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    UER-2: दिल्ली वालों को 17 KM के अंदर भरना पड़ रहा दो बार टोल, फैसले को लेकर खाप 360 ने दिया अल्टीमेटम

    Updated: Thu, 28 Aug 2025 01:38 PM (IST)

    दिल्ली में यूईआर-2 (अर्बन एक्सटेंशन रोड) पर मुंडका-बक्करवाला टोल प्लाजा को लेकर विरोध जारी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि 60 किलोमीटर के दायरे में फैले दिल्ली शहर में टोल टैक्स लगाना गलत है। वे द्वारका एक्सप्रेस-वे पर टोल चुकाने के बाद फिर से टोल देने का विरोध कर रहे हैं।

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    अर्बन एक्सटेंशन रोड पर दिल्ली वालों को टोल देना पड़ रहा है। जागरण

    जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली। यूईआर-2 (अर्बन एक्सटेंशन रोड, UER-2) के शुरू होने से दिल्ली के लोगों को बड़ी राहत के साथ एक परेशानी भी मिली है। यूईआर-2 दिल्ली की पहली ऐसी रोड है, जिस पर आवाजाही के लिए राजधानी के लोगों को टोल टैक्स चुकाना पड़ रहा है।

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    मुंडका-बक्करवाला टोल प्लाजा पर मंगलवार को लोगों के विरोध-प्रदर्शन के बाद राजधानी के भीतर टोल टैक्स वसूली का मामला गर्मा गया है। गांव देहात के साथ शहरी लोगों ने भी टोल वसूली का विरोध शुरू कर दिया है। लोगों का कहना है कि लगभग 60 किलोमीटर दायरे में फैली दिल्ली की सीमा के भीतर टोल लगाना ठीक नहीं है, इसे तुरंत बंद करना चाहिए। 

    वहीं, लोग सवाल कर रहे हैं कि द्वारका एक्सप्रेस-वे पर दिल्ली-गुरुग्राम की सीमा स्थित बझघेड़ा टोल प्लाजा पर टैक्स चुकाने के बाद महज करीब 17 किलोमीटर दूरी पर मुंडका-बक्करवाला पर दिल्ली वाले टोल क्यों भरें। दिल्ली के भीतर पहले टोल प्लाजा को लेकर विरोध के सुर तेज होते जा रहे हैं। 

    यह भी पढ़ें- दिल्ली पंचायत राज लागू करने की मांग को लेकर याचिका दायर, अदालत ने सरकार के वकील से पूछा अहम सवाल?

    ग्रामीणों ने दो-टूक कहा कि मुंडका-बक्करवाला टोल मंजूर नहीं है। 31 अगस्त तक समाधान नहीं निकाला गया तो महापंचायत कर आंदोलन की आगामी रणनीति तय की जाएगी। प्रदर्शनकारियों ने आसपास के गांवों के लोगों से टोल टैक्स वसूली का विरोध किया और आधार कार्ड के आधार पर यूईआर-2 पर निश्शुल्क प्रवेश देने की भी मांग की। बेशक, मुंडका, बक्करवाला, हिरण कूदना, दिचाऊं, मित्राऊं, नीलवाल, घेवरा आदि गांवों के लोगों ने टोल वसूली का विरोध किया, लेकिन दिल्ली के भीतर टोल टैक्स को लेकर रोहिणी, पीतमपुरा, नरेला, अलीपुर, बवाना समेत बाहरी दिल्ली में सुगबुगाहट है।

    बाहरी दिल्ली क्षेत्र से एयरपोर्ट या द्वारका की ओर जाना है तो मुंडका-बक्करवाला टोल प्लाजा से होकर गुजरना पड़ेगा। उसे भारी-भरकम टोल टैक्स देना ही पड़ेगा। कार, जीप चालकों को आने-जाने के लिए 350 रुपये और एक साइड के 235 रुपये देने होंगे।

    दिल्ली बहुत छोटी है। यूईआर-2 जैसी विकास परियोजनाओं का लाभ दिल्ली से अधिक आसपास के व यहां से गुजरने वाले दूसरे राज्यों से लोगों को होता है। केंद्र सरकार से आग्रह है कि विशेषकर यूईआर-2 के आसपास रह रहे क्षेत्रवासियों के लिए टोल व्यवस्था से पूर्ण छूट मिले। - अतुल रणजीत कुमार, राष्ट्रीय महासचिव, एनजीओ गुरु हनुमान सोसायटी आफ भारत

    दिल्ली के साथ पंजाब-हरियाणा व अन्य राज्यों से आने वाले वाहन चालकों की सहूलियत के लिए यूईआर परियोजना बनाई गई है। बाहर के राज्यों से आने वाले वाहनों से तो टोल टैक्स लेना ठीक है, लेकिन दिल्ली के लोगों से टैक्स लेना उचित नहीं है। मुंडका-बक्करवाला टोल को दिल्ली के लिए पूरी तरह से मुक्त किया जाए। - थान सिंह यादव, अध्यक्ष, दिल्ली पंचायत संघ

    कहां टोल प्लाजा बनने हैं, कहां कितना टोल टैक्स लेना है, यह निर्णय केंद्रीय स्तर पर लिए जाते हैं। बझघेड़ा टोल प्लाजा द्वारका एक्सप्रेस-वे का हिस्सा है और मुंडका-बक्करवाला यूईआर-2 परियोजना के तहत है। दोनों टोल अलग हैं। यूईआर-2 पर एकमात्र मुंडका-बक्करवाला टोल है। - आकाश पहाड़ी, परियोजना निदेशक, यूईआर-2

    दिल्ली 60 किलोमीटर दायरे में फैली है। यहां अब तक किसी रोड पर टोल टैक्स नहीं लगाया गया, फिर यूईआर-2 पर क्यों। यह सवाल पूरी दिल्ली का है। मुंडका-बक्करवाला टोल हटना चाहिए। यूईआर-2 के आसपास गांव के लोगों से तो टोल नहीं लिया जाना चाहिए। यू-टर्न खोले जाने चाहिए। अगर 31 अगस्त तक उनकी मांग नहीं मानी तो महापंचायत अपना निर्णय लेगी। - रामकुमार सोलंकी, खाप नेता