बेटे ने ही बाप को लूटा: पिता का सिमकार्ड चोरी कर फर्जी UPI आईडी बना निकाले 26 लाख, गिरफ्तार
दिल्ली क्राइम ब्रांच ने शिवम शर्मा को गिरफ्तार किया है, जिसने अपने पिता का सिमकार्ड चुराकर 26 लाख रुपये की हेराफेरी की। शिवम ने फर्जी यूपीआई आईडी बनाकर यह रकम निकाली। पिता द्वारा पार्किंग व्यवसाय पहली पत्नी के बेटे को सौंपने से वह नाराज था। पुलिस ने उसके घर से सोना बरामद किया और बैंक खाते में जमा पैसे फ्रीज किए। शिवम ने अपराध कबूल कर लिया है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। पिता का सिमकार्ड चोरी कर फर्जी यूपीआई आईडी बनाकर उनके बैंक खाते से 26 लाख रुपये निकालने के आरोप में क्राइम ब्रांच ने आरोपित शिवम शर्मा को गिरफ्तार कर लिया है। उसने चार माह के दौरान पिता के बैंक खातों से इतनी बड़ी रकम की हेराफेरी की। पहली पत्नी से हुए बेटे को आजादपुर मंडी का अपना पार्किंग व्यवसाय सौंप देने पर शिवम शर्मा, पिता से नाराज था जिससे उसने इस तरह की वारदात को अंजाम दिया।
डीसीपी क्राइम ब्रांच आदित्य गौतम के मुताबिक शिवम शर्मा, बीए स्नातक है। वह पहले काल सेंटर में काम करता था। एसीपी अनिल शर्मा व इंस्पेक्टर सुभाष चंद्र के नेतृत्व में पुलिस टीम को गहन जांच के बाद आरोपित के बारे में पता चला। उसके बाद शिवम शर्मा की निशानदेही पर उसके घर से 100 ग्राम सोना बरामद हुआ है। उसके एचडीएफसी बैंक खाते में जमा तीन लाख फ्रिज करा दिए गए।
68 वर्षीय बुजुर्ग का आजादपुर मंडी में पार्किंग का ठेका है। खाते से मोटी रकम गायब पाकर 68 वर्षीय बुजुर्ग ने राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर दर्ज 26.32 लाख रुपये की साइबर धोखाधड़ी की शिकायत की थी। पुलिस को जांच से पता चला कि बैंकिंग के सीमित ज्ञान और शारीरिक अस्वस्थता के कारण, पीड़ित ने अपने बेटे को अपने वित्तीय मामलों का प्रबंधन सौंप दिया था, जिसका उसने दुरुपयोग किया।
बीते 23 मार्च को जब उसके पिता अपनी पहली पत्नी के अंतिम संस्कार में शामिल होने गए थे, शिवम ने पीड़ित के बैंक खाते से जुड़ा सिम कार्ड चुरा लिया था। इसके बाद उसने एक फर्जी यूपीआइ आइडी बनाई और अमेजन और फ्लिपकार्ट से सोने के सिक्के खरीकर उन्हें कपड़े के पैकेट में लपेटकर दीवार पर लगी अलमारी में छिपा दिया था। टीम ने उन्हें बरामद कर लिया है।
पुलिस का कहना है कि एक साइबर कैफे संचालक के जरिए उसने छह लाख की नकद निकासी की। इसके एवज में उसने कैफे संचालक को दो से 10 प्रतिशत कमीशन दिया। साक्ष्य मिटाने के लिए उसने सिमकार्ड और मोबाइल नष्ट कर दिया था। लेकिन जब बात फैलने लगी तब शिवम ने बेगुनाही का नाटक किया और साइबर शिकायत दर्ज कराने में पिता की मदद की।
जांच से पता चला कि परिवार में गहरी नाराजगी ही मुख्य वजह यह थी कि पिता पहली पत्नी से हुए बेटे को ही पैसे देते थे और अपना पार्किंग व्यवसाय भी सौंप दिया था। इससे दूसरी शादी से पैदा हुआ बेटा शिवम अलग-थलग और उपेक्षित महसूस कर रहा था। शिवम के परिवार को घरेलू खर्चों के लिए बहुत कम आर्थिक मदद मिलती थी, जिससे उसका गुस्सा और बढ़ गया।
ईर्ष्या और हताशा में डूबकर उसने अपने पिता की डिजिटल कमजोरी का फायदा उठाने की योजना बनाई और वारदात को अंजाम दिया। पुलिस का कहना है कि शिवम को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया गया। शुरुआत में सभी आरोपों से इन्कार करता रहा लेकिन लंबी पूछताछ के बाद उसने आखिरकार अपना अपराध कुबूल कर लिया, जिसके बाद उसके बैंक खाते से सोने के सिक्के और पैसे बरामद कर लिए गए।

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