Yamuna Flood: दिल्ली की गीतांजलि कॉलोनी में जलभराव को बीते आठ दिन, अब टूट रहा लोगों के सब्र का बांध
मुंगेशपुर ड्रेन टूटने से गीतांजलि कॉलोनी में जलभराव की स्थिति बनी हुई है। बांध की मरम्मत के बाद भी कॉलोनी में पानी भरा है जिससे लोग राहत शिविरों में रहने को मजबूर हैं। मकान धंसने का डर सता रहा है और नुकसान का अंदाजा लगाना मुश्किल है। हस्तसाल कॉलोनी में भी जलभराव जारी है और लोग पंपों की संख्या बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।

गौतम कुमार मिश्रा, पश्चिमी दिल्ली। बहादुरगढ़ से दिल्ली आ रहे मुंगेशपुर ड्रेन के क्षतिग्रस्त हिस्से में बांध की मरम्मत भले ही हो गई हो, लेकिन लोगों के ड्रेन के किनारे बसी गीतांजलि कॉलोनी के निवासियों के सब्र का बांध कब तक कायम रहेगा, यह नहीं कहा जा सकता है।
लोगों का कहना कि उन्हें ऐसा लग रहा है मानों सब्र भी उनका इम्तहान ले रहा है। ड्रेन का बांध टूटे आठ दिन बीत हो चुका है, लेकिन कॉलोनी में अभी भी हर जगह पानी है। करीब दो हजार घर इस जलभराव की चपेट में हैं।
अब मकान के धंसने का सता रहा है डर
कॉलोनी के लोगों को इस बात की चिंता सता रही है कि कहीं इतने दिन पानी में डूबे रहने के बाद उनकी इमारत नीचे न धंस जाए। इस बात की चिंता लोगों को इसलिए भी सता रही है क्योंकि कुछ मकान के बाहरी हिस्से में लोगों ने दरार देखे हैं। लोगों को लग रहा है कि कई मकान दरार की चपेट में आ चुका होगा। खासकर तब जब पानी की मात्रा कम होगी और जमीन सूखेगी। तब शायद मकान की नींव ही दरकने लगे।
कितना नुकसान इसका अभी नहीं लगाया जा सकता है अंदाजा
कॉलोनी के कई हिस्से ऐसे हैं जहां तीन फीट से अधिक पानी है। ऐसे हिस्से में जिनके मकान हैं, वे अभी नुकसान का पूरा अंदाजा भी नहीं लगा सकते। क्या बचा है और क्या खराब हो गया, यह भी पता करना मुश्किल है। कई लोगों की मोटरसाइकिल व कार वहीं खड़ी है।
अभी ऐसी स्थिति नहीं कि इन्हें वहां से हटाकर सूखे जगह लाया जाए। कपड़े, बिछावन, रसोई में रखा अनाज सभी बर्बाद हो गया होगा। फर्नीचर भी खराब हो गया होगा। कौन सा इलेक्ट्रानिक उपकरण काम करेगा और क्या नहीं, इसका पता तो तभी चलेगा, जब पानी पूरी तरह सूख जाए और कॉलोनी में बिजली आपूर्ति बहाल हो जाए। फिलहाल तो आठ दिनों से कॉलोनी की बिजली सुरक्षा के लिहाज से काट दी गई है।
किसी भी तरह लोग जाना चाहते हैं अपने घर
झाड़ौदा कलां गांव में बने राहत शिविर में रहने वाले लोगाें का कहना है कि यहां कई लोग बीमार हो रहे हैं। एक ही जगह एक ही कमरे में कई लोगों के कई दिनों तक रहने के कारण अब लोग शिविर में उबने लगे हैं। लोगाें का स्वभाव चिड़चिड़ा होने लगा है। कई लोगों को बीमार होने का अंदेशा सता रहा है।
लोग अब किसी भी तरह घर जाना चाहते हैं। सबसे ज्यादा असर बच्चों पर पड़ रहा है। बच्चों की पढ़ाई बिल्कुल बाधित है। कई लोग जिनके स्वजन आसपास में रहते हैं, वे अपना घर छोड़कर स्वजन के यहां रह रहे हैं। ऐसे लोगों का कहना है कि आखिर वे कब तक स्वजन के घर को अपना ठौर बनाए रखेंगे।
पंप से पानी निकालना जारी, लेकिन रफ्तार धीमी
गीतांजलि कॉलोनी में ड्रेन का पानी आना तो बंद हो गया है, लेकिन जितना पानी जमा है, वह निकले, इसके लिए प्रशासन ने कॉलोनी से जलनिकासी के लिए कई पंप लगाए हैं। कॉलोनी के लोगों ने बताया कि करीब 8 पंप से यहां पानी निकाला जा रहा है।
कॉलाेनी से पानी निकालकर उसे मुंगेशपुर ड्रेन में छोड़ा जा रहा है। लेकिन पानी की मात्रा को देखते हुए यहां कम से कम 25 पंप लगाए जाने की जरुरत है। अभी जिस रफ्तार से पंप काम कर रहे हैं, उससे पानी को निकलने में कई दिन लग सकते हैं। फिलहाल जितना पानी जमा था, उसमें करीब एक फुट की कमी आई है, जो पूरी तरह नाकाफी है।
हस्तसाल कॉलोनी में अभी भी जलभराव
विकासपुरी विधानसभा क्षेत्र स्थित हस्तसाल एलआइजी व जनता फ्लैट कॉलोनी अभी भी जलभराव की चपेट में है। यहां पंप से पानी की निकासी हो रही है, मुख्य सड़क से पानी की निकासी भी हुई है, लेकिन कॉलोनी के भीतरी हिस्से में अभी भी पानी एकत्रित है। लोग अभी भी बदबूदार पानी के बीच रहने को विवश हैं।
हस्तसाल केंद्रीय विद्यालय के सामने की सड़क जो हस्तसाल गांव की ओर जा रही है, उसपर अभी भी काफी मात्रा में पानी जमा है। लोगाें का कहना है कि यहां जितने पंप पानी की निकासी के लिए लगाए गए हैं, उनकी संख्या दो से तीन गुना तक बढ़ाए जाने की जरुरत है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।