Explained: क्या है AMSS, कैसे करता है काम? पढ़ें किन तकनीकी खामियों के कारण लेट हुईं हजारों फ्लाइट
दिल्ली एयरपोर्ट पर एयर ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम में तकनीकी खराबी आने से लगभग 1000 उड़ानें देरी से चलीं। ऑटोमैटिक मैसेज स्विचिंग सिस्टम (AMSS) में समस्या के कारण कंट्रोलरों को मैन्युअली फ्लाइट प्रोसेस करनी पड़ी। AMSS एयर ट्रैफिक मैनेजमेंट नेटवर्क का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो टेकऑफ से पहले एयरलाइंस द्वारा दी गई प्लानिंग की विस्तृत डेटा को स्वचालित रूप से प्रोसेस करता है।

एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) सिस्टम में आई एक बड़ी तकनीकी खराबी के कारण लगभग 1000 उड़ानें देरी से चलीं।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली एयरपोर्ट भारत का सबसे व्यस्ततम हवाई अड्डा है। यहां पर गुरुवार शाम को एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) सिस्टम में आई एक बड़ी तकनीकी खराबी के कारण लगभग 1000 उड़ानें देरी से चलीं। इससे विमानों के संचानल में बाधा आई और देश के कई एयरपोर्ट पर इसका असर देखने को मिला।
यह समस्या ऑटोमैटिक मैसेज स्विचिंग सिस्टम (AMSS) में उत्पन्न हुई, जो ATC के डेटा नेटवर्क का प्रमुख हिस्सा है। इसके कारण एयर ट्रैफिक कंट्रोलरों को फ्लाइट को उड़ाने के लिए मैन्युअली प्रोसेस करना पड़ा।

AMSS क्या है?
ऑटोमैटिक मैसेज स्विचिंग सिस्टम (AMSS) एयर ट्रैफिक मैनेजमेंट नेटवर्क का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह हर टेकऑफ से पहले एयरलाइंस द्वारा दी की गई प्लानिंग की विस्तृत डेटा को स्वचालित रूप से प्राप्त करता है, प्रोसेस करता है और देश भर के कंट्रोलरों तक पहुंचाता है।
दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (IGI) पर रोजाना 1,500 से अधिक उड़ान संचालित होती है। यहां प्रति घंटा लगभग 70 उड़ानें संचालित होती है। AMSS रियल-टाइम डेटा को ऑटो ट्रैक सिस्टम (ATS) तक पहुंचाता है। इससे कंट्रोलर विमानों के रूट, ऊंचाई और समय पर सटीक नजर रख पाते हैं।

गुरुवार शाम जब यह सिस्टम क्रैश हो गया, तो कंट्रोलरों को ऑटोमेटिक डेटा तक पहुंच बंद हो गई। विमानों को उड़ाने की प्लानिंग के तहत रूटिंग, ईंधन, ऊंचाई और मौसम पैरामीटर शामिल होते हैं। खराबी के कारण इसे मैन्युअली तैयार करना पड़ा, जिसमें हर उड़ान में कई मिनट लगते हैं। प्रति घंटे सैकड़ों विमानों के साथ, संचालन में भारी गिरावट आई।
खराबी कैसे हुई?
अधिकारियों के मुताबिक गुरुवार शाम को समस्या सबसे पहले तब नजर आई जब ATC अधिकारियों ने अपने टर्मिनल पर फ्लाइट का डेटा गायब होने की शिकायत की। कुछ ही मिनटों में कंट्रोलरों को पता चला कि AMSS फेल हो गया है और स्वचालित मैसेज फ्लो रुक गया है।
कंट्रोलरों को स्क्रीन पर फ्लाइट प्लानिंगह स्वतः नहीं मिल रही थीं, इसलिए एयरलाइंस उन्हें मैन्युअली तैयार कर रही थीं। सिस्टम ऑटो ट्रैक सिस्टम को डेटा भेजना बंद कर चुका था। एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) ने बयान में कहा, "तकनीकी टीमें सिस्टम को जल्द से जल्द बहाल करने में जुटी हैं। ऐसी खराबी असामान्य है और पहले कभी नहीं हुई।"

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