Bihar Politics: तेजस्वी को चुनाव प्रचार से पहले ही लगा बड़ा झटका, दरभंगा में राजद से सामूहिक इस्तीफा
Bihar Assembly Election 2025: बिहार में तेजस्वी यादव को चुनाव प्रचार से पहले दरभंगा में राजद कार्यकर्ताओं के सामूहिक इस्तीफे से बड़ा झटका लगा है। इस्तीफे का कारण स्पष्ट नहीं है, लेकिन इससे पार्टी की चुनावी तैयारियों पर असर पड़ने की संभावना है। इस घटनाक्रम ने राजद की स्थानीय इकाई में खलबली मचा दी है।

यह तस्वीर जागरण आर्काइव से ली गई है।
संवाद सहयोगी, बहादुरपुर(पूर्वी चंपारण)। Bihar Assembly Election 2025: बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष और राजद नेता तेजस्वी यादव ने 24 अक्टूबर यानी शुक्रवार से चुनाव प्रचार शुरू करने की घोषणा की है।
इससे पहले महागठबंधन के घटक दलों की ओर से संयुक्त संवाददाता सम्मेलन किए जाने की संभावना है। इस बीच दरभंगा में राजद से सामूहिक इस्तीफे की सूचना है।
राष्ट्रीय जनता दल को दरभंगा ज़िले में बड़ा झटका लगा है। पार्टी के अति पिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष कुमार गौरव,प्रदेश महासचिव राम शंकर शर्मा और प्रदेश महासचिव भोला सहनी समेत दर्जनों नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पार्टी से सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया है।
सभी नेताओं ने लहेरियासराय के बरहेता हाउसिंग बोर्ड कांलोनी स्थित सात फेरे विवाह भवन में आयोजित प्रेस वार्ता में यह ऐलान किया। प्रेस वार्ता के दौरान नेताओं ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पार्टी अब सामाजिक न्याय के मूल सिद्धांतों से भटक चुकी है और अति पिछड़ा वर्ग को उसका हक नहीं दे रही है।
इस्तीफा देने वाले नेताओं का आरोप है कि जातीय जनगणना के बावजूद बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में अति पिछड़ा समाज को पार्टी में न तो उचित हिस्सेदारी दी गई और न ही टिकट।
प्रदेश उपाध्यक्ष कुमार गौरव ने कहा मैं राष्ट्रीय जनता दल में सामाजिक न्याय के उद्देश्य से जुड़ा था। पार्टी के नेता तेजस्वी यादव जिसकी जितनी संख्या भारी,उसकी उतनी भागीदारी’का नारा देते रहे।
लेकिन बिहार में जातीय जनगणना होने के बाद भी दरभंगा जैसे ज़िले,जहां अति पिछड़ों की बड़ी आबादी है,वहां से एक भी अति पिछड़े उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया गया।
ऐसे में पार्टी से जुड़े रहना मेरे लिए अब संभव नहीं है। मैं पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और उपाध्यक्ष पद दोनों से इस्तीफा देता हूं। प्रदेश महासचिव राम शंकर शर्मा ने कहा कि उन्होंने भी सामाजिक न्याय के लिए राजद का साथ दिया था।
लेकिन अब पार्टी के निर्णयों से यह स्पष्ट हो गया है कि अति पिछड़ा वर्ग को सिर्फ वोट बैंक समझा जा रहा है,न कि निर्णय लेने वाले पदों में हिस्सेदार बनाया जा रहा है।
प्रदेश महासचिव भोला सहनी ने भी पार्टी पर यही आरोप लगाया और कहा कि अति पिछड़ा समाज को लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है। उन्होंने भी पार्टी के सभी पदों और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने की घोषणा की।
प्रेस वार्ता में मौजूद अन्य प्रमुख पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने भी एक स्वर में पार्टी छोड़ने की घोषणा की। गोपाल लाल देव प्रधान महासचिव,राम सुंदर कामत जिला महासचिव,सुशील सहनी,देवन सहनी, राजाराम लालदेव बाहरी प्रखंड अध्यक्ष, हरिराम लालदेव हायाघाट प्रखंड अध्यक्ष, गौरव राम, प्रीति कुमारी, संजना देवी, अजय कुमार साहू,अजय सहनी,मनमोहन कामत,सुजीत गौरव,सरस्वती देवी,रंजीत कुमार देव,विक्रम कुमार सत्संगी,रूपेश कुमार दास,पिंटू यादव,हरेराम दास,प्रमोद यादव,मनोज कुमार शाह,राहुल प्रसाद,महेश लालदेव,अमरेश कुमार,विनोद कुमार लाल,राजीव कुमार,शिवजी लालदेव,बेबी देवी,सुनील कुमार महतो,देवराज महतो,शंभू लालदेव,सत्यनारायण लालदेव,संतोष कुमार मंडल,कमल यादव,कमलेश्वर यादव,संतोष राम,अजय कुमार,समसूल हक़ आदि।इस इस्तीफे के बाद अब यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि ये सभी नेता किसी नई राजनीतिक दिशा की ओर बढ़ सकते हैं।
हालांकि प्रेस वार्ता में उन्होंने फिलहाल किसी नई पार्टी में शामिल होने की घोषणा नहीं की,लेकिन संकेत दिए कि जल्द ही कोई बड़ा निर्णय लिया जा सकता है। राजद के लिए यह सामूहिक इस्तीफा बड़ा राजनीतिक झटका माना जा रहा है,खासकर तब जब बिहार में विधानसभा चुनाव 2025 नजदीक हैं। अति पिछड़ा वर्ग की नाराजगी पार्टी के चुनावी गणित को प्रभावित कर सकती है।
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