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    भारत में पहला सिक्‍का कब चला और कब छपा पहला नोट? जानें ₹10,000 के नोट से UPI तक का सफर

    History of Indian Currency क्‍या आपको पता है कि हमारे देश में पहला सिक्का कब चला पहला कागज का नोट कब छपा? रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया कब बनी? किसने और कब मुद्रा ईजाद की उससे पहले तक रियासतों में व्यापार कैसे होता था? अगर नहीं पता तो कोई बात नहीं यहां पढ़ें फ्लाइंग मनी (Flying Money) से लेकर डिजिटल करेंसी तक का सफर...

    By Deepti Mishra Edited By: Deepti Mishra Updated: Tue, 22 Jul 2025 05:33 PM (IST)
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    फ्लाइंग मनी से डिजिटल करेंसी तक भारतीय मुद्रा का दिलचस्प सफर

    डिजिटल डेस्‍क, नई दिल्‍ली। चाय पीनी हो या गोलगप्‍पे खाने हो। बड़ी से बड़ी शॉपिंग हो या फिर सब्जी, दूध-दही और रोजमर्रा के सामान की खरीदारी करनी हो, जेब में बटुआ नहीं है, तब भी चिंता जैसी कोई बात नहीं, क्‍योंकि मोबाइल तो है ही। क्यूआर कोड स्कैन करिए और पेमेंट हो जाएगा। UPI ने लेन-देन बेहद आसान कर दिया है।

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    जब यूपीआई नहीं था, तब नकद में लेन-देन होता था, कभी-कभी चेक भी साइन करके दे दिया जाता था। यह बात तो सबको पता है, लेकिन क्‍या आपको पता है कि हमारे देश में पहला सिक्का कब चला, पहला कागज का नोट कब छपा? रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया कब बनी? किसने और कब मुद्रा ईजाद की, उससे पहले तक रियासतों में व्यापार कैसे होता था?

    अगर नहीं पता तो कोई बात नहीं, आइए हम आपको बताते हैं फ्लाइंग मनी (Flying Money) से लेकर डिजिटल करेंसी तक का सफर...

    भारतीय मुद्रा यानी इंडियन करेंसी की बात करें तो इसका इतिहास हजारों साल पुराना है। समय के साथ विकास और बदलाव होता आया है। सिक्‍के से लेकर कागज के नोट, यूपीआई और अब डिजिटल करेंसी तक का सफर तय कर लिया है।

    यूपीआई की शुरुआत तो जैसे कल की बात हो। अगस्‍त का महीना और साल 2016.. एलान हुआ कि अब न बैंकों में गैर-जरूरी लाइन में लगने की जरूरत पड़ेगी और न अपनों को पैसे ट्रांसफर करने के लिए घंटों का इंतजार करना पड़ेगा। मोबाइल में ऐप डाउनलोड कीजिए और झट से पेमेंट या पैसा ट्रांसफर कर दीजिए। 

    रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) और इंडियन बैंक एसोसिएशन की निगरानी में  नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ( NPCI) ने UPI की शुरुआत की थी। 

    डॉ. रघुराम राजन (तब RBI गवर्नर) के समय में इसे पालयट प्रोजेक्‍ट के तौर पर दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और भुवनेश्वर में शुरू किया गया था। अन्य शहरों को बाद में जोड़ा गया। यह भीम, फोन-पे, गूगल-पे और पेटीएम जैसे मोबाइल ऐप के जरिए काम करता है। 

    शुरुआत में लोग कभी-कभी ही यूपीआई का यूज करते थे। फिर 2020 में कोरोना महामारी फैली तो संक्रमण से बचने के लिए लोगों ने पुराने तौर-तरीके छोड़ यूपीआई के जरिये लेन-देन शुरू कर दिया। धीरे-धीरे यूपीआई से लेन-देन आसान लगने लगा और आदत भी बन गया। आज यूपीआई दुनिया का सबसे तेज और सबसे ज्‍यादा इस्‍तेमाल होने वाला डिजिटल सिस्टम बन गया है।

    भारत में पहला सिक्का कब चला?

