्ली के विकास की तस्वीर अधूरी है।” उन्होंने कहा, “मैं देखना चाहता हूं कि हम मिलकर दिल्ली के लिए क्या कर सकते हैं।
दिल्ली सरकार यमुना रिवरफ्रंट को विकसित करने पर भी काम कर रही है, तो हम इस परियोजना में और क्या योगदान दे सकते हैं। सुंदर शहर स्मार्ट सिटी का मुख्य अंग होंगे। मुझे लगता है कि महिलाएं और नारेडको माही इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।''
होटल हयात रिजेंसी में आयोजित इस सम्मेलन में केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव डी थारा ने कहा, केवल इमारतें और आवासीय परिसर विकसित करने के बजाय अब हमें एकीकृत अवसंरचना प्रबंधन की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए ताकि टिकाऊ आवासीय वातावरण सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने पैरालंपिक विजेता दीपा मलिक को सम्मानित भी किया।
वर्ष 2025 के इस वार्षिक सम्मेलन की थीम थी ‘राइज एंड बिल्ड : वूमैन ट्रांसफार्मिंग रियल एस्टेट फॉर ए सस्टेनेबल टूमारो’। रियल एस्टेट क्षेत्र में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी को रेखांकित करते हुए, माही की अध्यक्ष स्मिता पाटिल ने कहा, भारत के आवासीय भविष्य को नीति से बनाना होगा, उद्योग से आकार देना होगा और समावेशी मूल्यों – विशेष रूप से महिलाओं और उभरते नेताओं को सशक्त बनाने – से मार्गदर्शन लेना होगा।
रियल एस्टेट क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी पर बल देते हुए, नारेडको के चेयरमैन डा निरंजन हीरानंदानी ने कहा, 'स्किलिंग' ही महिला नेतृत्व वाले रियल एस्टेट क्षेत्र का आधार बनेगा। उन्होंने कहा, “रियल एस्टेट भारत का दूसरा सबसे बड़ा रोजगार देने वाला क्षेत्र है।
हालांकि, इसमें कुशल श्रमिकों की कमी है, जिसे यदि कुशल महिलाओं से पूरा किया जाए तो न केवल रोजगार सृजन और महिला सशक्तिकरण संभव होगा, बल्कि यह आर्थिक वृद्धि को भी बल देगा।” महिला सशक्तिकरण और निर्णायक पदों पर महिलाओं की भागीदारी को लेकर नारेडको के अध्यक्ष हरि बाबू ने कहा कि अपार संभावनाएं मौजूद हैं जिन्हें महिलाएं भुना सकती हैं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।