तीन महीने तक सिनेमा हॉल से नहीं उतरी थी Vinod Khanna की ये फिल्म, अमिताभ बच्चन का स्टारडम भी था खतरे में
कुर्बानी विनोद खन्ना की ब्लॉकबस्टर फिल्मों में से एक थी। पहले ये फिल्म अमिताभ बच्चन को ऑफर हुई थी जिसे उन्होंने ठुकरा दिया था। बाद में ये फिल्म विनोद खन्ना को ऑफर हुई थी और तीन महीने तक सिनेमाघरों में लगी रही। फिल्म ने अपने बजट से पांच गुना ज्यादा कमाई की थी। फिल्म की सफलता को देखकर अमिताभ बच्चन भी घबरा गए थे।

एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। महान अभिनेता अमिताभ बच्चन एक ऐसा नाम है जिसे किसी परिचय की आवश्यकता नहीं है। अभिनेता ने हमेशा अपने बेहतरीन अभिनय से फैंस को अपना दीवाना बना दिया। यही वजह है जिसकी वजह से हर कलाकार उन्हें कॉपी करने की कोशिश करता है। हालांकि, ऐसी कई फिल्में हैं जिन्हें बिग बी ने अपने शुरुआती दिनों में ठुकरा दिया था।
बाद में ये फिल्म जिसके हाथ लगी उसने उस अभिनेता को रातोंरात स्टार बना दिया। इसने उस एक्टर को चमक-दमक और ग्लैमर की दुनिया में एक उभरता हुआ सितारा बना दिया।
अमिताभ बच्चन ने ठुकरा दी थी फिल्म
यहां हम दिवंगत अभिनेता विनोद खन्ना के बारे में बात कर रहे हैं, जो अपने समय में सुपरस्टार थे, लेकिन उनका करियर उतार-चढ़ाव से भरा रहा। अपनी प्रसिद्धि के चरम पर, उन्होंने अभिनय छोड़ने और अध्यात्म की ओर रुख करने का फैसला किया। हालांकि, जब उन्होंने आखिरकार वापसी की, तो यह उनके लिए आशीर्वाद बन गया, जिसमें अमिताभ बच्चन भी शामिल थे।
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लंबे समय तक लगी रही थी फिल्म
इस फिल्म का नाम था कुर्बानी और ये साल 1980 में रिलीज हुई थी। फिरोज खान के डायरेक्शन में बनी इस फिल्म में जीनत अमान, विनोद खन्ना और फिरोज खान की तिकड़ी ने काम किया था। मुंबई के सिनेमाघरों में यह फिल्म तीन महीने तक हाउसफुल रही और बॉक्स ऑफिस पर सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। एक्शन, रोमांस और ड्रामा से भरपूर ‘कुर्बानी' की कहानी और इसका स्टाइलिश अंदाज आज भी फैंस के जेहन में है।
बेहद खास था फिल्म का एक सीन
2.5 करोड़ रुपये के बजट में बनी इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर 25 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई की थी। यह फिल्म लगातार तीन महीने तक खचाखच भरे सिनेमाघरों में बिना किसी शो को हटाए या घटाए सफलतापूर्वक चली। इसके अलावा इस फिल्म का एक सीन बेहद खास था जिसके लिए फिरोज खान ने एक सीन के लिए अपनी ब्रांड न्यू इंटरनेशनल कार को कुर्बान कर दिया था।
इस सीन में कार को तोड़ दिया जाता है। यह सीन अमरीश पुरी के साथ पार्किंग लॉट में फिल्माया गया था। साल 1979 में मुंबई की सड़कों पर मर्सिडीज जैसी लग्जरी कार देखना दुर्लभ बात थी। फिरोज खान ने इस सीन को और प्रभावशाली बनाने के लिए यह जोखिम लिया था जोकि बाद में फिल्म की मुख्य हाइलाइट बन गया।
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