700 साल पुरानी इमारत को अब दिल्ली सरकार करेगी संरक्षित, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इसे संवारने का काम शुरू
दिल्ली के डिफेंस कॉलोनी में स्थित लोधी काल के स्मारक, शेख अली की गुमटी को दिल्ली सरकार द्वारा संवारा जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने इसे संरक्षित स्मारक घोषित किया है। लगभग 700 साल पुराने इस स्मारक का आरडब्ल्यूए द्वारा अवैध रूप से उपयोग किया जा रहा था, जिसे कोर्ट के आदेश के बाद हटाया गया। इसके संरक्षण पर 69.99 लाख रुपये खर्च होंगे, जिसमें रखरखाव कार्य भी शामिल है।

दिल्ली सरकार द्वारा संरक्षण कार्य शुरू।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। डिफेंस काॅलोनी में लोधी-काल के एक स्मारक शेख अली की गुमटी की रौनक फिर से लौटने वाली है। दिल्ली सरकार ने सदियों पुराने इस स्मारक को संवारने का काम शुरू कर दिया है।
यह पहल सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस जगह को संरक्षित स्मारक घोषित करने के बाद उठाया गया है। 700 साल पुराने इस स्मारक का स्थानीय ‘रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन' ने छह दशकों से ज्यादा समय तक अवैध रूप से कार्यालय के तौर पर इस्तेमाल किया है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद अतिक्रमण हटाया गया। इसके संरक्षण पर 69.99 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। इसमें दो महीने का विकास कार्य और उसके बाद दो साल का रखरखाव कार्य शामिल है।
योजना के अनुसार रखरखाव कार्यों में कुछ खास तरह की प्रजातियों के पौधों को लगाना, जैविक खाद और कीटनाशकों का इस्तेमाल करना और पानी देना, छंटाई करना, खरपतवार हटाना और सूख गए पौधों को हटाने जैसे कार्य सुनिश्चित करना शामिल है।
आदेश में कहा गया कि संरक्षण के काम में स्मारक परिसर की खूबसूरती बनाए रखने पर भी ध्यान दिया जाएगा। बागवानी टीम खाद के तौर पर सूखा गोबर भी डालेगी और पौधों को कीड़ों और संक्रमण से बचाने के लिए कीटनाशक और फफूंदनाशक का छिड़काव करेगी।
अदालत ने आरडब्ल्यूए को वह जगह खाली करने और दिल्ली सरकार के पुरातत्व विभाग के पास मुआवजे के तौर पर 40 लाख रुपये जमा करने का निर्देश दिया, तथा अधिकारियों को स्मारक परिसर के अंदर से गैर-कानूनी ढांचे को हटाने का आदेश दिया। इसके साथ ही रखरखाव कार्यों और नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए एक ‘कोर्ट कमिश्नर' नियुक्त किया गया है।

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