बिहार में RJD कांग्रेस का सियासी ड्रामा, भागलपुर में हो गया बड़ा खेल... अजित शर्मा की गुगली पर सलाहुद्दीन अहसन बोल्ड OUT
Bihar election 2025: बिहार चुनाव में महागठबंधन में मचे घमासान के बीच भागलपुर में बड़ा खेल हो गया। नामांकन के आखिरी दिन राजद की टिकट पर ताल ठोकने की तेयारी कर रहे भागलपुर नगर निगम के डिप्टी मेयर सलाहुद्दीन अहसन को कांग्रेस प्रत्याशी अजित शर्मा ने आखिरकार नामांकन पर्चा भरने के पहले ही चुनावी मैदान से आउट कर दिया। RJD कांग्रेस के बीच दिनभर चले इस सियासी ड्रामा में वो सबकुछ हुआ, जिसकी तनिक भर भी उम्मीद पार्टी के कार्यकर्ताओं को नहीं थी। सलाह्उद्दीन अहसन का नामांकन जुलूस तक निकल गया, राजद के झंडे भी सड़कों पर लहराने लगे। लेकिन ऐन वक्त पर झारखंड के मंत्री संजय यादव ने अजित शर्मा की ओर से बैटिंग करते हुए भारी सेटिंग कर दी। अजित शर्मा ने तेजस्वी यादव से बात कर पूरे मामले को अपने पक्ष में मोड़ लिया। बहरहाल, सलाहउद्दीन अहसन चुनावी मैदान से पूरी तरह OUT हो गए।

Bihar election 2025 बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में महागठबंधन में मचे भारी घमासान के बीच कांग्रेस की भागलपुर सीट पर बड़ा खेल हो गया।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। Bihar election 2025 बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में महागठबंधन में मचे भारी घमासान के बीच भागलपुर की सीट पर बड़ा खेल हो गया। दूसरे चरण के नामांकन के आखिरी दिन राजद की टिकट पर ताल ठोकने की तेयारी कर रहे भागलपुर नगर निगम के डिप्टी मेयर सलाहुद्दीन अहसन को कांग्रेस प्रत्याशी अजित शर्मा ने आखिरकार नामांकन पर्चा भरने के पहले ही चुनावी मैदान से बाहर का रास्ता दिखा दिया।
राजद और कांग्रेस के बीच दिनभर चले इस सियासी ड्रामा में वो सबकुछ हुआ, जिसकी तनिक भर भी उम्मीद आरजेडी के कार्यकर्ताओं को नहीं थी। इस बीच शहर में सलाह्उद्दीन अहसन का नामांकन जुलूस तक निकल गया, राजद के झंडे भी सड़कों पर लहराने लगे। लेकिन ऐन वक्त पर तेजस्वी यादव के करीबी झारखंड के मंत्री संजय यादव ने अजित शर्मा की ओर से बैटिंग करते हुए भागलपुर सीट के लिए भारी सेटिंग कर दी। अजित शर्मा ने तेजस्वी यादव से सीधी बात कर पूरे मामले को अपने पक्ष में मोड़ लिया। बहरहाल, सलाहउद्दीन अहसन चुनावी मैदान से पूरी तरह OUT हो गए।
इस बीच इंटरनेट मीडिया में सलाहुद्दीन अहसन के किडनैप होने की खबरें भी चलती रही। अपुष्ट तौर पर राजद प्रत्याशी को नामांकन से रोकने के लिए उनका अपहरण करने की बात सामने आई। इस संदर्भ में कई पोस्ट फेसबुक पर धड़ाधड़ वायरल हो गए। आखिरकार दोपहर 2 बजे संजय यादव और सलाहुद्दीन अहसन की हाथ मिलाते एक तस्वीर सामने आने के बाद कुछ हद तक स्थिति साफ हो गई।
डिप्टी मेयर के पीए उमर ताज ने बताया कि सलाहुद्दीन अहसन का किसी तरह का कोई किडनैप नहीं हुआ है। डिप्टी मेयर को राजद के शीर्ष नेतृत्व ने डैमेज कंट्रोल करते हुए नामांकन करने से रोक दिया है। कांग्रेस प्रत्याशी अजीत शर्मा ने डिप्टी मेयर के नामांकन को लेकर तेजस्वी यादव से बात की थी। इस क्रम में जब डिप्टी मेयर का नामांकन जुलूस वैरायटी चौक पर पहुंचा, तभी झारखंड सरकार के मंत्री संजय यादव का पर्चा नहीं भरने के लिए उनके पास फोन आ गया।
नगर निगम कार्यालय में डिप्टी मेयर को बातचीत के लिए बुलाया गया। दोपहर 2 बजे वे नामांकन जुलूस को बीच में छोड़कर नगर निगम कार्यालय पहुंचे। इसके बाद संजय यादव के साथ उनकी गाड़ी में बैठकर मायागंज चले गए। जहां राजद और कांग्रेस में आपसी समन्वय बनाने के लिए लंबी बैठक हुई। मौके पर अजीत शर्मा, संजय यादव और शिशुपाल भारतीय समेत कई नेता मौजूद रहे।
कहा जा रहा है कि सलाहुद्दीन अहसन को कोई बड़ा पद देने की पेशकश की गई है। बिहार में अगर महागठबंधन की सरकार बनी तो उसमें सलाहुद्दीन अहसन को बड़ी जिम्मेवारी दी जाएगी। रुठने, मनाने यथा सेटिंग-गेटिंग से भरे मान-मनौव्व्ल के इन कयासों पर विराम तभी लगा, जब नामांकन का समय समाप्त हो गया। अंतत: डिप्टी मेयर का नामांकन जुलूस सड़क भ्रमण तक सीमित रह गया। राजद समर्थक उनके नामिनेशन का इंतजार करते ही रह गए।
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