SSC अभ्यर्थियों का बड़ा आरोप, कहा-शिक्षकों और पुलिस ने की ज्यादती, महिला प्रदर्शनकारियों से की गई छेड़छाड़
कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) की परीक्षाओं में कथित गड़बड़ियों को लेकर रामलीला मैदान में अभ्यर्थियों और शिक्षकों ने प्रदर्शन किया जो बाद में पुलिस के साथ झड़प में बदल गया। अभ्यर्थियों ने पुलिस और शिक्षकों पर धोखे का आरोप लगाया है। पुलिस ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि प्रदर्शन की अनुमति शाम 5 बजे तक थी और शर्तों के उल्लंघन के कारण कार्रवाई की गई।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। कर्मचारी चयन आयोग (SSC) की भर्ती परीक्षाओं में कथित गड़बड़ियों को लेकर रविवार को रामलीला मैदान में हजारों अभ्यर्थियों और शिक्षकों ने प्रदर्शन किया, जो देर शाम पुलिस के साथ झड़प में बदल गया।
इस दौरान 40 लोगों को हिरासत में लिया गया। पूरे घटनाक्रम पर सोमवार को प्रेस वार्ता कर अभ्यर्थियों ने अपना पक्ष साझा किया है। अभ्यर्थियों ने पुलिस और शिक्षकों दोनों पर “धोखे और ज्यादती” का आरोप लगाया है।
छात्र राम, जिसके नाम पर प्रदर्शन की अनुमति दी गई थी, ने सोमवार को प्रेस वार्ता में कहा कि “हमने तय किया था कि कोई शिक्षक मंच का नेतृत्व नहीं करेगा, लेकिन वे लग्जरी गाड़ियों और बाॅडी गार्ड्स के साथ आए और माइक छीन लिया।
हम तो दोपहर तक प्रदर्शन खत्म करने को तैयार थे, लेकिन छात्र कह रहे थे कि वे शिक्षकों के बुलावे पर आए हैं। महिला प्रदर्शनकारी आहाना ने आरोप लगाया कि रात में पुलिस द्वारा बिजली काटे जाने के बाद महिलाओं से छेड़छाड़ हुई।
उन्होंने कहा, “हमारे कपड़े फाड़े गए, अभद्र टिप्पणियां की गईं और अंधेरे में हमें परेशान किया गया।” एक अन्य अभ्यर्थी ने दावा किया कि पुलिसकर्मी सिविल ड्रेस में मंच से छात्रों को खींचकर नीचे लाए और हमला किया।
अगस्त क्रांति ऑफ एस्पिरेंट्स” बैनर तले हुआ यह प्रदर्शन पिछले महीने हुए विरोध की कड़ी माना जा रहा है। हालांकि दिल्ली पुलिस ने इन आरोपों को खारिज किया है। पुलिस का कहना है कि सभा की अनुमति सुबह 10 से शाम 5 बजे तक थी।
लेकिन, चेतावनी के बावजूद करीब 100 लोग हटने को तैयार नहीं थे। पुलिस के मुताबिक, तितर-बितर करने की कार्रवाई में 40 लोगों को हिरासत में लिया गया और पांच पुलिसकर्मी, जिनमें तीन महिला कांस्टेबल भी शामिल हैं, घायल हुए।
पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया कि लाठीचार्ज नहीं हुआ। दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शन की अनुमति की शर्तें तोड़े जाने का हवाला देते हुए 25 अगस्त के प्रस्तावित धरने की अनुमति वापस ले ली है।
इस मामले में बीएनएस की धारा 223बी (पूर्ववर्ती आइपीसी की धारा 188) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। अभ्यर्थी अब जंतर-मंतर पर प्रदर्शन की तैयारी में हैं और अनुमति हासिल करने की कोशिश में लगे हैं।
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