रोज खर्च करते हैं, लेकिन क्या कभी गौर से देखा है... किस भारतीय नोट पर छपी है कौन-सी धरोहर?
कभी आपने सोचा है कि जिस भारतीय नोट से आप बाजार में चाय पीते हैं या कोई सामान खरीदते हैं वो सिर्फ कागज का टुकड़ा नहीं बल्कि हमारे देश के इतिहास और कला का एक चलता-फिरता संग्रहालय है? जी हां हम रोजाना इन नोटों को देखते हैं लेकिन क्या आपने कभी इनपर गौर किया है? आइए जानें इनपर छपी ऐतिहासिक इमारतें (Indian Currency Historical Monuments) आखिर कहां हैं?
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। हम रोजाना कई नोटों का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन क्या आपने कभी ध्यान दिया है कि इन पर हमारे देश की कई ऐतिहासिक इमारतें छिपी होती हैं? जी हां, Indian Currency पर छपी ये तस्वीरें सिर्फ सजावट नहीं, बल्कि हमारे इतिहास और संस्कृति का गौरवशाली प्रतीक हैं। आइए, जानें कि आपके जेब में रखे ₹10 से लेकर ₹2000 तक के नोट पर कौन-सी ऐतिहासिक इमारतें अंकित हैं और उनकी क्या खासियत है।
₹10 का नोट: कोणार्क सूर्य मंदिर, ओडिशा
यह सिर्फ एक मंदिर नहीं, बल्कि 13वीं शताब्दी की वास्तुकला का एक शानदार नमूना है। ओडिशा के तट पर स्थित, यह मंदिर सूर्य भगवान के विशाल रथ के आकार में बनाया गया है, जिसमें 12 जोड़ी बड़े-बड़े पत्थर के पहिए लगे हैं और इसे सात घोड़ों द्वारा खींचा जाता हुआ दिखाया गया है। इन पहियों पर की गई बारीक नक्काशी इतनी अद्भुत है कि यह आज भी लोगों को हैरान कर देती है। यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल में शामिल यह मंदिर भारत की समृद्ध कलात्मक विरासत का एक शानदार उदाहरण है।
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₹20 का नोट: एलोरा गुफाएं, महाराष्ट्र
औरंगाबाद के पास स्थित एलोरा गुफाएं भारतीय रॉक-कट वास्तुकला का सबसे बेहतरीन नमूना हैं। ये 34 गुफाएं हिंदू, बौद्ध और जैन धर्मों को समर्पित हैं और इन्हें 600 ईसा पूर्व से 1000 ईसा पूर्व के बीच की चट्टानों को काटकर बनाया गया था। यहां की सबसे प्रसिद्ध संरचना कैलाश मंदिर है, जो एक ही चट्टान को काटकर बनाया गया दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर है। यह दर्शाता है कि हमारे पूर्वजों के पास कितनी अद्भुत इंजीनियरिंग और कला की समझ थी।
₹50 का नोट: हम्पी का रथ, कर्नाटक
विजयनगर साम्राज्य की गौरवशाली राजधानी रहे हम्पी के खंडहरों में खड़ा यह पत्थर का रथ वास्तव में विट्ठल मंदिर का हिस्सा है। यह रथ भारतीय वास्तुकला की भव्यता को दर्शाता है और इसे कलात्मक नक्काशी से सजाया गया है। यह इतना सुंदर और अद्वितीय है कि इसकी तस्वीर नोट पर अंकित करना बिलकुल सही फैसला था। यह आज भी लाखों पर्यटकों को अपनी ओर खींचता है और हमारे देश के समृद्ध इतिहास की कहानी सुनाता है।
₹100 का नोट: रानी की वाव, गुजरात
गुजरात के पाटन में स्थित यह सीढ़ीदार कुआं (स्टेपवेल) सिर्फ पानी का स्रोत नहीं, बल्कि एक रानी की अपने पति के लिए प्रेम की निशानी है। 11वीं शताब्दी में सोलंकी वंश की रानी उदयमती ने इसे अपने पति भीमदेव प्रथम की याद में बनवाया था। रानी की वाव अपनी जटिल नक्काशी और मूर्तियों के लिए जानी जाती है, जिसमें देवी-देवताओं, अप्सराओं और जानवरों की सैकड़ों मूर्तियां हैं। 2014 में इसे यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था।
₹200 का नोट: सांची स्तूप, मध्य प्रदेश
भारत के सबसे पुराने और सबसे महत्वपूर्ण बौद्ध स्मारकों में से एक सांची स्तूप सम्राट अशोक द्वारा तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में बनवाया गया था। यह स्तूप अर्ध-गोलाकार गुंबद के आकार में बना है और इसके चारों ओर चार तोरण द्वार हैं, जिन पर महात्मा बुद्ध के जीवन की घटनाओं और जातक कथाओं को खूबसूरती से उकेरा गया है। यह शांति, धर्म और स्थापत्य कला का एक अद्भुत प्रतीक है।
₹500 का नोट: लाल किला, दिल्ली
दिल्ली में यमुना नदी के किनारे स्थित यह विशाल लाल किला मुगल बादशाह शाहजहां द्वारा 17वीं शताब्दी में बनवाया गया था। यह केवल एक किला नहीं, बल्कि मुगल वास्तुकला और शक्ति का एक प्रतीक है। आजादी के बाद से हर साल 15 अगस्त को प्रधानमंत्री इसी किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हैं और तिरंगा फहराते हैं। यह हमारी आजादी, संप्रभुता और राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है।
₹2000 का नोट: मंगलयान
यह एक ऐतिहासिक इमारत नहीं, बल्कि हमारे आधुनिक विज्ञान और अंतरिक्ष अनुसंधान की सबसे बड़ी उपलब्धि है। ₹2000 के नोट पर बनी यह तस्वीर भारत के मंगलयान मिशन (Mars Orbiter Mission) को दर्शाती है। 2014 में इसरो (ISRO) द्वारा लॉन्च किए गए इस मिशन ने भारत को मंगल ग्रह तक पहुंचने वाला चौथा देश बना दिया था, और वह भी अपने पहले ही प्रयास में। यह तस्वीर दर्शाती है कि हमारा देश अपने गौरवशाली इतिहास के साथ-साथ भविष्य की नई ऊंचाइयों को छूने के लिए भी तैयार है।
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