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    The Bengal Files: पल्लवी जोशी और विवेक अग्निहोत्री ने जताया विरोध, बंगाल में पुलिस कार्रवाई पर उठाए सवाल

    Updated: Mon, 18 Aug 2025 01:53 PM (IST)

    फिल्म द बंगाल फाइल्स रिलीज से पहले ही विवादों में घिर गई है। ट्रेलर जारी होने के बाद पश्चिम बंगाल में इसे पुलिस ने रुकवा दिया। अभिनेत्री पल्लवी जोशी और निर्देशक विवेक रंजन अग्निहोत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विरोध जताया। पल्लवी जोशी ने कहा कि ट्रेलर लांचिंग रोकने की पुलिसिया कार्रवाई से फिल्म यूनिट आहत है। फिल्म नोआखाली में हुए नरसंहार पर आधारित है जहाँ महिलाओं को सुरक्षा नहीं मिली।

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    फिल्म की अभिनेत्री पल्लवी जोशी और निर्देशक विवेक रंजन अग्निहोत्री ने राजधानी में एक प्रेस कांफ्रेंस कर अपना विरोध जताया।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। फिल्म 'द बंगाल फाइल्स' रिलीज से पहले ही विवादों में है। हाल ही में फिल्म का ट्रेलर रिलीज किया गया, जिसे लेकर हंगामा खड़ा हो गया। पश्चिम बंगाल में फिल्म के ट्रेलर को पुलिस ने जबरन रुकवा दिया था। इसी क्रम में सोमवार को फिल्म की अभिनेत्री पल्लवी जोशी और निर्देशक विवेक रंजन अग्निहोत्री ने राजधानी में एक प्रेस कांफ्रेंस कर अपना विरोध जताया।

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    फिल्म यूनिट से जुड़े सभी आहत

    इस मौके पर अभिनेत्री पल्लवी जोशी ने कहा कि बंगाल में जिस तरह से फिल्म 'द बंगाल फाइल्स' की ट्रेलर लांचिंग को रोकने के लिए पुलिसिया कार्रवाई की गई, उससे फिल्म यूनिट से जुड़े सभी लोग आहत हुए हैं। कोलकाता पुलिस ने हमारी फिल्म के ट्रेलर लांच को रुकवाया। इसलिए आज मैं यहां पर हूं। फिल्म के निर्देशक विवेक रंजन अग्निहोत्री भी साथ में हैं। 

    हम ट्रायोलॉजी बनाएंगे

    उन्होंने कहा कि हम जिम्मेदार निर्देशक और निर्माता हैं। 2012 में इस फिल्म के बारे में सोचना शुरू किया। सत्यजीत रे व मणिरत्नम ने सोचा कि हम अपने लोकतंत्र पर ट्रायोलॉजी बनाएंगे, तीन शेरों पर पहला सच बोलने का अधिकार है।

    ताशकंद फाइल्स में हमें दूसरे पीएम की मौत के रहस्य पर बनाई, दूसरी न्याय का अधिकार के शेर को लेकर कश्मीर फाइल्स बनाई। 35 साल बाद उस समय के पीड़ितों को न्याय नहीं मिला है। तीसरा शेर के रूप में जीने का अधिकार को आधार बनाकर बंगाल फाइल्स बनाई है।

    बंगाल हॉरर का शिकार

    पल्लवी जोशी ने कहा, ''रिसर्च में हमने पाया है कि बंगाल उसी हॉरर का शिकार है, आजादी के साथ से है। मुर्शिदाबाद में हमने यही देखा। चौथा शेर कभी दिखता नहीं, जो भारत के लोगों का प्रतीक है। नोआखाली में जो नरसंहार हुआ था उसी विषय पर बंगाल फाइल्स का निर्माण किया गया है। नरसंहार दिवस पर ट्रेलर लांच करने के पर नगर निगम पुलिस और सरकार अपनी बेसिक ड्यूटी में विफल रही। महिलाओं को सुरक्षा नहीं दी गई। वहां से बड़ी ही मुश्किल से मैं बाहर निकल सकी। यह फिल्म पर नहीं लोगों पर हमला है। मुगल और ब्रिटिश राज की तरह आवाज को कुचलने की कोशिश की गई है। वर्तमान सरकार के कृत्यों ने साबित किया कि हम सही थे।''

    17 हजार पेज का रिसर्च किया

    वहीं, फिल्म के निर्देशक विवेक रंजन अग्निहोत्री ने कहा कि हम एक माह तक फिल्म को लेकर अमेरिका में रहे। 20 मार्च 2020 को कश्मीर फाइल्स की शूटिंग रुकी तो उसके बाद इस फिल्म को लेकर गहन रिसर्च किया। हमने 100 साल के लोगों को ढूंढ-ढूंढकर इंटरव्यू किया। हमारे पास 17 हजार पेज का रिसर्च है। 

    'बंगाल सरकार को सराहना चाहिए था'

    उन्होंने कहा कि बंगाल में एक के बाद एक एफआईआर फाइल करनी शुरू की। यह सब सत्तारूढ़ दल टीएमसी के नेताओं ने किया। टीएमसी के वर्कर्स सोशल मीडिया में लिख-लिख कर बोल रहे हैं। यह विभाजन के ऊपर, विश्व के लोग सराह रहे हैं। नोआखली अगर नहीं होता तो बांग्लादेश न होता। इसलिए वहां की सरकार को चाहिए था कि हम लोगों को सराहती। 

    मैनेजर ने अचानक कार्यक्रम रोका

    उन्होंने आगे कहा कि सारी दुनिया जिस फिल्म को सराह रही है। उसके लिए सारी अनुमति थी। 16 अगस्त को कलकत्ता में रिलीज करना कहां का गुनाह हो गया? हम लोगों को मना कर दिया गया। उन्होंने कहा, "मैं भी हारने और डरने वालों में नहीं। हमें भी बोलने का अधिकार है। सोनार आईटीसी कोलकाता के प्रसिद्ध होटल चेन है। वहां कार्यक्रम करने की सारी अनुमति ली गई थी। सोचिए, क्या यह बिना अनुमति के संभव है? यहां की तरह वहां माहौल था। बातचीत के बाद जैसे ही ट्रेलर चलाने की बात आई तो मैनेजर आए बोला कि ट्रेलर्स लांच नहीं हो सकता है।" 

    ...स्टे न होता तो हम जेल में होते

    उन्होंने बताया कि पहले मैनेजर की मौजूदगी में ही रिहर्सल हुआ था। जब कार्यक्रम रोकने का कारण मीडिया ने भी पूछा तो वह कुछ नहीं बोले। इसके बाद बाद के नजारे के बारे में विवेक ने कहा कि पुलिस बाहर थी, लेकिन अंदर नहीं आ रही थी। जैसे ही फिल्म का ट्रेलर लांच होने लगा, बिना वर्दी में पुलिस वाले आए और राजनीतिक दबाव में कार्यक्रम रोक दिया। वहां बड़ी संख्या में टीएमसी के वर्कर जमा हो गए। अचानक ही बहुत सारे अनजाने लोग घुस आए। भारत में पहले भी कई फिल्मों पर प्रतिबंध लगा है। मगर ट्रेलर के मामले में यह पहली बार देखा है।

    विवेक अग्निहोत्री ने कहा कि सीधे अगर मुख्यमंत्री ही हमले पर उतर आये तो कोई क्या करे। अगर स्टे नहीं लिया होता तो आज हम लोग जेल में होते।

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