दुख, तकलीफ, खुशी, रोमांस हर भाव को गुरु दत्त ने जिस तरह पर्दे पर उतारा, वो लाजवाब था: आर बाल्की
जागरण फिल्म फेस्टिवल में आर बाल्की ने गुरु दत्त की जन्मशती पर बात की। उन्होंने गुरु दत्त को प्रेरणा बताया जिनकी फिल्मों में भावनाएं कूट-कूट कर भरी थीं। बाल्की ने फिल्म इंडस्ट्री की सच्चाई और मानसिक स्वास्थ्य पर भी बात की। उन्होंने युवाओं को सपने देखने और कोशिश करने की सलाह दी ताकि वे अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकें। असफलता के लिए भी तैयार रहने की बात कही।

शालिनी देवरानी, नई दिल्ली। चीनी कम और पा फिल्मों की सफलता के बाद हर कोई मुझे लंच और डिनर पर बुलाना चाहता था। वहीं जब शमिताभ फ्लाॅप हुई तो फुल स्टाॅप लग गया। आपको ये समझना होगा कि आपके नजदीकी लोगों का नजरिया भी आपके समय के साथ बदल जाता है।
सफल होने पर सब साथ देते हैं लेकिन असफलता पर सभी भुला भी देते हैं। ऐसे में अगर आप सफलता पाना चाहते हैं तो असफलता के लिए भी खुद को तैयार रखना चाहिए। सिरीफोर्ट ऑडिटोरियम में चल रहे जागरण फिल्म फेस्टिवल में गुरु दत्त की जन्मशती को लेकर आयोजित चर्चा के दौरान फिल्ममेकर आर बाल्की ने यह बातें कहीं।
उन्होंने कहा कि गुरु दत्त ऐसी शख्सियत रहें जो आज भी हर किसी को अपने कामों से प्रभावित करते हैं। सिर्फ गुरु दत्त ही ऐसे कलाकार थे जो अपने चेहरे के एक्सप्रेशन से ही पूरी कहानी बयां कर जाते थे।
मैंने चौदहवीं का चांद फिल्म कई बार देखी है और इससे बेहतरीन रोमांटिक फिल्म शायद ही कोई हो। उस फिल्म के गानों में बिना नजदीक आए भी गुरु दत्त और वहीदा रहमान ने जो रोमांटिक सीन दिया है, वही वास्तव में अदाकारी है।
सोचने पर मजबूर करती हैं गुरुदत्त की फिल्में
गुरु दत्त की फिल्मों की अहमियत रेखांकित करते हुए बाल्की ने आगे कहा कि अपनी बात करूं तो मुझे ब्लैक एंड व्हाइट फिल्मों में कोई खास दिलचस्पी नहीं थी। पुणे में मुझे एक बार गुरु दत्त के रेट्रोस्पेक्टिव के लिए आमंत्रित किया गया था। इसकी तैयारी के लिए मैंने गुरु दत्त की सारी फिल्में देखीं।
उनके काम से मैं काफी प्रभावित हुआ कि फिल्मों में सब कुछ विशाल ही नजर आया। दुख, तकलीफ खुशी, रोमांस हर भाव को उन्होंने जिस तरह पर्दे पर उतारा वो लाजवाब था। उनकी फिल्मों से मिली जानकारी को ही मैंने अपनी फिल्म में चुप में इस्तेमाल किया।
इंडस्ट्री की यह है सच्चाई ...
फिल्म इंस्ट्री की चमक धमक को लेकर बाल्की कहते हैं कि फिल्म इंडस्ट्री बिल्कुल अप्रत्याशित है। हकीकत ये है कि यहां सिर्फ पांच फीसद लोग ही खूब पैसा कमाते हैं वर्ना ज्यादातर लोग फिल्मी जगत में मिडिल क्लास ही है। हां इसे काफी ज्यादा ग्लैमराइज किया हुआ है।
हर कलाकार को मेंटल हेल्थ प्राब्लम से गुजरना पड़ता है
गुरु दत्त की फिल्में ज्यादातर दर्द भरी रही हैं। तो क्या उस दौर में मानसिक तनाव रहे? इस बाबत बाल्की ने कहा कि हर दौर में मेंटल हेल्थ समस्या रही है। जब आप असफल होते हैं तो लोग कई तरह से सवाल उठाते हैं।
इससे आपको इतना तनाव महसूस होता है कि खुद के अस्तित्व को लेकर भी सशंकित हो जाते हैं। हर कलाकार को भी मेंटल हेल्थ और रिलेशनशिप की समस्या से गुजरना पड़ता है। लेकिन इससे बाहर आना जरूरी है। बाकी गुरु दत्त के बारे में वही बता सकते थे।
सपने देखेंगे तभी पूरे होंगे
सत्र के बाद सिने प्रेमियों के साथ आर बाल्की की मास्टरक्लास भी हुई। उन्होंने युवाओं के सवालों के खुलकर जवाब दिए। उन्होंने कहा कि आज हर युवा एक्टर बनना चाहता है, लेकिन इसके अलावा भी काफी विकल्प हैं। आप लेखन, निर्देशन किसी भी क्षेत्र में काम कर सकते हैं।
लक फैक्टर पर उन्होंने कहा कि आप जो करना चाहते हैं, जो सपने देखते हैं, उसे पूरा करने के लिए कोशिश जरूर करें। बगैर कोशिश करें, हार नहीं मानें। सपने देखेंगे तभी पूरे होंगे।
सिने जगत में प्रवेश पर उन्होंने कहा कि आप हमेशा बड़े मंच पर जाने का नहीं सोचें। जहां मौका मिले ऑनलाइन, ऑफलाइन या प्रतियोगिताओं में भाग्य आजमाएं।
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