हीरामंडी के बाद सदमे में चला गया था ये एक्टर, नेपोटिज्म की चढ़ा बलि, पापा के बनाए आलीशान घर को बोला जेल
जब भी कोई स्टार किड बॉलीवुड में कदम रखता है, तो नेपोटिज्म का मुद्दा उठ जाता है। हालांकि, अब 'हीरामंडी' के एक्टर ने खुद ने बताया कि इस कारण उन्हें 17 स ...और पढ़ें

हीरामंडी के बाद क्यों शॉक्ड रह गया था ये एक्टर/ फोटो- Instagram
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। जब से कंगना रनौत ने नेपोटिज्म शब्द का इस्तेमाल किया है, तब से फैंस ने भी इंडस्ट्री को इनसाइडर और आउटसाइडर दो अलग-अलग कैटेगरी में बांट दिया है। सोशल मीडिया पर मौजूदा कई यूजर्स को लगता है कि अगर स्टार्स किसी फिल्मी परिवार से ताल्लुक रखते हैं, तो उन्हें इंडस्ट्री में काम मिलना बहुत ही आसान है।
एक्ट्रेसेस के लिए जहां फिल्मी फैमिली से ताल्लुक रखना करियर के लिए फायदेमंद रहा, तो वहीं अध्ययन सुमन से लेकर गिरीश कुमार, जैकी भगनानी जैसे कई एक्टर आए, जिन्हें ऑडियंस ने हीरो के रूप में स्वीकार करने से मना कर दिया। फिल्मी फैमिली में जन्मा एक एक्टर को ऐसा है, जिसने 17 साल में सिर्फ एक हिट फिल्म दी। आज उस एक्टर के लिए लग्जरी लाइफ जेल की तरह बन गई है। कौन है वह एक्टर, जिसे हीरामंडी करने के बाद भी नहीं मिला काम, नीचे डिटेल में पढ़ें स्टोरी:
नेपोटिज्म की वजह से नहीं मिला काम
कंगना रनौत के साथ कभी अपने अफेयर को लेकर चर्चा में रहे और उनके साथ ही अपने करियर की पहली हिट फिल्म देने वाले ये अभिनेता कोई और नहीं, बल्कि अध्ययन सुमन हैं, जो फिल्में न मिलने से काफी परेशान हैं। अध्ययन ने कहा, "मैं ये कह सकता हूं कि मैं ही नेपोटिज्म का सबसे अच्छा उदाहरण हूं, जिसको नेपोटिज्म की वजह से काम नहीं मिला, मैं ये साबित भी कर सकता हूं। मुझे लगता है कि नेपोटिज्म फालतू का मुद्दा है, अब ये बस एक फैशन कन्वर्सेशन बन चुका है"।
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लग्जरी जेल की तरह लगती है
अध्ययन सुमन से जब उनकी लाइफ के इस डार्क फेज के बारे में पूछा गया तो अभिनेता ने कहा, "एक समय पर लग्जरी जेल की तरह फील होने लगती है। कोई मायने नहीं रखता कि आपके पिता ने आपको कितनी कारें दी हैं, या फिर आप कितने आलीशान घर में रहते हो, मेरे जैसे लोग जो जिंदगी में कुछ करना चाहते हैं, वह इन सब चीजों से दुखी होते हैं"।
उन्होंने आगे कहा, "आप कार खरीद लेते हो, आपके पास घर भी है, लेकिन वह सब आपका नहीं है। वह आपके पिता का है, जो उन्होंने मेहनत से कमाया है। आप बस एन्जॉय कर रहे हैं, लेकिन एक समय के बाद आपको महसूस होता है कि मैं 37 का हूं, मेरा क्या है..मैं एक घर नहीं खरीद सकता"।
हीरामंडी के बाद से शॉक में हूं
शेखर सुमन के बेटे अध्ययन ने इस इंटरव्यू में ये भी बताया कि 'हीरामंडी' में काम करने के बाद उन्हें उम्मीद थी कि उनके पास काम आएगा, लेकिन वह इस बात से काफी शॉक हैं कि उनको वह भूमिकाएं नहीं मिली जिनकी उन्हें उम्मीद थी। अध्ययन ने कहा, "मैं किसे दोष दूं? इंडस्ट्री को या खुद को, क्योंकि मुझे लगा था कि देश के सबसे बड़े निर्देशक संजय लीला भंसाली के साथ काम करने के बाद मुझे काम मिलेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
आपको बता दें कि अध्ययन सुमन ने अपने करियर की शुरुआत साल 2008 में फिल्म हाल ए दिल से की थी। उसके बाद वह राज, हिम्मतवाला, इश्क क्लिक, बेखुदी और चुप जैसी मूवीज में नजर आए।
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