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    Taraiya Election 2020: तरैया में निर्दलीय प्रत्याशियों की वजह से रोचक मुकाबले के आसार, 54.30 फीसद हुआ मतदान

    By Shubh Narayan PathakEdited By:
    Updated: Tue, 03 Nov 2020 08:53 PM (IST)

    Taraiya Election News 2020 तरैया विधानसभा क्षेत्र में राजद ने अपने मौजूदा विधायक मुद्रिका प्रसाद राय को बेटिकट कर दिया है। इस कारण वह निर्दलीय मैदान में हैं। भाजपा ने पूर्व विधायक जनक सिंह जबकि राजद ने सिपाही लाल महतो को मैदान में उतारा है।

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    तरैया विधानसभा क्षेत्र से राजद के सिपाही लाल महतो और भाजपा के जनक सिंह की तस्‍वीर ।

    जेएनएन, छपरा। तरैया विधानसभा क्षेत्र में एनडीए व महागठबंधन प्रत्याशियों की निर्दलीय प्रत्याशियों ने मुश्किलें बढ़ा दी है। यहां 17 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं। भाजपा ने पूर्व विधायक जनक सिंह पर विश्वास करते हुए मैदान में उतारा है। वहीं राजद ने अपने विधायक मुद्रिका प्रसाद राय का टिकट काटकर सिपाही लाल महतो को प्रत्याशी बनाया है। मुद्रिका राय निर्दलीय चुनावी समर में हैं। इसी तरह जदयू के प्रदेश सचिव शैलेंद्र प्रताप सिंह बगावत का झंडा उठाकर निर्दलीय मैदान में है। सुधीर कुमार सिंह एवं सरोज कुमार गिरि व मुद्रिका प्रसाद राय निर्दलीय मैदान में डटे है। मंगलवार को यहां 54.30 फीसद मतदान हुआ।

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    पहले विधायक थे डी. सिंह

    तरैया विधानसभा क्षेत्र 1967 में अस्तित्व में आया। इस विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान समय में तरैया, इसुआपुर व पानापुर सहित कुल तीन प्रखंड हैं। इनमें कुल मतदाता 2,94,336 हैं। भौगोलिक परिवेश में गंडक नदी, मही नदी, खदरा नदी व डबरा नदियां बहती हैं। ये नदियां आजकल हर साल बाढ लेकर आती हैं। तरैया से पहली बार डी. सिंह एसएसपी से विधायक हुए थे। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी राजकुमारी देवी को हराया था।

    चार बार विधायक रहे रामदास राय

    इस क्षेत्र से रामदास राय चार बार विधायक हुए हैं, जबकि सारण के सांसद राजीव प्रताप रूडी ने भी इसी क्षेत्र से राजनीति की शुरुआत की थी। वे एकबार 1990 में विधायक रहे हैं। इसके अलाव प्रभुनाथ सिंह तीन बार और जनक सिंह दो बार विधायक चुने गए हैं। फिलहाल रामदास राय के भाई मुद्रिका प्रसाद राय तरैया से राजद के टिकट पर विधायक हैं। उन्होंने भाजपा के जनक सिंह को हराया था। राजद ने इस बार मुद्रिका राय को टिकट नहीं दिया है। तरैया क्षेत्र पहले छपरा लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत था, लेकिन नए परिसीमन के बाद यह विधानसभा महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र का अंग बन गया है।

    प्रमुख प्रत्याशी

    1. जनक सिंह- भाजपा

    2. सिपाही लाल महतो - राजद

    3. शैंलेंद्र प्रताप सिंह - निर्दलीय

    4. युवराज सुधीर सिंह- निर्दलीय

    5. सरोज कुमार गिरि उर्फ संगम बाबा- निर्दलीय

    6. मुद्रिका प्रसाद राय - निर्दलीय

    प्रमुख मुद्दे

    1. बाढ़ - तरैया विधानसभा क्षेत्र की सबसे बड़ी त्रासदी बाढ़ है, जिसका निदान अभी तक नहीं निकला है। सारण तटबंध के क्षतिग्रस्त होने पर सबसे ज्यादा नुकसान तरैया व पानापुर प्रखंड के लोगों को होता है। इसबार इस क्षेत्र के लोग तीन माह से बाढ़ की त्रासदी झेल रहे हैं। वर्ष 2001, 2002, 2016, 2017 और अब 2020 में लोग बाढ़ झेल रहे हैं। यह ऐसी समस्या है कि इससे आम से लेकर खास तक परेशान होते हैं। स्टेट हाई वे पर पानी बहने लगता है। अभी भी लोग बांध पर शरण लिए हुए हैं। गंडक नदी के किनारे बसे लोगों के लिए नदियों का पानी वरदान होना चाहिए, लेकिन यहां अभिशाप बन गया है। इससे निजात दिलाना अति आवश्यक है।

