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    मैंने राज कपूर से सीखा कि दर्शकों से शुरुआत से ही कनेक्ट होना बेहद जरूरी है: राहुल रवेल

    Updated: Mon, 25 Aug 2025 09:38 PM (IST)

    रेडीसन ब्लू होटल में आयोजित द राइट सर्कल कार्यक्रम में फिल्मकार राहुल रवेल ने राज कपूर के साथ बिताए पलों को साझा किया। उन्होंने बताया कि राज कपूर स्टोरी सुनते थे पढ़ते नहीं ताकि दर्शकों से कनेक्ट हो सकें। वे एक दूरदर्शी फिल्मकार थे जिनसे फिल्म निर्माण की बारीकियां सीखीं।

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    रेडीसन ब्लू होटल में आयोजित द राइट सर्कल कार्यक्रम में फिल्मकार राहुल रवेल। जागरण

    जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली। राज कपूर कभी फिल्म की स्टोरी पढ़ते नहीं थे, हमेशा सुनते थे। उनका मानना था कि फिल्म की स्टोरी सुनने से आपकी आंखों के आगे एक विजुअल बनता है, जिससे आप समझ पाते हैं कि दर्शकों को क्या देखने को मिलेगा।

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    उनसे मैंने सीखा कि कैसे दर्शकों से शुरुआत से ही कनेक्ट होना बेहद जरूरी है। राज कपूर केवल एक बेहतरीन अभिनेता नहीं, बल्कि एक दूरदर्शी फिल्मकार और सच्चे कलाकार भी थे।

    भारतीय सिनेमा के स्वर्णिम दौर से जुड़े शोमैन राज कपूर के बारे में ऐसी ही कुछ बातें फिल्म निर्देशक राहुल रवेल ने साझा की। मौका था प्रभा खेतान फाउंडेशन की ओर से दिल्ली एयरपोर्ट स्थित रेडीसन ब्लू प्लाजा होटल में आयोजित हुए कार्यक्रम द राइट सर्कल का।

    दैनिक जागरण की पार्टनरशिप में हुए इस कार्यक्रम में अनुभवी फिल्मकार राहुल रवेल श्रोताओं संग रूबरू हुए और आरके स्टूडियो में बिताए गए अनसुने किस्से सुनाए।

    उनकी पुस्तक राज कपूर द मास्टर ऑफ वर्क में भी उन्होंने जिक्र किया है कि कैसे राज कपूर से फिल्म निर्माण की बारीकियां सीखी थीं। इसके अलावा फिल्मी सेट की कहानियों और फिल्म निर्माण में अपनाई जानेवाली अनेक तकनीकों के बारे में जानकारी दी है।

    श्रोताओं से रूबरू होते हुए उन्होंने बताया कि राज कपूर विलक्षण प्रतिभा के धनी थे। इसके अलावा उनका बेहतरीन सेंस ऑफ ह्यूमर और अपनी टीम के साथ उनके रिश्ते को लेकर भी वो लोगों के बीच खासे लोकप्रिय थे।

    उनकी खासियत ही थी कि तीन पीढ़ियों के कलाकारों के साथ उनका जुड़ाव लाजवाब था। उन्होंने कहा कि मैंने जिंदगी में सीखा है कि मेहनत कभी जाया नहीं जाती। समय जरूर लगता है लेकिन मेहनत सफल होती है।

    वर्तमान स्थिति पर अफसोस जताते हुए उन्होंने कहा कि मोबाइल ने आज काफी परेशानी खड़ी कर दी है। हाथ में कैमरा लेकर हर कोई फिल्म बना रहा है और एआइ जैसे टूल से उन्हें स्क्रिप्ट और स्टोरी मिल रही है। लेकिन राज कपूर जैसे महान व्यक्तियों के जीवन से सीखने की जरूरत है।

    वे वास्तविक फिल्मकार थे। राज कपूर के संरक्षण में मैंने जो सबक सीखे उन्हीं की बदौलत ''लव स्टोरी, बेताब, '' अर्जुन '' और ''डकैत'' जैसी हिट फिल्मों का निर्माण कर पाया।

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