दिल्ली में पेट्रोल-डीजल की बिक्री में गिरावट, वैट राजस्व पर असर
दिल्ली में पेट्रोल और डीजल की बिक्री घटने से सरकार को वैट में 166 करोड़ का नुकसान हुआ है। इसकी वजह सीएनजी और इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग बढ़ना है। वहीं जीएसटी संग्रह में 1300 करोड़ की वृद्धि हुई है। अन्य राज्यों में डीजल सस्ता होने के कारण ट्रक चालक दिल्ली से नहीं खरीदते। सरकार को राजस्व में वृद्धि की उम्मीद है लेकिन वैट संग्रह में कमी चिंता का विषय है।

वी.के. शुक्ला, नई दिल्ली। दिल्ली में पेट्रोल और डीज़ल की बिक्री में लगातार गिरावट आ रही है। पिछले छह महीनों में ही सरकार को वैट के रूप में ₹166 करोड़ का नुकसान हुआ है। पेट्रोल और डीज़ल की बिक्री में यह गिरावट सीएनजी और इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती मांग के साथ-साथ अन्य राज्यों में डीज़ल की कम कीमतों के कारण है।
पिछले साल की तुलना में इस साल अप्रैल से सितंबर तक जीएसटी संग्रह में लगभग ₹1,300 करोड़ की वृद्धि हुई है। इस वित्तीय वर्ष में, सरकार ने ₹22,000 करोड़ से अधिक का राजस्व अर्जित किया है, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह ₹21,000 करोड़ था।
दिल्ली सरकार ने इस वर्ष जीएसटी संग्रह का लक्ष्य रखा है, जिससे उसका जीएसटी संग्रह ₹5,000 करोड़ बढ़कर ₹48,500 करोड़ हो जाएगा।
विशेषज्ञों के अनुसार, केंद्र की मोदी सरकार ने कई वस्तुओं पर जीएसटी में उल्लेखनीय कमी की है, जिसे 22 सितंबर, नवरात्रि के पहले दिन लागू किया गया था। तब से, बाजार में काफी सुधार देखा गया है। माना जा रहा है कि इससे जीएसटी राजस्व में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
दिल्ली की स्थिति पर नज़र डालें तो दिल्ली सरकार को पिछले साल की तुलना में इस साल जीएसटी राजस्व में 16.15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। पिछले साल सितंबर में जहां जीएसटी संग्रह 3272.55 करोड़ रुपये था, वहीं इस साल राजस्व में 3373.45 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है।
यानी इस साल, जिस महीने जीएसटी दरें कम थीं, उस महीने राजस्व में 100 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है। दिल्ली सरकार के सूत्रों का कहना है कि राजस्व के इन आँकड़ों में और वृद्धि होने की उम्मीद है। अंतिम आँकड़े अभी आने बाकी हैं।
हालांकि इस साल वैट संग्रह में ज़रूर कमी आई है, लेकिन सरकार को पिछले साल की तुलना में अप्रैल से सितंबर तक 166 करोड़ रुपये कम राजस्व प्राप्त हुआ है। पेट्रोल-डीज़ल के कारोबार से जुड़े लोगों का मानना है कि चंडीगढ़, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में डीज़ल की सस्ती कीमतों के साथ-साथ सीएनजी और इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती कीमतों का असर दिल्ली पर भी पड़ रहा है, क्योंकि वहाँ डीज़ल 5 से 7 रुपये सस्ता है।
दरअसल, वहां से जरूरी सामान लाने वाले ट्रक चालक दिल्ली में डीज़ल नहीं खरीदते। पेट्रोल पंप संचालक केंद्र सरकार से दिल्ली में डीजल पर वैट कम करने की माँग कर रहे हैं। उनके अनुसार, इस साल अब तक डीज़ल की कुल बिक्री में आठ प्रतिशत की गिरावट आई है। सरकार के साथ-साथ उन्हें भी नुकसान हो रहा है।
1 अप्रैल से 30 सितंबर
वित्त वर्ष | वैट | सीजीएसटी | एसजीएसटी | कुल राजस्व |
---|---|---|---|---|
2024-25 | 3576.91 | 8667 | 8817.69 | 21061.65 |
2025-26 | 3410.57 | 10067 | 8965.21 | 22443.21 |
1 अप्रैल से 30 सितंबर
स्रोत | राजस्व (करोड़ में) |
---|---|
जीएसटी | 22443.21 |
उत्पाद शुल्क | 4192.86 |
वाहन पंजीकरण | 76 |
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