दिल्ली कार धमाके में हाई इनटेंसिटी वाले पांच विस्फोटकों का हुआ इस्तेमाल! 48 घंटे में आ सकती है प्राथमिक रिपोर्ट
दिल्ली के लाल किले में हुए विस्फोट के बाद जांच एजेंसियां विस्फोटक के प्रकार का पता लगाने में जुटी हैं। फोरेंसिक टीम ने मौके से नमूने लिए हैं, जिनमें अमोनियम नाइट्रेट, टीएनटी जैसे उच्च तीव्रता वाले विस्फोटकों के मिश्रण की आशंका है। घटनास्थल से एक कारतूस और खोखा भी बरामद हुआ है। 48 घंटे में प्राथमिक जांच रिपोर्ट आने की उम्मीद है।

मौके से नमूने उठाता फोरेंसिक टीम का सदस्य। जागरण
विनीत त्रिपाठी, नई दिल्ली। ऐतिहासिक लाल किले पर विस्फोट की गूंज से लेकर इसके प्रभाव को देखते हुए जांच एजेंसियां यह पता लगाने में जुट गई हैं कि आखिर इस बम को तैयार करने में किस तरह के विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया है। घटना के बाद मौके पर पहुंची रोहिणी स्थित फोरेंसिक साइंस लैब ने सोमवार देर रात मौके पर पहुंचकर मंगलवार सुबह तक बड़ी मात्रा में नमूने एकत्रित किए।
जांच में शामिल एक अधिकारी ने बताया कि विस्फोटक की तीव्रता को देखते हुए इस बम में सिर्फ एक विस्फोटक होने की संभावना कम है। इस बम को दो विस्फोटकों के मिश्रण से तैयार किए जाने की संभवना अधिक है। जांच दल ने वारदात में इस्तेमाल की गई आई-20 कार सहित अन्य वाहनों से भी नमूने लिए हैं।
एकत्रित नमूनों से प्रथमदृष्टया उच्च तीव्रता वाले विस्फोटक में अमोनियम नाइट्रेट, टीएनटी, पीएटीएन, आरडीएक्स या टीएटीपी के होने की संभावना है। हालांकि, जांच अधिकारियों का कहना है कि लाल किले पर आतंकी हमले में कौन से विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया, इसकी पुष्टि प्रयोगशाला में जांच के बाद ही हो सकेगी। नमूनों की बुधवार से एक टीम जांच शुरू करेगी।
मौके से बरामद किया एक कारतूस व एक खोखा
घटनास्थल पर जांच में जुटी दिल्ली पुलिस व फोरेंसिक की टीम ने एक करतूस व एक खाली खोखा भी बरामद किया है। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि यह वहां कैसे पहुंचा और ये कारतूस वारदात को अंजाम देने वाले आतंकी के थे या नहीं। इसकी भी जांच की जा रही है कि खाली खोखे का इस्तेमाल कब हुआ।
48 घंटे में जांच रिपोर्ट दे सकती है फोरेंसिक टीम
इस पूरे मामले की जांच की निगरानी उच्च स्तर से की जा रही है, यही वजह है कि घटनास्थल से बरामद नमूनों की जांच पर सभी की निगाहें टिकी हैं। उच्च स्तर से नमूनों की जांच जल्द से जल्द करने का दबाव है।
रोहिणी स्थित फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला के निदेशक अनिल अग्रवाल का कहना है कि यह एक संवेदनशील मामला है और इसकी तेजी से जांच की जाएगी। 48 घंटे के अंदर प्राथमिक जांच रिपोर्ट देने की कोशिश रहेगी।
- अमोनियम नाइट्रेट: अमोनियम नाइट्रेट का उपयोग आमतौर पर विस्फोटकों में ऑक्सीडाइजिंग एजेंट के रूप में किया जाता है। ईंधन तेल के साथ मिलाने पर अमोनियम नाइट्रेट एक शक्तिशाली बम बन जाता है। अमोनियम नाइट्रेट बम में सामान्यतया लगभग 94 प्रतिशत अमोनियम नाइट्रेट और छह प्रतिशत ईंधन तेल होता है।
- टीएनटीः टीएनटी का अर्थ है ट्राइनाइट्रोटोल्यूईन, जो एक हल्के पीले रंग का ठोस कार्बनिक नाइट्रोजन यौगिक है। इसका उपयोग मुख्यतः विस्फोटक के रूप में किया जाता है। प्रभावशीलता के कारण टीएनटी का व्यापक रूप से सैन्य उपयोग किया जाता है।
- पीईटीएनः पीईटीएन का अर्थ है पेंटाएरिथ्रिटोल टेट्रानाइट्रेट, जो एक उच्च विस्फोटक है। इसका उपयोग अक्सर सैन्य विस्फोटकों, डेटोनेटरों और प्लास्टिक विस्फोटक के रूप में किया जाता है। पीईटीएन का उपयोग हृदय रोगों के उपचार में वेसोडाइलेटर के रूप में भी किया जाता है।
- टीएटीपीः टीएटीपी का अर्थ ट्राइएसीटोन ट्राइपरोक्साइड है और यह एक विस्फोटक है। यह गर्मी, घर्षण और झटके के प्रति अत्यधिक संवेदनशील होता है और झटका लगने पर बेहद खतरनाक हो जाता है। टीएटीपी का इस्तेमाल पूर्व में कई आतंकी हमलों में किया गया है।
- आरडीएक्स: आरडीएक्स एक शक्तिशाली विस्फोटक है और इसका व्यापक रूप से सेना द्वारा या विध्वंस कार्यों में उपयोग किया जाता है।
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