IRCTC Scam Case: क्या है आईआरसीटीसी घोटाला? लालू यादव, राबड़ी और तेजस्वी पर आरोप तय करने पर फैसला सुरक्षित
दिल्ली की राउज एवेन्यू अदालत ने आईआरसीटीसी घोटाले में लालू प्रसाद यादव राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने पर 23 जुलाई तक फैसला सुरक्षित रखा। विशेष न्यायाधीश ने आरोपियों को एक सप्ताह में अपनी दलीलें दाखिल करने का निर्देश दिया। आरोपियों ने सीबीआई के आरोपों को निराधार बताया और कहा कि उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं हैं।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आइआरसीटीसी) में कथित अनियमितताओं से जुड़े एक मामले में राउज एवेन्यू की विशेष अदालत ने बृहस्पतिवार को राजद प्रमुख व पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, उनके बेटे तेजस्वी यादव सहित अन्य लोगों के खिलाफ आरोप तय करने पर 23 जुलाई के लिए अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया।
विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने आरोप के पहलू पर बहस पूरी होने के बाद आरोपितों को एक सप्ताह के भीतर अपनी दलीलों का संक्षिप्त सारांश दाखिल करने का निर्देश दिया। अदालत ने कहा कि सीबीआई के वकील ने पिछले आदेश के अनुसार सीमित दलीलें पेश की हैं। ऐसे में आरोप के पहलू पर दलीलें पूरी हो गई हैं।
जिन आरोपितों ने लिखित दलीलें पेश नहीं की हैं, वे एक सप्ताह के भीतर अपनी दलीलों का संक्षिप्त सारांश दाखिल कर सकते हैं। अदालत ने स्पष्ट कि इसमें छह से आठ पृष्ठ से अधिक नहीं होने चाहिए। अदालत ने कहा कि 14 आरोपितों के वकीलों ने भारी भरकम रिकार्ड के संदर्भ में विस्तार से दलीलें पेश कीं हैं।
यही वजह है कि कई तारीखों पर दिन-प्रतिदिन की सुनवाई के बावजूद आरोप तय करने पर सुनवाई की कार्यवाही कई महीनों तक चली। अदालत ने ऐेसे में अदालत को आरोप पर आदेश सुनाने के लिए उपयुक्त समय की आवश्यकता है।
सुनवाई के दौरान लालू यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी समेत अन्य आरोपितों ने सीबीआई के आरोपों को बेबुनियाद बताया है। सीबीआइ ने आरोपितों पर आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार शामिल हैं। आरोपितों ने अदालत के समक्ष दावा किया कि जांच एजेंसी के पास मामले में उन पर मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सुबूत नहीं है।

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