दिल्ली में यमुना का जलस्तर घटा, वजह जानकर हैरान रह जाएंगे आप!
दिल्ली में छठ पूजा के लिए यमुना में अधिक पानी छोड़ा गया था, जिससे प्रदूषण कम हुआ था। अब जलस्तर घटने से यमुना में प्रदूषण बढ़ने की आशंका है, क्योंकि नालों में प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है। नजफगढ़ और साहिबाबाद जैसे नालों में बीओडी का स्तर काफी बढ़ गया है, जिससे यमुना में प्रदूषण बढ़ रहा है।

यमुना में अब अब जलस्तर घटने से यमुना में प्रदूषण बढ़ने की आशंका है। फाइल फोटो
संतोष कुमार सिंह, नई दिल्ली। दिल्ली में श्रद्धालु छठ पूजा के दौरान स्वच्छ जल में सूर्य देव को अर्घ्य दे सकें, इसके लिए हथिनी कुंड बैराज से यमुना में अधिक पानी छोड़ा जा रहा है। छठ पूजा के बाद इसमें कमी आने लगी है। इस बीच, यमुना में बहने वाले नालों में प्रदूषण का स्तर पिछले महीने की तुलना में बढ़ गया है। इससे आने वाले दिनों में नदी में प्रदूषण बढ़ने की आशंका है।
छठ पूजा के दौरान, हरियाणा के यमुना नगर स्थित हथिनी कुंड बैराज से पूर्वी यमुना नहर और पश्चिमी यमुना नहर का पानी मोड़कर यमुना में छोड़ा गया। 21 अक्टूबर से पहले, यमुना में 400 से 3,000 क्यूसेक तक पानी छोड़ा जा रहा था। उसके बाद, यह दर बढ़कर 4,500 से 10,000 क्यूसेक हो गई।
इससे दिल्ली में यमुना में प्रदूषण कम हुआ। श्रद्धालु स्वच्छ जल से खुश थे, लेकिन आशंका है कि आने वाले दिनों में यमुना में प्रदूषण बढ़ेगा, क्योंकि नदी में पहले की तुलना में कम पानी छोड़ा जा रहा है। रविवार शाम से हथिनी कुंड से पानी का बहाव कम हो गया है, क्योंकि अब दोनों नहरों में पानी छोड़ा जा रहा है।
बुधवार को सुबह से दोपहर तक यमुना में केवल 350 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। उसके बाद कुछ घंटों के लिए लगभग 2,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। रात में यह 3,200 क्यूसेक तक पहुँच गया। आने वाले दिनों में इसमें और कमी आने की उम्मीद है।
यमुना का जलस्तर घट रहा है, लेकिन इसमें गिरने वाले नालों से प्रदूषण बढ़ रहा है। नालों में बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी) का अनुमेय स्तर 30 मिलीग्राम प्रति लीटर है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति की रिपोर्ट के अनुसार, नजफगढ़ समेत कई नालों में बीओडी का स्तर मानक के भीतर या उसके आसपास था, लेकिन अक्टूबर में इसमें काफी वृद्धि हुई है।
सितंबर में नजफगढ़ नाले में बीओडी का स्तर 22 था। इस महीने यह बढ़कर 60 मिलीग्राम प्रति लीटर हो गया है। साहिबाबाद नाले में सबसे अधिक स्तर 145 है। शाहदरा, महारानी बाग और सरिता विहार नालों का जलस्तर भी 100 से ऊपर है। नालों में अन्य प्रदूषक भी बढ़ गए हैं, जिससे यमुना में प्रदूषण बढ़ गया है।
साउथ एशिया नेटवर्क ऑन डैम्स, रिवर्स एंड पीपल (SANDRP) के सहायक समन्वयक बीएस रावत का कहना है कि नदी में छोड़े जाने से पहले नालों के पानी को सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में उचित रूप से उपचारित किया जाना चाहिए। इसके अलावा, नदी में जल प्रवाह साल भर बना रहना चाहिए।
| नाला का नाम | सितंबर BOD | अक्टूबर BOD |
|---|---|---|
| नजफगढ़ नाला | 22 | 60 |
| आईएसबीटी नाला | 32 | 52 |
| सेन नर्सिंग होम नाला | 108 | 110 |
| पावर हाउस नाला | 38 | 55 |
| बारापुला नाला | 52 | 60 |
| महारानी बाग नाला | 92 | 105 |
| तुगलकाबाद नाला | 18 | 80 |
| सरिता विहार नाला | 70 | 105 |
| शाहदरा नाला | कोई नमूना नहीं लिया गया | 110 |
| साहिबाबाद नाला | कोई नमूना नहीं लिया गया | 145 |

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