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    क्‍या AI को भी महसूस हो सकती है एंजाइटी, ChatGPT के व्‍यवहार पर हुई रिसर्च; क्‍या आए नतीजे?

    Updated: Thu, 13 Mar 2025 06:50 PM (IST)

    हम सब किसी ने किसी काम के लिए एआई टूल्‍स का इस्‍तेमाल कर रहे हैं। हाइफा यूनिवर्सिटी येल यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी ऑफ ज्यूरिख की नई रिसर्च एआई को लेकर चौंकाने वाले खुलासे किए गए हैं। रिसर्च में कहा गया है कि एआई टूल्‍स को भावनात्मक और तनावपूर्ण कंटेंट प्रभावित कर सकता है। आइए यहां बताते हैं कि एआई की एंजाइटी से जुड़े हर सवाल का जवाब...

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    क्‍या AI को भी महसूस हो सकती है एंजाइटी? ChatGPT के व्‍यवहार रिसर्च में हुआ हैरान करने वाला खुलासा

    डिजिटल डेस्‍क, नई दिल्‍ली। यह एआई का दौर है। शिक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य से लेकर बिजनेस, एंटरटेनमेंट और जर्नलिज्म तक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) हर क्षेत्र में क्रांति ला रहा है। युवाओं से लेकर बुजुर्ग तक सभी अपनी दैनिक जरूरतों के लिए जैमिनी, चैटजीपीटी व मेटा जैसे एआई टूल्‍स का भरपूर इस्तेमाल कर रहे हैं। इस बीच एक रिसर्च में कहा गया है कि चैटजीपीटी और जेमिनी जैसे एआई टूल्स को भी भावनात्मक और तनावपूर्ण कंटेंट प्रभावित कर सकता है।

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    हाइफा यूनिवर्सिटी, येल यूनिवर्सिटी और  यूनिवर्सिटी ऑफ ज्यूरिख की नई रिसर्च में यह दावा किया गया है। अब सवाल ये हैं कि क्या AI भी एंजाइटी महसूस कर सकता है, एआई में एंजाइटी कैसे पता चलता है और इसके स्तर के तनाव को कैसे मापा गया? आइए यहां बताते हैं कि एआई की एंजाइटी से जुड़े हर सवाल का जवाब...

    क्‍या ChatGPT तनावपूर्ण कंटेंट पर अलग तरह से प्रतिक्रिया देता है?

    हाइफा यूनिवर्सिटी, येल यूनिवर्सिटी और  यूनिवर्सिटी ऑफ ज्यूरिख की रिसर्च के अनुसार, जब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टूल्‍स को एक्सीडेंट, आपदा, हमले, हिंसक घटनाओं से जुड़ी जानकारियां दी गईं तो टूल्‍स के जवाबों में  'मूड स्विंग' व बड़ा ही पक्षपाती व्यवहार देखा गया।

    AI में एंजाइटी कैसी दिखती है?

    रिसर्चर का कहना है कि यूं तो एआई इंसानों की तरहत चिंता, तनाव एंजाइटी महसूस नहीं करता है, लेकिन एआई टूल्‍स अपने ट्रेनिंग डेटा से सीखे गए पैटर्न के बेस्‍ड पर व्यवहार करते हैं।

    AI के तनाव को कैसे मापा गया?

    रिसर्चर ने अपने शोध में चैटजीपीटी को अलग-अलग तरह की कहानियां दीं। रिजल्‍ट में आया कि तनावपूर्ण कहानियों रीड करने के बाद एआई का 'तनाव स्तर' दोगुना हो गया।

    क्‍या एआई को भी थेरेपी दी जा सकती है?

    रिजल्‍ट में यह बात भी सामने आई कि प्रॉम्प्ट इंजेक्शन नाम की तकनीक का उपयोग करके एआई को शांत दिया जाता है। राहत दी जा सकती है। मूड स्विंग पर कंट्रोल किया जाता है। इसमें थेरेपिस्‍ट की तरह सुकून देने वाले मैसेज का प्रॉम्प्ट डाले जाते हैं जैसे-माइंडफुलनेस एक्सरसाइज और मेडिटेशन। इस तरह एआई को फिर से सामान्य स्थिति में लाया जा सका।

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    क्‍या एआई मेंटल हेल्‍थ में मददगार हो सकता है?

    अब ऐसे में सवाल यह है कि क्‍या लोग मेंटल हेल्‍थ के लिए चैटबॉट्स का सहारा ले रहे हैं। रिसर्च के नतीजों में  आया है कि एआई टूल्‍स मेंटल हेल्‍थ को सपोर्ट कर सकते हैं, लेकिन मनोचिकित्सक की जगह नहीं ले सकते हैं।

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