PM Modi Bihar Visit: पोखर और माछ के बहाने 'सहनी समाज' के लिए बहुत कुछ कह गए पीएम मोदी
PM Modi Bihar Visit: पीएम मोदी ने समस्तीपुर से बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के अभियान की शुरुआत की। उन्होंने 'पोखर और माछ' के बहाने सहनी समाज को साधने का प्रयास किया। उन्होंने मत्स्य योजना और किसानों के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों पर प्रकाश डाला। पीएम ने कहा कि बिहार में मछली का उत्पादन दोगुना हो गया है और किसान आत्मनिर्भर हो रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह निषाद समाज को साधने की कोशिश है।

समस्तीपुर में चुनावी सभा को संबोधित करते पीएम मोदी। जागरण
डिजिटल डेस्क, समस्तीपुर/मुजफ्फरपुर। PM Modi Bihar Visit: पीएम मोदी ने मिथिलांचल के समस्तीपुर से बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के अभियान की शुरुआत की है। इस दौरान उन्होंने समाज के सभी वर्गों से जुड़ी बातों को रखा। पोखर और माछ के बहाने सहनी समाज को साध गए।
पीएम मोदी ने अपनी सभा में कहा कि बिहार और खासकर मिथिलांचल में जलाशयों की प्रचुरता है। यहां कहा जाता है 'पग पग पोखर माछ मखान, सरस बोल मुस्की मुख पान।" बावजूद यहां के लोगों की जरूरत को पूरा करने के लिए बाहर से मछली मंगवानी पड़ती थी।
उन्होंने कहा कि 2013 तक यह स्थति थी कि बिहार के लोग बाहर से मंगवा कर मछली खाते थे। 2014 में केंद्र में एनडीए की सरकार बनी तो स्थिति बदली। पीएम मत्स्य योजना शुरू की गई। सरकार ने मछुआरों को किसान क्रेडिट कार्ड दिया।

सीएम नीतीश कुमार की सरकार ने भी मछली पालकों को प्रोत्साहित करने के लिए कई योजनाओं पर काम किया। इसका परिणाम है कि आज मछली का उत्पादन दोगुना हो गया है।
अब बिहार की स्थिति यह हो गई है कि मछलियों को बाहर भेजा जा रहा है। मत्स्य पालक आत्मनिर्भर हो गए हैं। उनकी स्थिति में सुधार हो रहा है।
मत्स्य पालकों के साथ-साथ किसानों के लिए केंद्र सरकार की ओर से किए जा रहे कार्य को भी पीएम ने लोगों के सामने रखा है। कहा कि हमारी सरकार छोटे किसानों को लाभ दे रही है।
हमारी सरकार से किसानों को सस्ता लोन मिल रहा। पहले उनको कोई सहायता नहीं मिलती थी। बैंकों के दरवाजे इस तरह के किसानों के लिए बंद थे। पीएम किसान सम्मान निधि से हमने किसानों को पैसा भेजना शुरू किया।
जंगलराज में ये पैसा आपके खाते में आते थे क्या? बीच में ही चोरी हो जाती थी। उनके एक पीएम कहते थे एक रुपये निकलते थे, 15 पैसे मिलते हैं। सोचने की बात है कि कौन पंजा 85 पैसे खा जा रहा है?

पीएम के भाषण में मत्स्य पालकों के लिए चलाई जा रही योजना के बारे में विस्तार से की गई चर्चा को राजनीतिक प्रेक्षक निषाद समाज को साधने की कोशिश के तहत देख रहे हैं। उनका मानना है कि बिहार विधानसभा चुनाव 2020 की तुलना में इस बार की स्थिति अलग है।
पिछले चुनाव के समय वीआइपी नेता मुकेश सहनी एनडीए का हिस्सा थे। इस बार वे विपक्षी महागठबंधन में हैं और गुरुवार को उनको उपमुख्यमंत्री का चेहरा भी घोषित कर दिया गया है। उससे सहनी वोटर पर पड़ने वाले प्रभाव को कम करने में इससे मदद मिलने की उम्मीद एनडीए को है।
चुनाव प्रचार शुरू होने से पहले मुकेश सहनी एनडीए पर हमलावर हैं। वे न केवल विधायक चोरी का आरोप लगा रहे हैं वरन सहनी समाज को अन्य राज्यों की तरह से आरक्षण नहीं देने के लिए भाजपा और उसके शीर्ष नेतृत्व को ही जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।

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