अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में आवारा कुत्तों का आतंक, सुप्रीम कोर्ट के आदेश का नहीं हो रहा पालन
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद, दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में आवारा कुत्तों की समस्या बनी हुई है। कुत्तों की आवाजाही से आगंतुकों में दहशत का माहौल है, खासकर बच्चों और महिलाओं में। सुरक्षा कर्मियों की मौजूदगी के बावजूद, प्रशासन इस समस्या पर नियंत्रण पाने में विफल रहा है, जिससे मेले की प्रतिष्ठा पर सवाल उठ रहे हैं। लोगों ने प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
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जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में आदेश दिया है कि सार्वजनिक स्थलों से आवारा कुत्तों को हटाकर शेल्टर होम में पहुंचाया जाए। लेकिन इन निर्देशों का पालन सुप्रीम कोर्ट के पास स्थित प्रगति मैदान में आयोजित अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में नहीं हो पा रहा है।
व्यापार मेला जहां देश-दुनिया के हजारों लोग खरीदारी और सांस्कृतिक अनुभवों के लिए पहुंचते हैं, वहां इन दिनों आवारा कुत्तों की लगातार आवाजाही आगंतुकों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। हाल ही में आए सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार, सार्वजनिक स्थलों पर आवारा कुत्तों की आवाजाही पर रोक होनी चाहिए, ताकि किसी भी प्रकार की दुर्घटना या हमले की संभावना न रहे। इसके बावजूद मेले में इन नियमों का पालन होता स्पष्ट नहीं दिख रहा।
मेले में घूमने आने वाले लोग बताते हैं कि कुत्तों की मौजूदगी न केवल असुविधा पैदा कर रही है, बल्कि बच्चों और महिलाओं में दहशत का माहौल बन गया है। भीड़भाड़ वाले पवेलियनों के बाहर, खाने-पीने के स्टालों के पास और खुली जगहों में कई कुत्ते घूमते नजर आ जाते हैं। ऐसे में आगंतुक निश्चिंत होकर खरीदारी नहीं कर पा रहे। कई लोग बार-बार इधर-उधर देखकर सतर्कता के साथ चलने को मजबूर हैं।
परिवार के साथ मेले में पहुंचे नीरज सिंह ने बताया कि उन्होंने सोचा था बच्चे यहां खूब आनंद लेंगे, लेकिन कुत्तों के कारण वे लगातार डरते हुए चल रहे हैं। उन्होंने कहा यहां जगह-जगह कुत्ते घूम रहे हैं। बच्चे डर के कारण खुलकर घूम ही नहीं पा रहे। प्रशासन को इसकी तुरंत व्यवस्था करनी चाहिए।
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व्यापार मेले का उद्देश्य आगंतुकों को सुरक्षित और सकारात्मक अनुभव देना है, लेकिन इस स्थिति ने आयोजन की छवि पर भी प्रश्नचिह्न खड़ा किया है। सुरक्षा कर्मियों की तैनाती के बावजूद कुत्तों पर नियंत्रण नहीं दिख रहा, जिससे यह स्पष्ट होता है कि प्रबंधन स्तर पर समुचित कदम नहीं उठाए गए हैं।
आगंतुकों का कहना है कि यदि समय रहते इन अव्यवस्थाओं को दूर नहीं किया गया तो मेले की साख प्रभावित हो सकती है और लोगों की आवाजाही भी कम हो सकती है। जरूरत है कि प्रशासन त्वरित कार्रवाई करते हुए कुत्तों की आवाजाही पर रोक लगाए, ताकि आगंतुक सुरक्षित और निश्चिंत होकर मेला देख सकें।

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