सुप्रीम कोर्ट के आदेश से पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय गोयल के चेहरे पर मुस्कान, आवारा कुत्तों को लेकर बताया ये प्लान
पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय गोयल आवारा कुत्तों की समस्या को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश से उत्साहित हैं। उन्होंने दिल्ली सरकार से बजट आवंटित करने का आग्रह किया है ताकि सड़कों को कुत्ता मुक्त किया जा सके। उनका सुझाव है कि निजी कंपनियों की मदद से इस समस्या का समाधान किया जा सकता है और कुत्तों की सही गणना भी की जा सकती है।

नेमिष हेमंत, नई दिल्ली। आवारा कुत्तों को लेकर लंबी लड़ाई लड़ने वाले और उसके चलते पशु प्रेमियों के निशाने पर रहने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय गोयल के चेहरे पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से मुस्कान है। आखिरकार उनके दो वर्षों के संघर्ष को उस आदेश से और मजबूती मिलने के साथ आधिकारिक स्वीकृति मिली है।
वैसे, उनके इस अभियान को दिल्ली वालों से खूब सराहना मिली है। महाराष्ट्र, हरियाणा, उत्तर प्रदेश व अन्य राज्यों के आरडब्ल्यूए के साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर व सांसद रामवीर सिंह विधूड़ी जैसे जनप्रतिनिधि भी जुड़े। ऐसे में जब सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया तो दिल्ली के विभिन्न आरडब्ल्यू पदाधिकारियों ने उनका स्वागत किया।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में केंद्रीय मंत्री रहे व चांदनी चौक के पूर्व सांसद विजय गोयल अब सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार, दिल्ली की सड़कों को कुत्ता मुक्त करने की योजना को लागू कराने पर गंभीर हैं। साथ ही वह इसे देशभर की समस्या बताते हुए राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि यह असंभव नहीं है। जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान यह करके दिखाया था। हालांकि, इसमें जरूर ऊर्जा व अधिक समय के साथ बजट लगेगा, लेकिन इच्छाशक्ति हो तो हो जाएगा। उन्होंने इसके लिए दिल्ली सरकार से बजट आवंटन का अनुरोध करते हुए कहा कि यह कुत्तों को काटने पर लगने वाले टीके से बेहतर जनकल्याण का काम है।
इससे प्रतिदिन दिल्ली में दो हजार कुत्ता काटने के मामले से मुक्ति मिलेगी। दिल्ली में आठ लाख आवारा कुत्ते हैं। उसके लिए छोटे-बड़े बाड़े बनाने होंगे। उनके भोजन व रखरखाव में कुत्ता प्रेमियों की मदद ली जा सकती है।
यह भी पढ़ें- अवारा कुत्तों पर 'सुप्रीम' आदेश से टेंशन में MCD, कैसे खर्च करेगा करोड़ों रुपये? रिपोर्ट में समझिए सबकुछ
उन्हाेंने कहा कि यह एक साथ नहीं हो सकता है, ऐसे में दिल्ली के एक-एक क्षेत्र को आवारा कुत्ता मुक्त करने की मुहिम चले।
इस मामले में एनजीओ को निशाने पर रखते आए पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उनमें भ्रष्टाचार है। वे एक कुत्ते का बंध्याकरण करते तो 10 का दिखाकर शुल्क वसूलते हैं। साथ ही विदेशी फंडिंग के लिए वह पशु प्रेमी होने का दिखावा करते हैं। ऐसे में इस कार्य के लिए निजी कंपनियों का साथ लेना हितकर रहेगा।
इसके लिए सरकार निविदा जारी करें और प्रत्येक कुत्ता उठाने पर राशि तय करें तो निश्चित ही दिल्ली की सड़कें कुत्ता मुक्त होंगी। इससे कुत्तों की स्वत: गणना भी हो जाएगी। बाड़े में कुत्तों के बंध्याकरण पर जोर देते हुए वह कहते हैं कि अगर वहां उसकी व्यवस्था नहीं की गई तो वहां कुत्ते बढ़ जाएंगे।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।