    2. अहर व पईन की सफाई - नदी के किनारे बस रहे लोगों को नदियों में उगे झाड़ के साथ अहर व पईन के सफाई का इंतजार है। इनकी जाम होने के कारण पानी का फैलाव बस्ती की ओर होता है और बरसात के दिनों में बाढ़ की त्रासदी झेलनी पड़ती है। सभी अहर पईन का अतिक्रमण कर या तो सड़क बना दिया गया है या उसपर अवैध मकान का निर्माण हो गया है। इसकी सफाई अति आवश्यक है। इसबार जनता नेताजी से इसके बारे में जवाब चाहेगी।

    3. रेफरल अस्पताल - कहने के लिए तरैया में रेफरल अस्पताल बना हुआ है लेकिन उसका काम सिर्फ रेफर करना ही रह गया है। सभी मूलभूत सुविधा का घोर अभाव है। चिकित्सक की कमी से लेकर अस्पताल में सुविधाओं का घोर अभाव है। अधिक बारिश होने के बाद इसे अपने इलाज की ही जरूरत पड़ जाती है। इसके अलावा पानापुर व इसुआपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की भी हालत काफी दयनीय है।

    4. पानापुर प्रखंड का विकास - तरैया विधानसभा क्षेत्र का पानापुर प्रखंड आजादी के बाद से ही पिछड़ेपन का दंश झेलते हुए रह गया है। कितने नुमाइंदे यहां की विकास की बीड़ा उठाने की बात कर सत्ता पर काबिज हुए लेकिन स्थिति आज भी वैसी की वैसी है।प्रखंड की प्राय: सभी मुख्य सड़कों का हाल बेहाल है। चिकित्सा ब्यवस्था भी राम भरोसे है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण नही हुआ है। प्रखंड तथा अंचल कार्यालय स्थापना काल से तीन चार कमरों वाले लोहिया भवन में चलता है। इसके भवन निर्माण दिशा में पहल नही की गई। डिग्री कालेज की स्थापना नही हुई। जितने भी नेता आए सभी ने किसानों व मजदूरों के हक हुकूक लड़ाई लडऩे व उनकी समस्याओं को दूर करने का भरोसा दिया।लेकिन आज सबसे खराब स्थिति में यहा के किसान व मजदूर वर्ग के लोग है। वर्षो से बाढ़ व सुखार जैसी प्राकृतिक आपदाओं की मार झेलते झेलते उनकी स्थिति काफी दयनीय हो गई है। गंडक नदी के तटीय क्षेत्रो में टोपो लैंड भूमी के कारण उन्हें सरकारी सहायता से वंचित होना पर रहा है।

    5. कृषि - आर्थिक परिवेश में तरैया, पानापुर व इसुआपुर कृषि पर आधारित है। कृषि कार्य से सम्पन्न माने जाने वाला विधानसभा क्षेत्र आज चीनी मिल बंद होने की वजह से अपनी बदहाल है। नगदी फसल गन्ना की खेती बंद हो चुके है। गन्ने की खेती से किसान सुखी सम्पन्न हुआ करते थे। अब आर्थिक तंगी से जूझकर लोग अन्य राज्यों में पलायित है। खरीफ फसलें बाढ़ व बारिश से नष्ट हो जाते है। जिसमें सरकार द्वारा मुआवजा का सिर्फ कोरम पूरा कर दिया जाता है। इस वर्ष बाढ़ से रबी फसलें भी प्रभावित होंगी। ङ्क्षसचाई के लिए सभी नलकूप बंद हो चुके है और गंडक नहर में समय से पानी नहीं आता जिससे ङ्क्षसचाई की जा सके। कृषि में आधुनिक तकनीक का अभाव है।

    वर्ष - कौन जीता - कौन हारा

    2010 - जनक सिंह, भाजपा - तारकेश्वर सिंह, कांग्रेस

    2015 - मुंद्रिका राय, राजद - जनक सिंह, भाजपा