दिल्ली में लगातार बढ़ रहीं कूड़े में आग लगाने की घटनाएं, सैकड़ों कॉल आने से अग्निशमन विभाग में टेंशन का माहौल
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण बढ़ने के साथ, कूड़े में आग लगने की घटनाएं चिंताजनक रूप से बढ़ रही हैं। अग्निशमन विभाग को इस साल सितंबर तक लगभग 1,985 कॉलें मिलीं। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे निकलने वाले सूक्ष्म कण हवा को जहरीला बना रहे हैं, जिससे सांस की बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। कचरे में जलती हुई वस्तुएं फेंकने से आग लगने की घटनाएं बढ़ रही हैं, जो प्रदूषण और स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है।

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण बढ़ने के साथ, कूड़े में आग लगने की घटनाएं चिंताजनक रूप से बढ़ रही हैं।
मोहम्मद साकिब, नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है। इसे देखते हुए पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) का पहला चरण लागू कर दिया है। इसके बावजूद, कूड़े में आग लगने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। ये आग राजधानी की हवा को और जहरीला बना रही हैं।
अग्निशमन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, इस साल 30 सितंबर तक कूड़े में आग लगने की कुल 1,985 कॉल प्राप्त हुई हैं। हालांकि विभाग की टीमें समय रहते इन आग को बुझाने में सफल रहीं, लेकिन इन आग से निकलने वाला धुआँ प्रदूषण में लगातार योगदान दे रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि कूड़े में आग लगने से निकलने वाले सूक्ष्म कण (पीएम 2.5 और पीएम 10) वायु की गुणवत्ता को गंभीर रूप से खराब कर देते हैं।
दिल्ली के कई इलाकों में स्थानीय निवासी कूड़ा जलाना जारी रखते हैं। इससे न केवल प्रदूषण बढ़ता है, बल्कि निवासियों के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है। इस मौसम में सांस की बीमारियों, अस्थमा और एलर्जी के मामले बढ़ जाते हैं।
कचरे में आग लगने के ये हैं कारण
एक अग्निशमन विभाग अधिकारी के अनुसार, कचरे में आग लगने का सबसे आम कारण अनजाने में जलती हुई वस्तुओं, जैसे गर्म राख या कोई जलता हुआ अंगारा, को कचरे के ढेर में फेंकना है, जिससे आसपास का ढेर आग पकड़ लेता है। इसके अलावा, लोग अक्सर जलती हुई सिगरेट या बीड़ी के टुकड़े कचरे के ढेर में फेंक देते हैं, जिससे कचरे में आग लग जाती है और वह विकराल हो जाता है।
कचरा जलाने पर PM 2.5 के सूक्ष्म कण साँस के ज़रिए फेफड़ों में चले जाते हैं। कचरा जलाने के दौरान निकलने वाले ज़हरीले रसायनों में नाइट्रोजन ऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड और पॉलीसाइक्लिक कार्बनिक पदार्थ (POM) शामिल हैं। उपचारित लकड़ी को जलाने से भी ज़हरीले रसायन निकलते हैं।
इस वर्ष कूड़े में आग लगने की घटनाओं के संबंध में अग्निशमन विभाग को प्राप्त कॉल
माह | कॉल |
---|---|
जनवरी | 147 |
फरवरी | 272 |
मार्च | 249 |
अप्रैल | 1,030 |
मई | 301 |
जून | 259 |
जुलाई | 90 |
अगस्त | 62 |
सितंबर | 243 |
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।