' तिहाड़ जेल प्रशासन पर क्यों न करें अवमानना कार्यवाही...' आतंकी तहव्वुर राणा केस में कोर्ट ने पूछा
पटियाला हाउस कोर्ट ने तिहाड़ जेल प्रशासन से तहव्वुर राणा को फोन पर बात करने की अनुमति न देने पर स्पष्टीकरण मांगा है जबकि कोर्ट ने पहले अनुमति दी थी। राणा 26/11 मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड है। अदालत ने जेल अधीक्षक से पूछा कि क्यों न कोर्ट के आदेश की अनदेखी के लिए उनके खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू की जाए क्योंकि एनआईए से अनुमोदन के बाद भी अनुमति नहीं मिली।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। पटियाला हाउस स्थित विशेष न्यायाधीश की अदालत ने 26/11 मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड Tahawwur Rana को लेकर तिहाड़ जेल से स्पष्टीकरण मांगा है।
तिहाड़ जेल प्रशासन से पूछा गया है कि तहव्वुर राणा को अपने वकील से संपर्क करने के लिए परिवार से फोन पर बात करने की अनुमति क्यों नहीं दी गई? जबकि पहले अदालत ने इसकी मंजूरी दी थी। विशेष न्यायाधीश चंदर जीत सिंह ने मामले की अगली सुनवाई 19 सितंबर तय की।
वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए तहव्वुर राणा ने कोर्ट की ओर से उपलब्ध कराए गए वकील पियूष सचदेव के माध्यम से अदालत को बताया कि उन्हें जेल के फोन से अपने भाई से कनाडा में बात करने की अनुमति नहीं मिली, जबकि अदालत ने यह सुविधा सीमित उद्देश्य के लिए मंजूर की थी।
सात अगस्त के आदेश में अदालत ने राणा को चार हफ्तों में तीन बार प्रत्येक बार 10 मिनट के लिए परिवार के सदस्यों से बातचीत करने की अनुमति दी थी, ताकि वह अपने लिए एक वकील नियुक्त कर सके।
अदालत ने जेल अधीक्षक से पूछा कि क्यों न कोर्ट के इस आदेश की अनदेखी के लिए उनके खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू की जाए। जेल अधीक्षक ने बताया कि NIA से अनुमोदन मांगा गया था, लेकिन एक माह से अधिक समय बीत जाने के बावजूद राणा को काॅल की अनुमति नहीं मिली।
एनआईए के अनुसार, उसने डेविड कोलमैन हेडली (दाऊद गिलानी) और लश्कर-ए-तैबा, हरकत-उल-जिहादी-इस्लामी सहित पाकिस्तान स्थित अन्य एजेंट्स के साथ मिलकर 26 नवंबर से 29 नवंबर 2008 तक मुंबई में 12 स्थानों पर समन्वित हमले की साजिश रची थी।
इन हमलों में 166 लोगों की मौत हुई थी, जिसमें छह अमेरिकी नागरिक भी शामिल थे, जबकि 238 से अधिक लोग घायल हुए।
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