IGI एयरपोर्ट पर फर्जी यूएई पासपोर्ट के साथ सीरियाई महिला गिरफ्तार, असली पहचान छिपाकर जा रही थी पेरिस
दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पर एक सीरियाई महिला को यूएई के फर्जी पासपोर्ट के साथ गिरफ्तार किया गया। वह अपनी असली पहचान छिपाकर पेरिस जाने की कोशिश कर रही थी। सुरक्षा अधिकारियों ने उसे पासपोर्ट की जांच के दौरान पकड़ा। महिला के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।

प्रतीकात्मक तस्वीर।
गौतम कुमार मिश्रा, नई दिल्ली। अतिसुरक्षित आईजीआई एयरपोर्ट से ब्रिटिश नागरिक के फरार होने का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ है कि ताजा मामले में सीरिया मूल की एक महिला यात्री को सीरीयाई नागरिकता छिपाकर विदेश जाने की कोशिश में पकड़ा गया है।
महिला यात्री से पूछताछ जारी
पिछले 15 दिनों के दौरान आईजीआई एयरपोर्ट पर विदेशी नागरिक से जुड़े इन दोनों मामलों ने एयरपोर्ट सुरक्षा से जुड़ी एजेंसियों को चौकन्ना कर दिया है। पुलिस अधिकारी का कहना है कि ब्रिटिश नागरिक के मामले में जहां उसकी तलाश की जा रही है वहीं सीरीया की महिला यात्री के मामले में अभी पूछताछ चल रही है। दोनों ही मामले में पुलिस तमाम कोण को ध्यान में रखते हुए महिला यात्री से पूछताछ में जुटी है।
10 नवंबर की है घटना
घटना 10 नवंबर की है। टर्मिनल 3 पर दोपहर करीब 2:15 बजे लोजैन अली नामक महिला यात्री एअर इंडिया की उड़ान से पेरिस जाने के लिए पहुंची। लोजैन को एअर इंडिया की उड़ान संख्या एआई-143 से दिल्ली से पेरिस जाना था।
इमिग्रेशन अथाॅरिटी की जांच में खुलासा
टर्मिनल पर ये चेक-इन काउंटर पर पहुंची। चेक-इन के दौरान इन्होंने बताया कि इनके पास यूएई का पासपोर्ट है। यहां एयरलाइन स्टाफ को इस पासपोर्ट पर संदेह हुआ। सतर्कता दिखाते हुए एयरलाइंस कर्मी ने पासपोर्ट की जांच के लिए उसे इमिग्रेशन अथाॅरिटी के पास भेज दिया। इमिग्रेशन अधिकारियों की जांच में पासपोर्ट फर्जी पाया गया। इसके बाद महिला को आगे की छानबीन के लिए इमिग्रेशन अधिकारी के समक्ष भेज दिया गया।
पूछताछ में सीरियाई नागरिकता का चला पता
इमिग्रेशन अधिकारी ने जब महिला से पूछताछ की तो पता चला कि महिला के पास एक और पासपोर्ट है। यह सीरियाई पासपोर्ट इसी के नाम पर जारी किया गया था। इस पासपोर्ट से पता चला कि वह 1 नवंबर 2025 को मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट से भारत में दाखिल हुई थी और इमिग्रेशन क्लियरेंस ले चुकी थी।
सवाल, आखिर क्यों आई थी भारत?
इस पूरे प्रकरण में जांच से जुड़े अधिकारियों को जो सवाल चिंतित कर रहा है कि वह यह कि आखिर जब यह महिला अपनी असली पहचान बयां करते हुए भारत पहुंच ही गई तो इसे अपनी पहचान छिपाते हुए भारत से चुपचाप जाने की क्या जरुरत थी।
सुरक्षा एजेंसियां अब यह पता करने में जुटी हैं कि एक नवंबर से अभी तक यह महिला कहां कहां गई और किस किस से संपर्क किया। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सीरिया से जुड़ा मामला होने के कारण यह मामला थोड़ा जटिल है।
बता दें कि सीरिया लंबे समय से आतंकवाद व गृह युद्ध के चपेट में रहा। आइएसआइएस की गतिविधियों का यह लंबे समय तक केंद्र रहा।
15 दिन बाद भी ब्रिटिश नागरिक का नहीं चला पता
29 अक्टूबर को बैंकाक से आए ब्रिटिश नागरिक यात्री फिट्ज पैट्रिक का अभी तक पता नहीं चला है। पुलिस का दावा है कि उसकी तलाशी के लिए तमाम तरह के प्रयास चल रहे हैं। फिट्ज को 28 अक्टूबर को एअर इंडिया की कनेक्टिंग फ्लाइट लेकर लंदन की यात्रा करनी थी।
किसी कारणवश वह यह उड़ान नहीं ले पाया। इसके बाद वह पूरे दिन ट्रांजिट जोन में बैठा रहा। अगले दिन यानि 29 अक्टूबर को उसने ट्रांजिट जोन से आगे निकलकर इमिग्रेशन अराइवल एरिया का रुख किया।
कहा जा रहा है कि अराइवल काउंटर के पास वह कुछ देर तक खड़ा रहा। इसके बाद उसने आसपास देखा और फिर एकाएक सिटी साइड का रुख कर दिया। इसके बाद उसे किसी ने नहीं देखा।
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