दिल्ली के बुराड़ी में मछलियाें की मौत से क्या हैं हरियाणा सरकार का कनेक्शन? NGT ने नोटिस देकर मांगा जवाब
एनजीटी ने हरियाणा सरकार से यमुना में गिरने वाले नाला संख्या-छह के बारे में जानकारी मांगी है कि क्या यह बरसाती नाला है और क्या इसे एसटीपी से जोड़ने की ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। बुराड़ी क्षेत्र में यमुना नदी किनारे बड़ी संख्या में मृत मछलियों की घटना के संबंध में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण समिति (सीपीसीबी) द्वारा दाखिल की गई अनुपालन रिपोर्ट का नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने विचार किया।
साथ ही हरियाणा सरकार एवं हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एचएसपीसीबी) को ताजा हलफनामा दाखिल कर यह स्पष्ट करने को कहा कि यमुना में गिरने वाला नाला संख्या-छह क्या बरसाती नाला है और उसे स्थायी रूप से एसटीपी से जोड़ने की योजना है या नहीं।
एनजीटी चेयरमैन न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की अध्यक्षता वाली पीठ ने सीपीसीबी की रिपोर्ट को रिकार्ड पर लिया। जिसमें कहा गया कि 30 अक्टूबर 2025 को सीपीसीबी, डीपीसीसी, एचएसपीसीबी तथा हरियाणा सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग की संयुक्त बैठक आयोजित हुई।
इसें नालों के प्रदूषण नियंत्रण हेतु महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इसमें हरियाणा को नाला संख्या-आठ में गिरने वाले सभी डिस्चार्ज प्वाइंट का सर्वे कर विस्तृत कार्ययोजना पेश करने को कहा गया। साथ ही नाला संख्या-छह का गंदा पानी नाला संख्या-आठ में मिलते पाया गया, क्योंकि दोनों नालों के बीच की दीवार टूटी हुई थी।
हरियाणा ने बताया कि दीवार की मरम्मत कर दी गई है। बैठक में यह भी सामने आया कि एचएसपीसीबी ने 28 डिस्चार्ज प्वाॅइंट की पहचान की है, जिनसे लगभग 51.124 एमएलडी सीवेज/औद्योगिक अपशिष्ट नाला संख्या-छह में गिर रहा है।
यह भी कहा गया कि विभिन्न विभागों द्वारा नाले की टैपिंग व डायवर्जन का कार्य 31 दिसंबर 2026 तक और कुछ का कार्य 31 दिसंबर 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य है।
उक्त तथ्यों को देखते हुए एनजीटी ने एचएसपीसीबी को हलफनामा दाखिल करने का निर्देश देने के साथ ही सीपीसीबी द्वारा संयुक्त निगरानी करने का निर्देश दिया गया। एनजीटी ने निगरानी का पहला चरण दिसंबर 2025 में निर्धारित किया है। मामले पर अगली सुनवाई 20 फरवरी 2026 को होगी।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।