लंबी उम्र मायने नहीं रखती, जरूरी है जीवन के हर पल को पूरी चेतना और आनंद के साथ जीना : Sadhguru
आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने एम्स में मिरेकल ऑफ माइंड पर व्याख्यान दिया। उन्होंने जीवन के हर पल को पूरी चेतना के साथ जीने का मंत्र दिया और कहा कि लंबी उम्र से ज्यादा जरूरी है हर पल को आनंद से जीना। सद्गुरु ने शरीर की कोशिकाओं और पुरखों के ज्ञान के महत्व पर भी प्रकाश डाला साथ ही छात्रों के सवालों के जवाब भी दिए।

जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली। AIIMS स्थित जेएलएन ऑडिटोरियम में बुधवार को आध्यात्मिक गुरु व ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने मेडिकल छात्रों से सीधा संवाद किया।
मिरेकल ऑफ माइंड पर व्याख्यान देते हुए जीवन के हर पल को पूरी चेतना के साथ जीने का मंत्र दिया। कहा, लंबी उम्र मायने नहीं रखती, जरूरी है जीवन के हर पल को पूरी चेतना और आनंद के साथ जीना।
उन्होंने कहा कि आज जो कुछ हम सुनेंगे-देखेंगे, हो सकता है कि हमारा मस्तिष्क भूल जाए। एक कोशिका धीरे-धीरे विकसित होकर पूरा इंसान बनता है।
शरीर की हर कोशिका की अपनी मेमोरी होती है, चेतना होती है। जब हम खुद को जानते हैं, केवल मस्तिष्क ही नहीं पूरी शरीर का ध्यान किसी कार्य को करने में लगाते हैं।
तो डाटा कोशिका में भी सेव हो जाता है। हम जो कुछ भी सोचते हैं या विश्लेषण करते हैं, वह इन्हीं डाटा बैंक के कारण कर पाते हैं। उन्होंने वर्तमान सामाजिक परिदृश्य पर भी प्रकाश डाला।
कहा, हमारी चेतना में बहुत कुछ हमारे पुरखों का ज्ञान झलकता है, जो पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ती रही। माताएं या घर के बुजुर्ग नई पीढ़ी तक ज्ञान परंपरा को बढ़ाते रहे। पिछली दो पीढ़ियों से यह अवरुद्ध हुआ है। इसे ठीक कर लें तो हमें किसी आध्यात्मिक गुरु की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।
इस दौरान रैपिड फायर राउंड में जहां सद्गुरु ने मेडिकल छात्रों के सवालों का जवाब दिया, वहीं श्रोताओं की भी जिज्ञासा शांत की। इस अवसर पर एम्स निदेशक डाॅ. एम श्रीनिवासन भी उपस्थित रहे।
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