    सिक्‍के (Coin) की बात करें तो पहला सिक्का 6वीं शताब्‍दी ईसा पूर्व में महाजनपद काल(600 ईसा पूर्व से 300 ईसा पूर्व में) में चलने का जिक्र मिलता है।

    उस वक्‍त सिक्‍के मतलब धातु के टुकड़े हुए करते थे। इनको पंच-चिह्नित सिक्के (Punch-marked coins) कहा जाता था। ये तांबे, चांदी और कभी-कभी सोने से बनाए गए। इन सिक्कों पर अलग-अलग प्रतीक अंकित हुआ करते थे। मगध, कौशल, अवंती और काशी में ये खासा प्रचलित थे।

    आधुनिक भारतीय सिक्के की बात करें तो ईस्ट इंडिया कंपनी ने पहला सिक्का 19 अगस्त, 1757 को कोलकाता में बनाया और जारी किया था। यह एक रुपये का था और बंगाल के मुगल प्रांत में चलाया गया था।

    दरअसल, ईस्‍ट इंडिया कंपनी को प्लासी का युद्ध जीतने के बाद बंगाल के नवाब से सिक्के बनाने का अधिकार मिला था, जिसके बाद यह सिक्का बनाया गया था। आजादी के बाद भारत ने 1950 में पहला भारतीय सिक्का ढाला था, इससे पहले तक देश में ब्रिटिश सिक्के ही चलन में थे।

    पहला कागज का नोट कब छपा?

    भारत सरकार ने पहला भारतीय नोट 15 अगस्त, 1949 को जारी किया था। नोट पर 'भारत सरकार' लिखा था और अशोक स्तंभ का चित्र बना था। इस पर वित्त मंत्रालय के सचिव के हस्ताक्षर थे।

    तब से लेकर अब तक 1 रुपये का नोट एकमात्र ऐसा है, भारत सरकार ही जारी करती है और इस पर 'भारत सरकार' लिखा होता है, जबकि बाकी सभी नोट रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की ओर से जारी किए जाते हैं।

    26 जनवरी, 1950 को भारत गणराज्य बना। इसी साल RBI ने भारतीय प्रतीकों साथ पहली रिपब्लिक सीरीज (Republic Series) के नोट जारी किए। इस सीरीज में 2, 5, 10 और 100 रुपये के नोट थे। फिर

    • 1975 में RBI ने 50 रुपये का नोट जारी किया।
    • 1954 में 1000 रुपये का जारी किया गया।
    • 2016 में 2000 रुपये का नोट का नोट जारी किया।

    हालांकि, आरबीआई ने 1000 रुपये का नोट आजादी से पहले भी जारी किया था, जिसे 1946 में बंद कर दिया था। दोबारा 1954 में जारी किया और जनवरी, 1978 में बंद कर दिया।

    2000 में फिर जारी किया और 2016 में नोटबंदी के दौरान बंद किया, तब से चलन से बाहर ही है। नोटबंदी के 2000 का नोट जारी किया गया था, जिसे बंद कर दिया गया है।

    आजादी से पहले अंग्रेजों ने जारी किया था पहला नोट

    ये तो हुई भारतीय करेंसी की बात, लेकिन अगर इससे पहले की बात की जाए तो 1861 में ब्रिटिश सरकार ने भारतीय मुद्रा अधिनियम (Paper Currency Act), 1861 के तहत भारत में पहला आधिकारिक नोट जारी किया था।

    यह नोट 10 रुपये का था और इस पर रानी विक्टोरिया की तस्वीर बनी थी। 10 रुपये के इस नोट को Presidency Bank ने जारी किया था।

    इसके बाद 20, 50, 100 और 1000 रुपये के नोट भी चलन में आए। इन सभी नोटों पर पहले महारानी विक्टोरिया, फिर किंग जॉर्ज पंचम और षष्ठम की तस्वीर हुआ करती थी।

    भारत में इन बैंकों ने छापे नोट

    साल 1770 में कलकत्ता के बैंक ऑफ हिंदोस्तान ने भारत की सबसे पहली कागजी मुद्रा जारी की थी। फिर 1773 में जनरल बैंक ऑफ बंगाल एंड बिहार ने भी कागज का नोट छापा था।

    बैंक ऑफ कलकत्ता, बैंक ऑफ बॉम्‍बे और बैंक ऑफ मद्रास ने भी कागजी नोट छापे थे, लेकिन पेपर करेंसी एक्ट - 1861 लागू होने के बाद प्रेसीडेंसी बैंक को छोड़कर बाकी सभी से नोट छापने का अधिकार छीन लिया गया था।

    रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की स्थापना कब हुई?

