कभी Aishwarya Rai को देती थी टक्कर, अब बौद्ध भिक्षु बनकर जिंदगी बिता रही ये एक्ट्रेस
बॉलीवुड की दुनिया सितारों के साथ आम लोगों को भी चमक-धमक भरी लगती है लेकिन कई लोगों को मन की शांति पैसे या शोहरत नहीं बल्कि आध्यात्मिकता में मिलती है। आज हम एक ऐसी ही एक्ट्रेस के बारे में बताने जा रहे हैं जो कभी ऐश्वर्या और सुष्मिता सेन को टक्कर देती थीं लेकिन बहुत जल्द उन्होंने ये ग्लैमरस वर्ल्ड छोड़कर स्पिरिचुअलिटी की राह चुनी।
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एक्टिंग छोड़ बौद्ध भिक्षु बनी थी ये एक्ट्रेस
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। 90 के दशक में, बॉलीवुड में कई नई एक्ट्रेस आईं जिन्होंने अपने काम और स्टारडम से इंडियन सिनेमा में इतिहास रच दिया। सुष्मिता सेन,ऐश्वर्या राय बच्चन जैसी एक्ट्रेसेस ने भारत के साथ-साथ दुनियाभर में परचम लहराया। यह कहना गलत नहीं होगा इस दौर में एक्ट्रेसेस के बीच तगड़ा कॉम्पिटिशन था और ऐसे में अपनी अलग जगह बनाना कोई छोटी बात नहीं थी।
हालांकि ये शोहरत सबके नसीब में होती भी नहीं है या तो उन्हें मिलती नहीं या फिर इन सबकी चाह खत्म हो जाती है और इंसान कहीं ओर अपनी शांति तलाशने लगता है। आज हम ऐसी ही एक एक्ट्रेस की बात करने जा रहे हैं जो कभी मिस वर्ल्ड ऐश्वर्या राय को टक्कर देती थीं लेकिन बाद में उन्होंने आध्यात्मिकता का रास्ता अपनाय लिया।
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कौन है वो एक्ट्रेस
जिन्होंने न सिर्फ फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाई, बल्कि बॉलीवुड के जाने-माने डायरेक्टर और प्रोड्यूसर का ध्यान भी खींचा। उनमें खूबसूरती और टैलेंट का एकदम सही बैलेंस था, जिसकी वजह से वह खूबसूरत चेहरों की भीड़ में भी सबसे अलग दिखती थीं। 90 के दशक में फिल्म इंडस्ट्री में नाम कमाना कोई आसान काम नहीं था, लेकिन बरखा मदान (Barkha Madan) को यह शोहरत और पहचान बहुत पहले ही मिल गई, जिन्हें अब ग्याल्टेन समतेन के नाम से जाना जाता है।
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ऐश्वर्या-सुष्मिता को दी टक्कर
हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने से पहले, बरखा मदान ने कई सालों तक एक मॉडल के तौर पर काम किया। वह 1994 में फेमिना मिस इंडिया पेजेंट में हिस्सा लेने वालों में से एक थीं। सुष्मिता (Sushmita sen) विनर बनीं, ऐश्वर्या (Aishwarya Rai) फर्स्ट रनर-अप रहीं और बरखा को मिस इंडिया टूरिज्म चुना गया। मॉडलिंग इंडस्ट्री में पहचान बनाने के बाद बरखा ने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में आने का फैसला किया और डायरेक्टर उमेश मेहरा ने उन्हें अपनी फिल्म खिलाड़ियों का खिलाड़ी में एक्टिंग डेब्यू कराया।
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एक्टिंग छोड़ बनीं मोंक
कुछ फिल्मों में नजर आने के बाद 2012 में, बरखा मदान ने अनाउंस किया कि उन्होंने एक्टिंग छोड़ दी है और हिंदी फिल्म इंडस्ट्री छोड़ दी है। यह सबके लिए एक बड़ा शॉक था क्योंकि कहा जाता है कि उन्हें अपनी जबरदस्त एक्टिंग रेंज की वजह से कई फिल्म प्रोजेक्ट्स मिल रहे थे। लामा जोपा रिनपोछे की देखरेख में बरखा बौद्ध भिक्षु बन गईं और अपना नाम बदलकर वेन. ग्याल्टेन समतेन रख लिया।

एक पुराने इंटरव्यू में बरखा मदान ने माना था कि जब उन्होंने अपने माता-पिता को एक्टिंग छोड़कर बौद्ध नन बनने के अपने फैसले के बारे में बताया, तो उन्होंने उनका पूरा सपोर्ट किया। इस वक्त बरखा तिब्बत के सेरा जे मठ में शांति से जिंदगी बिता रही हैं।

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