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    मुंडका-बक्करवाला टोल विवाद में ग्रामीण बोले-जमीन देने के बाद भी टोल टैक्स का बोझ लाद रहे, विरोध तेज

    Updated: Sat, 06 Sep 2025 12:16 PM (IST)

    बाहरी दिल्ली के ग्रामीण यूईआर-2 पर मुंडका-बक्करवाला टोल प्लाजा शुरू होने से नाराज हैं। जिन किसानों की जमीन इस परियोजना के लिए ली गई वे टोल देने का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि मुआवजा कम दिया गया और अब अपनी ही जमीन पर टोल देना पड़ रहा है। क्षेत्रीय सांसद और विधायक इस मामले को लेकर केंद्रीय मंत्री से बात कर चुके हैं।

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    यूईआर-2 के आसपास के गांवों के लोग टोल टैक्स नहीं देना चाहते हैं। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली। यूईआर-2 पर मुंडका-बक्करवाला टोल शुरू होने के बाद से ही क्षेत्र के ग्रामीण मुखर हैं। यूईआर-2 के आसपास के गांवों के लोग टोल टैक्स नहीं देना चाहते हैं। इस परियोजना के लिए जिन किसानों की जमीन अधिग्रहित हुई है, उन लोगों का कहना है कि हमने जमीन भी दी और अब हमसे टोल वसूला जा रहा है। मुद्दा यह नहीं कि आसपास के लोगों को मासिक पास के माध्यम से महंगे टोल से छूट मिल जाएगी, हमारा मानना है कि जमीन दी है तो हम टोल क्यों दें।

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    टोल टैक्स वसूला जा रहा

    यूईआर-2 परियोजना के लिए बाहरी दिल्ली के दर्जनभर गांवों के लोगों ने अपनी जमीन दी। जमीन की एवज में एनएचएआइ ने लोगों मुआवजा भी दिया। लेकिन, ग्रामीण मुआवजे की राशि से संतुष्ट नहीं हैं। उनका कहना है कि एक तो मुआवजा राशि काे कम दी गई और अब हमारी ही जमीन से बने यूईआर-2 पर आने-जाने के लिए हमसे ही टोल टैक्स वसूला जा रहा है।

    दैनिक जागरण से ऐसे ग्रामीणों से बात की, जिनकी जमीन इस परियोजना के लिए अधिग्रहित हुई है। बता दें कि पिछले महीने की 27 तारीख से शुरू हुए मुंडका-बक्करवाला टोल प्लाजा पर वसूली का ग्रामीण पहले दिन से ही विरोध कर रहे हैं। ग्रामीण किसी भी सूरत में टोल देने को तैयार नहीं हैं। क्षेत्रीय सांसद योगेंद्र चांदोलिया व कमलजीत सहरावत के अलावा विधायक गजेंद्र दराल व संदीप सहरावत इस मसले को लेकर केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा से चर्चा कर चुके हैं।

    यूईआर-2 के लिए इन गांवों की जमीन का हुआ था अधिग्रहण

    यूईआर-2 के निर्माण के लिए लगभग दर्जनभर से ज्यादा गांवों की जमीन को अधिग्रहण किया गया, इनमें अलीपुर, खेड़ा खुर्द, बरवाला, कराला, मदनपुर, रानीखेड़ा, मदनपुर, मंजरी, रसूलपुर, मुंडका, बक्करवाला, बापरौला, दिचाऊं कलां और नजफगढ़ शामिल है। इसके अलावा मुंडका और बक्करवाला की जमीन पर मुंडका-बक्करवाला टोल प्लाजा बनाया गया।

    क्या कहते हैं ग्रामीण...

    मेरी तकरीबन एक एकड़ जमीन यूईआर-2 परियोजना के लिए अधिग्रहित की गई थी। अब हमारी ही जमीन पर टोल टैक्स देना पड़ेगा, यह भावनात्मक और आर्थिक तौर पर गलत है।

    -दलबीर सिंह, मुंडका

    हमारी साढ़े चार एकड़ जमीन का अधिग्रहण हुआ है। जिसकी बाजार में कीमत तकरीबन दस करोड़ रूपये थी। लेकिन हमें 24 लाख रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा दिया गया। इसके साथ ही हमसे अतिरिक्त प्लाट देने की बात भी कही गई थी, अभी तक नहीं मिला। बल्कि टोल और लगा दिया गया। यह हटना चाहिए।

    -राकेश, मुंडका

    हमारी कुल लगभग चार एकड़ जमीन सरकार ने अधिग्रहण की है। ढाई एकड़ जमीन 2004 और सवा एकड़ 2020 में सरकार द्वारा ली गई है। हमारी करोड़ों की जमीन को औने-पौने दामों पर ले लिया और ऊपर से यह टोल टैक्स लगा दिया। यह हटना चाहिए।

    -दिलीप सिंह, मुंडका

    यूईआर-2 के निर्माण में हमारी तीन से पौने तीन एकड़ जमीन गई है। अब हम अपनी जमीन में भी नहीं जा सकते। यह टोल हटना चाहिए। जो गलत है।

    -संजीव, मुंडका

    यह भी पढ़ें- मुंडका-बक्करवाला टोल हटाओ आंदोलन: पालम 360 खाप और ग्रामीणों का बड़ा ऐलान, 14 सितंबर को महापंचायत

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