Updated: Fri, 12 Sep 2025 11:34 PM (IST)
दिल्ली में सीरियल किलर रविंद्र को एक बच्ची के अपहरण और हत्या के 11 साल पुराने मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। अदालत ने रविंद्र के कृत्य को जघन्य माना और किसी भी तरह की नरमी से इनकार कर दिया। रविंद्र को पहले भी दुष्कर्म और हत्या के मामलों में सजा मिल चुकी है। उसपर दिल्ली-एनसीआर में कई बच्चों के साथ दुष्कर्म और हत्या का आरोप है।
जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली। बच्चों के खिलाफ अपराध के तीसरे मामले में न्यायालय ने सीरियल किलर रविंद्र को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
लगभग 11 साल पहले सवा दो साल की बच्ची के अपहरण व हत्या के मामले में दोषी को सजा सुनाते हुए न्यायाधीश ने अपने फैसले में कहा कि दोषी ने ढाई साल के बच्चे का अपहरण और हत्या की है और यह जघन्य कृत्य किसी भी तरह की नरमी का पात्र नहीं है।
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विशेष लोक अभियोजक ने दोषी को मृत्यु दंड देने की मांग की थी, लेकिन न्यायालय ने इस मामले को दुर्लभतम नहीं माना। दोषी रविंद्र को दो मामलों में 10 वर्ष व उम्रकैद की सजा पहले सुनाई जा चुकी है।
दिल्ली-एनसीआर में 30 बच्चों से दुष्कर्म और हत्या की बात स्वीकार कर रविंद्र ने देशभर में सनसनी फैला दी थी। रोहिणी जिला न्यायालय के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमित सहरावत ने बच्ची के अपहरण व हत्या के मामले में रविंद्र को 23 अगस्त को दोषी करार दिया था।
शुक्रवार को दिए अपने फैसले में न्यायालय ने हत्या की धारा में रविंद्र को उम्रकैद व 10 हजार रुपये जुर्माना और अपहरण की धारा में पांच साल के कठोर कारावास की सजा दी है। दोनों सजा साथ चलेंगी और जुर्माना राशि न देने पर अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
छह साल बच्ची से दुष्कर्म व हत्या के मामले न्यायालय वर्ष 2023 में उम्रकैद व एक अन्य मामले में उसे 10 वर्ष की कैद की सजा दे चुका है। रविंद्र मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले के गंज दूधवारे गांव का रहने वाला है।
वह 18 वर्ष की आयु में बदायूं से दिल्ली आकर रहने लगा। सोनीपत के एक व्यक्ति के पास बस कंडक्टर के तौर पर काम करने लगा।
न्यायालय ने कहा कि इस मामले में दोषी के विरुद्ध गंभीर तथ्य यह है कि उसने बच्ची का अपहरण और हत्या की है, वह इस प्रकार के अपराधों का आदतन अपराधी है। विशेष लोक अभियोजक आदित्य कुमार ने दलील दी कि दोषी एक सीरियल किलर है।
जिसने पहले भी कई बच्चों का अपहरण, दुष्कर्म और हत्या की है। बच्ची का अपहरण और हत्या यह दर्शाती है कि दोषी एक मनोरोगी है और उसका सुधार संभव नहीं है।उन्होंने दोषी को मृत्युदंड दिए जाने की प्रार्थना की है।
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