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    Bihar Chunav 2025: सीमांचल में ओवैसी की पतंग की 'नाटकीय उड़ान'... तेजस्वी को लग सकता है बड़ा झटका, JDU-BJP की मौज

    By Alok ShahiEdited By: Alok Shahi
    Updated: Tue, 11 Nov 2025 07:30 PM (IST)

    Bihar Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में पूरे दमखम के साथ उतरे असदुद्दीन ओवैसी ने सीमांचल में मुस्लिम वोटों में बड़ी सेंधमारी की है। पूर्णिया में एआइएमआइएम के 'पतंग' चुनाव चिह्न ने राजनीतिक समीकरण बदल दिए हैं। अमौर और बायसी में इसका गहरा प्रभाव रहा, जहां इसने जदयू और भाजपा की उम्मीदें बढ़ा दी हैं। कसबा में भी एआइएमआइएम ने महागठबंधन के वोटों में सेंधमारी की है, जिससे राजनीतिक गणित उलझ सकता है। यहां मतदान के दौरान कहीं उड़ी-उड़ी रे पतंग तो कहीं ले डूबी रे पतंग का शोर सुना गया।

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    Bihar Chunav 2025: असदुद्दीन ओवैसी की एआइएमआइएम ने तेजस्वी यादव का गणित बिगाड़ने का पूरा प्रयास किया है।

    राजीव कुमार, पूर्णिया। Bihar Chunav Result 2025 असदुद्दीन ओवैसी की एआइएमआइएम के चुनाव चिह्न पतंग का शोर भी इस चुनाव में खूब रहा। इस बार पूर्णिया जिले के दो विधानसभा क्षेत्र से पार कर यह शोर कुछ-कुछ कसबा विधानसभा क्षेत्र में भी पहुंच गया। अमौर व बायसी में तो इस बार इसका शोर बहुत ज्यादा रहा। बस्तियों व गलियों में भी पतंग की अपनी धार दिख रही थी। यह धार पूरी तरह मुखर थी। अमौर में कांग्रेस, तो बायसी में राजद की सीमा को बांधने में इस धारा ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। इधर उड़ी-उड़ी रे पतंग यानी कहीं एआइएमआइएम के हर हाल में जीत का दावा का शोर था तो कहीं राजद व कांग्रेस की लुटिया डूबा देने को लेकर ले डूबी रे पतंग सा गीत...। 

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    इधर पतंग के शोर ने अमौर में जदयू व बायसी में भाजपा को भी काफी उत्साहित कर दिया है। गत चुनाव में अमौर में जदयू तो बायसी में भाजपा दूसरे स्थान पर रही थी। अमौर में तीसरे स्थान पर रही कांग्रेस की सक्रियता इस बार कुछ ज्यादा भी थी और एआइएमआइम के कार्यकर्ता भी मजबूती से डटे थे। इस स्थिति ने ही वहां जदयू का उत्साह बढ़ा दिया है।

    इधर बायसी में गत चुनाव में जीत के बाद एआइएमआइएम के विधायक राजद में शामिल हो गए थे। यद्यपि विजयी विधायक सैयद रुकनु्दीन को यहां राजद ने भी बेटिकट कर दिया। ऐसे में एआइएमआइएम अपनी टिस मिटाने के लिए यहां वर्तमान जिला परिषद अध्यक्ष वहीदा सरवर के पति गुलाम सरवर को मैदान में उतारा था। चुनाव के अंतिम क्षण तक उन्हें निष्क्रिय माना जा रहा था और राजद की जीत पक्की मानी जा रही थी। ऐन चुनाव के दिन पतंग का जो शोर उठा, उसने राजद के उत्साह पर संशय के पानी उड़ेल दिए।

    यही नहीं दूसरे स्थान पर रही भाजपा की उम्मीद और बढ़ गई। बायसी चौक पर वोट देकर लौट रहे मु. सलीम ने कहा कि यहां राजद की जीत पूरी तरह एआइएमआइएम की सेंधमारी पर निर्भर करती है। अगर सेंधमारी बढ़ी तो भाजपा का रास्ता असान हो जाएगा। डगरुआ चौक पर मिले मु. मिनाज ने कहा कि इधर पतंग छाप को भी वोट गया है।

    गत चुनाव में यहां राजद तीसरे स्थान पर रही थी। एआइएमआइएम आवश्यक वोट को गोलबंद करने में सफल रही थी। इस बार यहां राजद की स्थिति ठीक है, लेकिन सब कुछ एआइएमआइएम की स्थिति पर निर्भर है। माय समीकरण में यादव वोट में भी भाजपा की दखल बढ़ी है और इससे राजद का समीकरण प्रभावित हो सकता है।

    गणित ज्यादा गडमड हुआ तो कमल खिलना तय है। इधर कसबा में भी एआइएमआइएम ने महागठबंधन की चिंता थोड़ी बढ़ा दी है और राजग की उम्मीद को किनारा तक भी ले सकती है।