    आरबीआई की स्‍थापना 1 अप्रैल, 1935 को हिल्टन यंग कमीशन-1926 की सिफारिश पर भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम-1934 के प्रावधानों के तहत हुई था। शुरुआत में RBI का हेड ऑफिस कलकत्‍ता में था, जिसें बाद में मुंबई शिफ्ट कर दिया गया। पहले आरबीआई भी प्राइवेट बैंक थी, जिसे 1 जनवरी 1949 को भारत सरकार ने अधिग्रहण कर लिया और यह राष्ट्रीयकृत हो गया।

    क्‍या भारत में चलता था 10 हजार का नोट?

    आरबीआई ने स्थापना के तीन साल बाद 1938 में पहली बार 10,000 रुपये का नोट जारी किया था। जनवरी 1946 में बंद कर दिया था। 1954 में 10,000 रुपये का नोट फिर जारी किया गया था, जिसे 1978 में दोबारा से बंद कर दिया गया था।

    RBI कितने हजार तक का नोट जारी कर सकता है?

    भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम-1934 की धारा 24 के मुताबिक, RBI 2 रुपये से लेकर 5, 10, 20, 50, 100, 200, 500, 1000, 2000, 5000 और 10,000 तक का नोट जारी कर सकता है।

    10 हजार से अधिक का नोट जारी नहीं कर सकता है। 10 हजार से अधिक मुद्रा जारी करने के लिए केंद्रीय बोर्ड की अनुसंशा पर विशिष्‍ट निर्देश देने शक्ति केंद्र सरकार के पास ही है।

    मुद्रा कब और किसने ईजाद की?

    सिक्‍का (Coin)

    यूं तो मुद्रा का आविष्कार किसी एक शख्स या तय समय पर नहीं हुआ। मानव सभ्यता के विकास के साथ-साथ विकसित हुई एक अवधारणा है। दुनिया में पहली बार मुद्रा की बात करें तो पहला धातु का सिक्‍का करीब 600 ईसा पूर्व में लिडिया (मौजूदा पश्चिमी तुर्किये) के राजा एलियट्स के शासन में ढाला गया था। सिक्‍के  इलेक्ट्रम (सोने और चांदी का मिश्रण) से बनाए गए थे।  भारत में इसी अवधि के आसपास पंचमार्क सिक्के चलन में आए थे।

    कागज की मुद्रा (Paper Money)

    कागज की मुद्रा यानी नोट की बात करें तो इसकी शुरुआत चीन में राजवंश  (7वीं–10वीं सदी)के दौरान हुई थी। तब इसे फ्लाइंग मनी (Flying Money) कहा जाता था। । हालांकि, नोट सही से इस्तेमाल सांग वंश (960–1279 ई.) के वक्त शुरू हुआ।

    मंगोल साम्राज्य के शासक कुबलई खान 13वीं शताब्दी में इस मुद्रा से व्यापार कर इसे और अधिक लोकप्रिय बनाया। फिर 1661 में स्वीडन की एक बैंक ने प्रॉपर नोट जारी किया था। 

    करेंसी नहीं थी, तब कैसे होता था व्‍यापार?

    इससे पहले रियासतों में व्‍यापार किसी वस्‍तु या सेवा का मूल्‍य दूसरी वस्‍तु या सेवा देकर चुकाया जाता था। जैसे- अनाज के बदले पशु, मसालों के बदले कपड़े, कीमती धातुओं के बदले दूसरी कीमती धातु, किसी सेवा के बदले भोजन, कपड़ा और रहने को जगह देना आदि।

    यह भी पढ़ें- RBI Digital Currency: 1 साल का हुआ E-Rupee, 2023 में कुछ ऐसा रहा डिजिटल करेंसी का सफर

    Source :-

    • रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया म्‍यूजियम की आधिकारिक वेबसाइट
    • museum.rbi.org.in
    • अमेरिकी शैक्षिक कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट
    • www.britannica.com
    • जैक वेदरफोर्ड की किताब 'द हिस्‍टी ऑफ मनी'