दिल्ली के बाद भोपाल के निकट ड्रग्स की एक बड़ी खेप बरामद किया जाना यही बताता है कि किस तरह ड्रग्स तस्करों ने अपनी गतिविधियां बढ़ा दी हैं। भोपाल के निकट नौ सौ किलो जो ड्रग्स बरामद की गई, वह वहीं पर निर्मित की जा रही थी। इसका अर्थ है कि अब देश में बाहर से ड्रग्स लाने के साथ ही देश में उसका चोरी-छिपे निर्माण भी किया जा रहा है। स्थानीय स्तर पर ड्रग्स को तैयार करने के मामले पहले भी सामने आ चुके हैं। इसी तरह बाहर से बड़ी मात्रा में तस्करी के जरिये ड्रग्स लाने के मामले भी बढ़ते चले जा रहे हैं। कुछ दिनों पहले दिल्ली में पांच सौ किलोग्राम से अधिक जो ड्रग्स पकड़ी गई थी, उसे बाहर से ही लाया गया था।

अच्छी बात यह है कि ड्रग्स तस्करी के मामले बढ़े हैं तो उसकी बरामदगी और तस्करों को गिरफ्तार करने में भी उल्लेखनीय सफलता मिली है। इस सफलता का श्रेय गृह मंत्री अमित शाह को जाता है, जिन्होंने यह सुनिश्चित किया है कि केंद्र और राज्य की सभी संबंधित एजेंसियां ड्रग्स के कारोबार पर लगाम लगाने के लिए मिलकर काम करें। विभिन्न एजेंसियों में तालमेल के सकारात्मक नतीजे भी सामने आए हैं, लेकिन यह ठीक नहीं कि अब अपने देश में जमीनी और समुद्री रास्तों के साथ-साथ हवाई मार्ग से भी बड़े पैमाने पर ड्रग्स आ रही है। ड्रग्स की बढ़ती तस्करी यही बताती है कि देश में मादक पदार्थों की खपत बढ़ाने, युवाओं का भविष्य खराब करने और अवैध तरीके से पैसा बनाने वालों की सक्रियता बढ़ रही है। इस सक्रियता पर इसलिए प्राथमिकता के आधार पर लगाम लगानी होगी, क्योंकि ड्रग्स तस्करी से अर्जित धन का इस्तेमाल देश विरोधी गतिविधियों और आतंकी संगठनों को मजबूत करने में भी किया जाता है।

आवश्यक केवल यह नहीं है कि दूसरे देशों से ड्रग्स की आपूर्ति पर लगाम लगाई जाए, बल्कि इसकी भी है कि देश में उसके वितरण के नेटवर्क को भी ध्वस्त किया जाए। यह ठीक नहीं कि पिछले कुछ समय से किस्म-किस्म के मादक पदार्थ सीमावर्ती राज्यों के साथ देश के अंदरूनी इलाकों और छोटे शहरों तक में पहुंच रहे हैं। स्पष्ट है कि देश में ड्रग्स की खपत बढ़ाने की साजिश रची जा रही है। यह साजिश लोगों और विशेष रूप से युवाओं को ड्रग्स का लती बनाकर ही की जा सकती है। चूंकि ऐसा हो रहा है, इसलिए ड्रग्स के खिलाफ समाज को भी चेतना होगा। उसे न केवल छिटपुट स्तर पर ड्रग्स की बिक्री करने वाले तत्वों पर निगाह रखनी होगी, बल्कि युवाओं को ड्रग्स सेवन के दुष्परिणामों के प्रति भी सचेत करना होगा। ड्रग्स की लत लोगों को पूरी तरह बर्बाद कर देती है। यह ठीक है कि ड्रग्स के प्रति लोगों को सचेत करने के लिए मानस नाम से एक हेल्पलाइन भी शुरू की गई है, लेकिन उसकी सफलता इसी पर निर्भर करेगी कि आम लोग ड्रग्स की खरीद-बिक्री और उसके सेवन के प्रति कितनी अधिक सजगता का परिचय देते हैं।